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Petrol Diesel Rate Hike: रूसी तेल भारत के लिए सस्ता नहीं, यूरोप उठा रहा है भरपूर फायदा

Petrol Diesel Rate Hike: आने वाले दिनों में एक बार फिर से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. भारत ने रूस से अधिक मात्रा में क्रूड ऑयल का इंपोर्ट शुरू किया है, लेकिन देश की रिफाइनरी को अधिक फायदा नहीं मिल पा रहा है.

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फिर से बढ सकती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें
फिर से बढ सकती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रूस से इंपोर्ट का खर्च अधिक
  • यूरोप के देश उठा रहे हैं फायदा

रूस-यूक्रेन के बीच 3 महीने से जारी युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच रूस ने क्रूड ऑयल (Russia Crude Oil) को लेकर बड़ा ऐलान किया था. रूस ने कहा था कि वो क्रूड ऑयल की बिक्री ग्लोबल बेंचमार्क (Crude Global Rate) के मुकाबले 30 फीसदी के कम भाव से करेगा. इसकी वजह से भारत में भी पेट्रोल-डीजल के रेट (Petrol Diesel Rate) में गिरावट की उम्मीद जगी थी. लेकिन भारतीय रिफाइनरी (Indian Refiners) को रूस से सस्ते क्रूड ऑयल का कुछ खास फायदा नहीं मिला, बल्कि यूरोपीय देशों (European Union) को इसका भरपूर फायदा मिल रहा है. ऐसे में आने वाले दिनों में देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें में बढ़ सकती हैं.

भारत को नहीं मिल रहा अधिक फायदा

यूक्रेन से युद्ध की शुरुआत के बाद भारत की सरकारी और प्राइवेट रिफाइनरियों ने रूस से क्रूड ऑयल का निर्यात बढ़ा दिया. रूस ग्लोबल रेट के मुकाबले कम दर पर क्रूड ऑयल बेच रहा है. लेकिन भारत पहुंचने के बाद रूस का क्रूड आयल मात्र 10 डॉलर प्रति बैरल ही सस्ता पड़ रहा है. वहीं, यूरोपीय देश रूस की इस छूट का फायदा उठा रहे हैं. दरअसल, यूरोप रूस के करीब है, इसकी वजह से कच्चे तेल की डिलीवरी की कॉस्ट कम पड़ती है. वहीं, भारत को डिलीवरी के लिए अधिक खर्च करना पड़ता है.

शिपिंग कॉस्ट अधिक

खबरों के मुताबिक, रूस इस वक्त ग्लोबल रेट के मुकाबले 35 फीसदी के कम रेट पर क्रूड ऑयल बेच रहा है. यह फ्री ऑन बोर्ड बेसिस पर है. इसके बाद भारतीय रिफाइनरियों को रूस से क्रूड ऑयल मंगाने के लिए शिपिंग और इंश्योरेंस कॉस्ट के रूप में बड़ी रकम का भुगतान करना पड़ता है. रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से शिपिंग और इंश्योरेंस कॉस्ट में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. साथ ही कच्चे तेल का कारोबार करने वाले व्यापारियों ने अपना मार्जिन कॉस्ट भी बढ़ा दिया है. इसकी वजह से भारतीय रिफाइनरी को ग्लोबल बेंच मार्क की तुलना में क्रूड ऑयल सिर्फ 10 डॉलर प्रति बैरल ही सस्ता पड़ रहा है.

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अप्रैल में भारत ने किया अधिक इंपोर्ट

S&P ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के अनुसार, रूस का क्रूड ऑयल पहली बार अप्रैल में भारत के कुल तेल आयात का 5 फीसदी हिस्सा बन था. रिफाइनरी ने मांग और बढ़ती कीमतों के बीच सस्ते तेल के लिए रूस की तरफ रूख किया था. रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले भारतीय रिफाइनरी अधिक शिपिंग कॉस्ट के कारण बहुत कम रूस के तेल का इस्तेमाल करती थीं.

यूरोपीय संघ अपने इंपोर्ट तेल का 27 फीसदी हिस्सा रूस से प्राप्त करता है. युद्ध और प्रतिबंधों के बावजूद यूरोप रूस के क्रू़ड ऑयल का सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है. ब्रिटेन को अपनी तेल की जरूरत का 8 फीसदी रूस से इंपोर्ट करता है. फिलहाल भारतीय बाजर में ईंधन (Fuel Price) पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के दाम लगातार स्थिर बने हुए हैं. 


 

 

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