सिंधु का पानी और ऑपरेशन सिंदूर का दर्द... चीन में शहबाज शरीफ ने क्या-क्या कहा?

SCO के मंच पर पाकिस्तान ने खुद को दूसरों की संप्रभुता का सम्मान करने वाला, संवाद में विश्वास रखने वाला और आतंकवाद से पीड़ित देश के रूप में पेश किया. शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा बातचीत और कूटनीति का पक्षधर रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान टकराव के बजाय परामर्श की वकालत करता है.

Advertisement
शहबाज शरीफ ने SCO की मीटिंग में सभी की संप्रभुता का सम्मान करने का भरोसा दिया. (Photo: PTI) शहबाज शरीफ ने SCO की मीटिंग में सभी की संप्रभुता का सम्मान करने का भरोसा दिया. (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:01 PM IST

चीन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में फिर से अपने मुद्दे लेकर बैठ गए. उन्होंने अपने संबोधन में सिंधु जल समझौते के मुद्दे को उठाया और भारत पर दबाव डालने की कोशिश की

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पहलगाम हमले का जवाब देने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर का सीधा जिक्र तो नहीं किया लेकिन उनके भाषण में ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की तगड़ी पिटाई जिक्र जरूर आया. उन्होंने SCO की मीटिंग में कहा कि हमें गहरा सदमा और निराशा हुई है कि पिछले कुछ महीनों में इस क्षेत्र में बेहद परेशान करने वाली घटनाएं घटी हैं.

Advertisement

शहबाज शरीफ ने भारत और सिंधु जल समझौते की ओर अप्रत्यक्ष इशारा करते हुए कहा कि हम सभी अंतर्राष्ट्रीय और द्विपक्षीय संधियों का सम्मान करते हैं और उम्मीद करते हैं कि सभी SCO सदस्य समान सिद्धांतों का पालन करेंगे. 

बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है.  

मिलना चाहिए पानी का उचित हिस्सा

SCO शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम शहबाज शरीफ ने कहा, "एससीओ सदस्यों के बीच मौजूदा संधियों के अनुसार पानी के उचित हिस्से का निर्बाध पहुंच एससीओ को सुचारू रूप से काम करने में मजबूती प्रदान करेगी और उन व्यापक लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायता करेगी जिनके लिए एससीओ की स्थापना की गई थी."

शहबाज शरीफ ने सिंधु जल समझौते के निलंबित होने का दुखड़ा तो SCO सदस्यों को बता दिया, लेकिन वे बड़ी सहजता से पहलगाम हमले में पाकिस्तान के रोल का जिक्र करना भूल गए. 

Advertisement

एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री शहबाज ने सभी लंबित विवादों पर चर्चा के लिए एक व्यापक और संरचनात्मक वार्ता का आह्वान किया और 

पड़ोसियों से सामान्य और स्थिर संबंध की गुजारिश

शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसियों के साथ सामान्य और स्थिर संबंध चाहता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह संघर्ष और टकराव के बजाय बातचीत और कूटनीति चाहता है.

सदमा लगा, गहरी निराशा हुई

पाक पीएम ने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बहुपक्षवाद का समर्थन करता है यानी कि किसी एक पक्ष का प्रभुत्व नहीं होना चाहिए. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की ओर इशारा करते हुए कहा, "पाकिस्तान ने हमेशा बहुपक्षवाद, संवाद और कूटनीति की शक्ति में विश्वास किया है और मसलों के एकतरफा समाधान से परहेज किया है. फिर भी, हमें सदमा लगा है और गहरी निराशा हुई है कि पिछले कुछ महीनों में इस पूरे क्षेत्र ने बेहद चिंताजनक घटनाक्रम देखे हैं."

विश्व बिरादरी के सामने सभ्य देश का चोला ओढ़ते हुए पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि पाकिस्तान सभी एससीओ सदस्यों और अपने पड़ोसियों की संप्रभुता और अखंडता का समर्थन और सम्मान करता है. 

टकराव के बजाय परामर्श की वकालत

पाकिस्तान को शांति पंसद देश के तौर पर पेश करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि हम सभी एससीओ सदस्यों और एससीओ के अध्यक्ष के साथ मिलकर पूरे क्षेत्र में प्रगति और समृद्धि को बढ़ावा देने और दक्षिण एशिया में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगे.

Advertisement

उन्होंने दोहराया, "पाकिस्तान ने हमेशा संयुक्त राष्ट्र और एससीओ चार्टर का पालन किया है और उन सिद्धांतों का हमेशा सम्मान करेगा जो हम सभी के सामूहिक हित के लिए जरूरी हैं. एक शांतिप्रिय राष्ट्र के रूप में, पाकिस्तान ने हमेशा बातचीत और कूटनीति, तथा टकराव के बजाय परामर्श की वकालत की है."

शहबाज शरीफ ने कहा कि आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद का खतरा पाकिस्तान के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है और पूरे एससीओ क्षेत्र और एससीओ परिवार की शांति और सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है.

बता दें कि तियानजिन SCO घोषणा पत्र में पहलगाम आतंकी हमले और पाकिस्तान में जफर एक्सप्रेस पर हुए हमले का जिक्र किया गया है और उनकी निंदा की गई है.

Read more!
---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement