राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कोलकाता दौरे के बाद पटना पहुंचे. इस दौरान उन्होंने न सिर्फ बिहार की मौजूदा एनडीए सरकार पर जोरदार हमला बोला, बल्कि पार्टी के अंदरुनी विवाद पर भी सफाई दी.
तेज प्रताप यादव के ‘जयचंद’ वाले ट्वीट पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का निर्णय ही सर्वोपरि है. यह फैसला पार्टी और बिहार की भलाई को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. मैं किसी की निजी जिंदगी पर टिप्पणी नहीं करूंगा.'
बिहार सरकार को बताया नाकाम
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में डबल इंजन सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है. उन्होंने स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, शिक्षा और रोजगार की दुर्दशा को लेकर मुख्यमंत्री पर तीखे सवाल उठाए. तेजस्वी ने कहा, 'बिहार की जनता अब थक चुकी है. मुख्यमंत्री किसी भी मुद्दे पर न अफसोस जताते हैं, न चर्चा करते हैं.'
कानून-व्यवस्था पर गंभीर आरोप
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर नाम की कोई चीज नहीं बची. उन्होंने कहा, 'प्रशासनिक अराजकता फैली हुई है. मुख्यमंत्री जनता की पीड़ा से पूरी तरह कटे हुए हैं. पीड़ितों से मिलने तक नहीं जाते. दो-दो उपमुख्यमंत्री सिर्फ राजनीतिक कार्यक्रमों और चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं.
बढ़ते अपराधों पर चिंता जाहिर की
उन्होंने राजधानी पटना में बढ़ती आपराधिक घटनाओं का हवाला देते हुए कहा, हर रोज गोलियां चल रही हैं, चाहे सचिवालय हो या फ्लाईओवर. यहां तक कि मुख्यमंत्री आवास के पास भी गोलीबारी हो रही है. यह सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल है.
दलित बच्ची की मौत को लेकर सरकार पर निशाना
तेजस्वी यादव ने दलित बच्ची की मौत के मामले में राज्य सरकार की चुप्पी पर भी हमला बोला,
'सरकार ने कोई संवेदना नहीं जताई. कुछ लोग केवल गाली देने आते हैं और फिर चले जाते हैं. लेकिन जनता जान चुकी है कि यह खटारा सरकार अब अंतिम चरण में है.'
15 साल के सवाल पर जवाब
तेजस्वी ने उन आलोचकों को जवाब देते हुए कहा, 'जो हमसे पूछ रहे हैं कि 15 साल में आपने क्या किया, पहले वे बताएं कि खुद अपने 15 साल में क्या किया. जवाब उन्हें देना है जिन्होंने शासन किया है.'