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India-US डील पर सरकार का पहला बयान, निर्मला बोलीं, 'बड़े, शानदार समझौते के पक्ष में हम भी...'

Nirmala Sitharaman ने कहा है कि भारत में टैरिफ की जो दरें प्रभावी हैं, वो संसद की मंजूरी के बाद घोषित की जाती हैं और ये WTO की तय सीमा से काफी नीचे हैं. ऐसे में भारत को टैरिफ किंग कहा जाना पूरी तरह से अनुचित है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडिया-यूस ट्रेड डील पर की बात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडिया-यूस ट्रेड डील पर की बात

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ (Trump Tariff) से मिली 90 दिन की छूट खत्म होने वाली है और इसकी डेडलाइन 9 जुलाई है. इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की ओर से India-US Trade Deal को लेकर एक बड़ा बयान देते हुए सरकार का रुख साफ कर दिया है. उन्होंने कहा है कि भारत, अमेरिका के साथ के साथ एक बड़ा और अच्छा समझौता करना चाहेगा, लेकिन इसके लिए शर्तें भी लागू होंगी.  

एग्रीकल्चर-डेयरी सेक्टर पर हो विचार
अमेरिका के साथ व्यापक समझौते को लेकर बात करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत में एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर्स के लिए अभी निश्चित सीमाएं हैं, जिन पर विचार किया जाना बेहद जरूरी है. Donald Trump का हवाला देते हुए वित्त मंत्री ने एक इंटरव्यू के दौरान अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि, 'हां, क्यों नहीं, हम एक समझौता करना चाहेंगे, एक बड़ा, अच्छा-शानदार समझौता.'

'टैरिफ किंग' के लेबल पर कही ये बात 
Nirmala Sitharaman ने इस दौरान भारत को लेकर अक्सर डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले 'टैरिफ किंग' (Tariff King) के लेबल को लेकर भी बात की और कहा कि भारत में जो टैरिफ दरें प्रभावी हैं, वे जितनी दिखती है, हकीकत में उससे कहीं ज्यादा कम हैं. उन्होंने आगे कहा कि ये प्रभावी Trariff संसद की मंजूरी के बाद राजपत्र में घोषित की जाती हैं, जो कि विश्व व्यापार संगठन (WTO) की तय सीमा से काफी नीचे हैं. ऐसे में भारत को टैरिफ किंग कहा जाना पूरी तरह से अनुचित है. 

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भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर सहमति!
वित्त मंत्री सीतारमण का ये बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस घोषणा के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के बारे में पूरी तस्वीर संभावित रूप से 8 जुलाई से पहले साफ हो सकती है. Trump के मुताबिक, India-US समझौते में दोनों देशों के बीच व्यापार में आने वाली सभी तरह की रुकावटों को दूर करना शामिल हो सकता है और इससे प्रभावित होने वाले प्रमुख क्षेत्र आईटी, मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज के साथ ही ऑटोमोबाइल सेक्टर शामिल हैं. इस बीच इंडिया टुडे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि भारत-अमेरिकी के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते की शर्तों पर अब सहमति बन गई है और इसे अंतिम रूप दे दिया गया है. 

ट्रंप ने भारत को लेकर कही थी ये बात 
गौरतलब है कि बीते सप्ताह Donald Trump की ओर से कहा गया था कि भारत के साथ जल्द एक बड़ा व्यापार समझौता हो सकता है और हम हम भारत के लिए दरवाजे खोलने जा रहे हैं. उनके इस बयान के बाद भारत सरकार की ओर वित्त मंत्री ने इंडिया-यूएस डील पर पहला और बड़ा बयान देते हुए बड़े और शानदार समझौते के लिए तैयार होने की बात कही है. उन्होंने ये भी कहा है कि India-US के बीच ट्रेड पर बातचीत के दौरान भारतीय पक्ष ने तमाम सेक्टर्स के उद्योगों की चिंताओं को ध्यान में रखा है. 

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डोनाल्ड ट्रंप ने बीते 2 अप्रैल को तमाम देशों पर पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariff) का ऐलान किया था और बाद में भारत समेत तमाम देशों के लिए इसे 90 दिन के लिए टाल दिया गया था. 

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