
तुर्किए ने कई बार भारत के साथ गलत व्यवहार किया है. जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच किसी बात को लेकर तनातनी हुई, तुर्किए ने पाकिस्तान का साथ दिया. इस बार भी तुर्किए का गंदा चेहरा दुनिया के सामने आ गया. आतंकवाद के खिलाफ जब भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बनाया तो तुर्किए ने भारत के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दिया.
अब भारत ने पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्किए खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है. पाकिस्तान को ड्रोन और हथियार मुहैया कराने से लोग आक्रोश में हैं. आर्थिक चोट पहुंचाई जा रही है, बायकॉट तुर्किए का अभियान चल रहा है. आने वाले दिनों में भारत तुर्किए के खिलाफ आर्थिक तौर पर बड़े फैसला ले सकता है.
भारत में कई जगहों पर तुर्किए की कंपनियां कारोबार कर रही हैं, अब भारत उनसे लगातार करार तोड़ रहा है. लेकिन सवाल उठता है कि भारत और तुर्किए के बीच कितना बड़ा व्यापार होता है. अगर भारत पूरा कारोबारी रिश्ता तोड़ता है तो तुर्किए के लिए कितना बड़ा झटका होगा. क्या दोनों देशों के बीच इतना अधिक व्यापार होता है, जिसके रोकने से दोनों देशों को आर्थिक तौर पर परेशानी होगी?
भारत में खासकर तुर्किए से इंपोर्ट सेब और मार्बल का बायकॉट किया जा रहा है. तुर्किए के टूरिज्म का भी विरोध हो रहा है. क्योंकि भारत से हर साल लाखों लोग तुर्किए घूमने जाते हैं.
आइए अब आंकड़ों से समझते हैं...
सबसे पहले बात तुर्किए की करते हैं, साल 2023 में तुर्किए का कुल व्यापार 619.5 बिलियन डॉलर का रहा था, जिसमें निर्यात 255.8 बिलियन डॉलर और आयात 363.7 बिलियन डॉलर का था. अब जानते हैं कि उसने भारत के साथ कितना व्यापार किया था. तुर्किए का भारत के साथ व्यापार (2023-24) में 10.43 बिलियन डॉलर का रहा था, यानी तुर्की के कुल व्यापार का महज 1.68% भारत के साथ हुआ. इसमें तुर्किए से भारत को एक्सपोर्ट का हिस्सा 0.64% है, जबकि तुर्किए के आयात का 3% हिस्सा भारत से होता है.
अब अगर भारत की बात करें तो साल 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार 10.43 बिलियन डॉलर का हुआ था. भारत ने तुर्किए को 6.65 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया था, जो कि भारत के कुल निर्यात का 1.5 फीसदी है, जबकि भारत ने 3.78 बिलियन डॉलर का आयात किया था, जो कि महज 0.5 फीसदी है. यानी भारत ज्यादा एक्सपोर्ट करता है. अगर मौजूदा साल की बात करें तो अप्रैल 2024-फरवरी 2025 तक भारत ने 5.2 बिलियन डॉलर का निर्यात किया है, और करीब 2.84 बिलियन डॉलर का आयात किया है.
तुर्किए भारत से क्या-क्या लेता है...
खनिज ईंधन (पेट्रोल, डीजल), इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स (ऑटो पार्ट्स, मशीनरी), फार्मास्यूटिकल्स, कपास, टेक्सटाइल और केमिकल.
भारत तुर्किए से क्या-क्या मंगाता है...
भारत को सबसे ज्यादा तुर्किए मार्बल और सेब एक्सपोर्ट करता है. साल 2023 में करीब 10-14 मिलियन टन मार्बल का एक्सपोर्ट हुआ था. जो कि तुर्किए के मार्बल निर्यात का 70% है, और भारतीय करेंसी में 2500-3000 करोड़ रुपये होता है. यानी भारत के विरोध से तुर्किए के मार्बल उद्योग को नुकसान होना तय है. साल 2023 में भारत ने तुर्किए से करीब 92.8 मिलियन डॉलर से सेब मंगवाए थे. इसके अलावा खनिज तेल, सोना, सीमेंट और सब्जियां तुर्किए भारत को देता है.
अब तुर्किए को सबक सिखाने के लिए भारत मार्बल इटली और वियतनाम से ले सकता है. जबकि सेब के लिए न्यूजीलैंड एक विकल्प है, भारत में बड़े पैमाने पर सेब के पैदावार होते हैं.
बायकॉट का तुर्किए पर प्रभाव
आंकड़ों को देखें तो दोनों देशों को व्यापार खत्म करने से कोई बड़ा झटका नहीं लगने वाला है. क्योंकि तुर्किए के कुल निर्यात का केवल 0.64% भारत को जाता है, और इसके आयात का 3% भारत से आता है. इसलिए, तुर्किए की अर्थव्यवस्था पर इसका सीमित प्रभाव पड़ेगा. वहीं भारत का तुर्किए के साथ व्यापार अधिशेष (2.36-2.87 बिलियन डॉलर) का है, जिससे बायकॉट लागू करने की मजबूत स्थिति देता है.
टूरिज्म को लेकर ये है सही तस्वीर
अगर पर्यटन की बात करें तुर्किए का टूरिज्म सेक्टर, जो 2023 में 54.3 बिलियन डॉलर का था, भारतीय पर्यटकों की कमी से थोड़ा प्रभावित हो सकता है. क्योंकि भारतीय पर्यटक तुर्किए के कुल पर्यटकों का छोटा हिस्सा है. तुर्किए ने साल 2024 में पर्यटन से 61.1 बिलियन डॉलर की कमाई की, जिसमें भारतीय पर्यटकों का योगदान सिर्फ 291.6 मिलियन डॉलर था, जो कुल पर्यटन आय का केवल 0.48% है. तुर्किए के पर्यटन डेटा के अनुसार, भारतीय पर्यटकों की संख्या कुल विदेशी पर्यटकों के 2 फीसदी को भी पार नहीं कर सकी. साल 2015 में, 3.62 करोड़ विदेशी पर्यटकों में से केवल 1.3 लाख भारतीय थे, जो मात्र 0.4% थे.
साल 2019 तक, तुर्किए में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़कर 4.51 करोड़ हो गई, जिसमें भारत से केवल 2.3 लाख यानी 0.5% पर्यटक थे. 2023 में, कुल पर्यटक आगमन 4.92 करोड़ तक पहुंचा, जबकि भारतीय पर्यटक 2.7 लाख थे, जो 0.6% थे. साल 2024 में दुनियाभर से कुल 5.26 करोड़ विदेशी पर्यटक तुर्किए पहुंचे, जिसमें भारत से केवल 3.3 लाख पर्यटक थे, जो महज 0.6% होता है.

भारतीय कंपनियों की तुर्किए में मौजूदगी
तुर्किए में भारतीय कंपनियां ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स और आईटी क्षेत्रों में सक्रिय हैं. टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी कंपनियां तुर्किए में मौजूद हैं. जबकि भारत में तुर्किए की कंपनियां इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में काम करती हैं, जैसे कि रेलवे और सड़क निर्माण परियोजनाओं में.