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टाटा ग्रुप में कलह? सरकार तक पहुंचा मामला, बैठक में लिया गया ये फैसला

Tata Group में आंतरिक मतभेदों का मामला अब सरकार तक पहुंच चुका है और इसे लेकर बड़ी बैठक हुई है. इसमें ग्रुप के टॉप मैनेजमेंट को बिना किसी टकराव के किसी भी तरह मामले को सुलझाने के लिए कहा गया है.

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टाटा में आंतरिक मतभेदों का मामला पहुंचा सरकार के पास (File Photo: ITG)
टाटा में आंतरिक मतभेदों का मामला पहुंचा सरकार के पास (File Photo: ITG)

देश के सबसे बड़े कारोबारी घरानों में से एक टाटा समूह में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. ये हम नहीं कह रहे, बल्कि एक रिपोर्ट में बताया गया है कि शीर्ष नेतृत्व में आंतरिक मतभेदों का असर ग्रुप पर पड़ रहा है. ये मामला सरकार के पास भी पहुंच चुका है. ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने टाटा समूह के नेतृत्व से टाटा ट्रस्ट में स्थिरता को बहाल करने के लिए कहा है. 

अमित शाह के साथ एक घंटे चली बैठक!
रिपोर्ट के मुताबिक, आंतरिक मतभेदों को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर एक बैठक हुई, जो करीब एक घंटे तक चली. इस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहीं और उन्होंने टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन नोएल टाटा, वाइस चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के साथ ही ट्रस्टी डेरियस खंबाटा को मामला सुलझाने के लिए कहा. सभी से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि आंतरिक मतभेदों का असर टाटा संस पर बिल्कुल भी न पड़े.

'किसी भी तरह से सुलझाएं परेशानी'
सरकार इस बात को लेकर बेहद चिंतित है कि ट्रस्टियों के बीच मतभेद समूह की कंपनियों के शासन और प्रबंधन में भी फैलने की चिंता बनी हुई है. रिपोर्ट की मानें, तो सरकार की ओर से टाटा के टॉप मैनेजमेंट को किसी भी तरह से स्थिरता बहाल करने के लिए निर्देशित किया गया है. इसके साथ ही कहा गया है कि ऐसा निर्णायक कदम उठाया जाना जाहिए, इससे टाटा संस के व्यापक कामकाज पर कोई असर न हो. यही नहीं ऐसे किसी भी ट्रस्टी को हटाने का भी सुझाव दिया गया था, जो समूह के कामकाज को अस्थिर कर सकते हों.

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टाटा में मतभेदों पर सरकार गंभीर
सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है, जिससे कि ट्रस्ट अपने मतभेदों को आंतरिक रूप से और विवेकपूर्ण तरीके से बिना किसी टकराव या तनाव के सुलझा लें. ईटी के मुताबिक, इस बैठक के बाद टाटा ग्रुप के चारों प्रतिनिधियों ने मुंबई लौटने से पहले एक संक्षिप्त आंतरिक चर्चा भी की. इसके बाद ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि वे सभी टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की पहली पुण्यतिथि पर आयोजित दो दिवसीय स्मरण समारोह में शामिल होंगे, जिनका 9 अक्टूबर, 2024 को बीमारी के चलते निधन हो गया था.

आजादी से पहले से TATA का दबदबा
टाटा ग्रुप की शुरुआत आजादी से काफी पहले साल 1868 में हुई थी. आज देश को नमक से लेकर लग्जरी कार तक बनाकर देने वाले समूह का हर सेक्टर में दबदबा है. आईटी सेक्टर में देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा ग्रुप की टीसीएस है, तो वहीं मेटल सेक्टर में टाटा स्टील, ऑटोमोबाइल में टाटा मोटर्स के साथ हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की इंडियन होटल ग्रुप की बड़ी कंपनियों में शामिल हैं. एअर इंडिया के जरिए जहां टाटा समूह एविएशन सेक्टर में बड़ा नाम है, तो वाहनों के मामले में जैगुआर और लैंड रोवर ब्रांड भी टाटा के हाथ में हैं. 

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