बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) ने अभिनेता सनी देओल (Sunny Deol) का बंगला 'सनी विला' की नीलामी के लिए विज्ञापन देकर हंगामा मचा दिया. बैंक ने सनी देओल पर 56 करोड़ रुपये के लोन का भुगतान नहीं करने की वजह से उनके घर की नीलामी के लिए ऐड निकाला. अब बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा है कि सनी देओल ने सेटलमेंट के लिए बैंक से संपर्क किया है. सनी देओल का यह बंगला मुंबई के जुहू में है. बैंक का ये बयान ई-नीलामी नोटिस के वापस लेने के बाद आया. बैंक ऑफ बड़ौदा ने नीलामी के नोटिस को वापस लेने के पीछे 'तकनीकी कारणों' का हवाला दिया था.
क्यों वापस लिया नोटिस?
एक बयान में बैंक ने कहा कि बिक्री नोटिस संपत्ति के प्रतीकात्मक कब्जे पर आधारित था, जबकि फिजिकल कब्जे के लिए एक अगस्त को आवेदन किया गया था. 21 अगस्त 2023 को पब्लिश सेल नोटिस को वापस लेने की वजहों के बताते हुए बैंक ने कहा कि सबसे पहले कुल बकाया में वसूली जाने वाली बकाया राशि स्पष्ट नहीं थी. दूसरा, सेल नोटिस सिक्योरिटी इंटरेस्ट (इंफोर्समेंट) नियम 2002 के नियम 8(6) के अनुसार संपत्ति के प्रतीकात्मक कब्जे पर आधारित था. बैंक द्वारा एक अगस्त को मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के साथ कब्जे के लिए एक आवेदन किया गया है. इसपर अभी अनुमति नहीं मिली है.
सनी देओल ने बैंक से किया संपर्क
बैंक ऑफ बड़ौदा के एक प्रवक्ता ने कहा कि उधारकर्ता (सनी देओल) ने 20 अगस्त 2023 को पब्लिश सेल नोटिस के संबंध में राशि के निपटान के लिए बैंक से संपर्क किया है. उधारकर्ता/गारंटरों को सूचित किया गया था कि वे बकाया राशि/लागत/का भुगतान करके ऐसेट को नीलामी से पहले अपने पास रखने के लिए हकदार हैं. इसके अनुसार, अन्य मामलों में भी अपनाई जाने वाली सामान्य उद्योग प्रैक्टिस के अनुसार सेल नोटिस को वापस ले लिया गया है.
कितना बकाया है कर्ज?
बताया जाता है कि अजय सिंह देओल उर्फ Sunny Deol ने इस बंगले के लिए बैंक से Loan लिया था, जिसका 55 करोड़ 99 लाख 80 हजार 766 रुपए रुपये बकाया है. इस रकम को उन्होंने नहीं चुकाया है. ऐसे में बैंक उनके बंगले की नीलामी के लिए ई-ऑक्शन नोटिफिकेशन जारी कर 51.43 करोड़ रुपये मिनिमम अमाउंट तय किया था और बंगले की नीलामी 25 सितंबर 2023 को होने की जानकारी दी थी.
किस स्थिति में संपत्ति नीलाम करता है बैंक
बैंकों की लोन प्रक्रिया के दौरान इस तरह की नीलामी के मामलों के लिए कई नियम-कानून बनाए गए हैं. RBI की गाइडलाइंस के मुताबिक, अगर कोई ग्राहक होम लोन की पहली किस्त (Home Loan EMI) नहीं चुकाता है, तो बैंक या वित्तीय संस्थान उसे गंभीरता से नहीं लेता है.
बैंक को लगता है कि किसी कारणवश एक EMI में देरी हो रही है. लेकिन जब ग्राहक लगातार दो EMI भरने से चूक जाता है, तो फिर बैंक सबसे पहले ग्राहक को इस संबंध में रिमाइंडर भेजता है. लेकिन, रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद ग्राहक अगर तीसरी EMI की किस्त भुगतान करने में असफल रहता है, तो बैंक फिर लोन चुकाने के लिए उसे एक कानूनी नोटिस भेजता है.
कब प्रॉपर्टी को किया जाता है नीलाम
NPA घोषित की गई प्रॉपर्टी को तीन तरह की कैटेगरी में डाला जाता है, इनमें सबस्टैंडर्ड असेट्स, डाउटफुल असेट्स और लॉस असेट्स शामिल हैं. ईएमआई नहीं चुकाने की स्थिति में सबसे पहले लोन अकाउंट 1 साल तक सबस्टैंडर्ड असेट्स अकाउंट की कैटेगरी में रखा जाता है. इसके बाद भी कोई आउटपुट ना आने पर इसे बैंक डाउटफुल असेट्स में डाल देता है.
वहीं जब लोन रिकवरी की उम्मीद बिल्कुल खत्म हो जाती है और बैंक को लगने लगता है कि ग्राहक इसे नहीं चुका पाएगा, तो फिर गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी को 'लॉस असेट्स' मान लिया जाता है. बस, लॉस असेट बनने के बाद ही प्रॉपर्टी को नीलाम किया जाता है. नीलामी के लिए बैंक पब्लिक नोटिस जारी करती है और ऑक्शन की डेट सार्वजनिक करती है.