पिछले कुछ दिन से रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है. यह अपने 52 सप्ताह के हाई लेवल 1,608.80 से गिरकर 1,254.85 रुपये पर आ चुका है. इसका RSI भी 30 से नीचे आ चुका है, जिसका मतलब है कि यह शेयर ओवर सोल्ड हो चुका है. इस बीच, एक्सपर्ट ने मार्केट में गिरावट को इग्नोर करते हुए इसके शेयरों को खरीदने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि यह शेयर आगे फ्यूचर में शानदार तेजी दिखाएगा.
विदेशी ब्रोकरेज CLSA का कहना है कि अभी शेयर बाजार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के 40 बिलियन डॉलर के न्यू एनर्जी कारोबार को नजरअंदाज कर रहा है. ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि 2025 में रिलायंस के शेयर की कीमत को कुछ चीजें ट्रिगर करेंगी, जिसमें एयरफाइबर कस्टमर्स की संख्या बढ़ोतरी, रिलायंस जियो का संभावित आईपीओ, रिटेल बिजनेस में इजाफा और न्यू एनर्जी शामिल है.
70% बढ़ सकता है ये शेयर
विदेशी ब्रोकरेज को रिलायंस की पूरी तरह से एकीकृत 20GW सोलर गीगाफैक्ट्री पर भरोसा है, जिसे 3-4 महीने में लॉन्च किया जाना है. ब्रोकरेज का मानना है कि ब्लू-स्काई नजरिए में RIL का शेयर 70 प्रतिशत तक बढ़ सकता है. वहीं अपने बेस केस में, यह तेल-से-टेलीकॉम प्रमुख के लिए 30 प्रतिशत की तेजी ला सकता है. हालांकि बुधवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 1.80% टूटकर 1,251.25 रुपये पर आ गया था. इस साल रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों (Reliance Industries Share) में 3.37 फीसदी की गिरावट आई है.
न्यू एनर्जी बिजनेस को शून्य मान रहा बाजार!
सीएलएसए ने कहा कि RIL गीगाफैक्ट्री को ग्लोबल कंट्रीब्यूशन के माध्यम से फर्म के टेक्निकल लीडर्स से लाभ मिलता दिख रहा है. सीएलएसए ने हाल ही में लिस्टेड अन्य कंपनियों की तुलना में छूट के आधार पर 30 बिलियन डॉलर का सोलर व्यवसाय मूल्य निकाला, फिर भी रिलायंस का शेयर अपने रेनी-डे वैल्यूएशन के 5 प्रतिशत के भीतर कारोबार कर रहा है, जिसका मतलब है कि दलाल स्ट्रीट न्यू एनर्जी बिजनेस को शून्य मूल्य दे रहा है.
सीएलएसए ने कहा कि प्रोजेक्ट्स के वित्तीय पहलुओं पर हमारे गहन अध्ययन से पता चलता है कि अगले चार से पांच वर्षों में सोलर बिजनेस का सालान एबिटा 1.7 बिलियन डॉलर होगा और इसकी वैल्यू 30 बिलियन डॉलर से अधिक होगी, जो हाल ही में लिस्टेड भारतीय सौर पीवी निर्माताओं के प्रतिस्थापन लागत वैल्यूवेशन से कम है. सीएलएसए ने कहा कि यह वैल्यूवेशन भारतीय सोलर एनर्जी के लिए अच्छी संभावना पैदा कर रहा है.
कहां तक जाएगा शेयर
इसने शेयर को 'आउटपरफॉर्म' रेटिंग देते हुए और 1,650 रुपये का टारगेट देते हुए ब्रोकरेज ने कहा कि हम इस शेयर को 2025 में महत्वपूर्ण उत्प्रेरक की भूमिका निभाने के लिए एक आकर्षक प्रवेश बिंदु के रूप में देखते हैं. आरआईएल के शेयर को हाल ही में एक्स-बोनस मिला है. एक्सपर्ट एजेंसियों का अनुमान है कि 2023 के अंत तक दुनिया भर में स्थापित 1.4TW सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 2030 तक 3.5 गुना वृद्धि होगी. अभी चीन इस सेक्टर में सबसे ज्यादा एनर्जी उत्पादित कर रहा है, लेकिन अमेरिका में टैरिफ हाइक के बाद भारत के लिए अपार संभावनाएं होगीं. ऐसे में रिलायंस के शेयरों को बड़ा लाभ होगा.
(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)