भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) की तरफ से सभी कंपनियों के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं. गाइडलाइंस में कहा कि भारत में सेल होने वाले स्मार्टफोन के अंदर साइबर सेफ्टी ऐप्स संचार साथी को इंस्टॉल करना चाहिए. ऐपल इन गाइडलाइंस को लेकर सरकार से चर्चा करना चाहती है और इस फैसले को मानने के हक में नहीं है. ये जानकारी रॉयटर्स ने दी है.
रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ऐपल सरकार के इस निर्देश का पालन करने की योजना में नहीं है. कंपनी इसके बारे में केंद्र सरकार को बताएगी. सरकार के इस फैसले के बाद बहुत से लोगों ने प्राइवेसी का पर सवाल खड़े किए हैं.
भारत सरकार ने देश में स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों या फिर इंपोर्ट करने वाले ब्रांड के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं. गाइडलाइंस में कहा कि भारत में अब साइबर सेफ्टी ऐप्स संचार साथी को इंस्टॉल करना होगा.
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Apple दुनिया में किसी भी ऐसे ऑर्डर को नहीं मानता है
Apple भारत सरकार के इन गाइडलाइंस का पालन करने के पक्ष में नहीं है और इसको लेकर वह सरकार के बातचीत की प्लानिंग बना रही है. कंपनी सरकार को बताएगी कि वह दुनिया में कहीं भी ऐसे किसी भी ऑर्डर का पालन नहीं करता है. इससे कंपनी का ईकोसिस्टम प्रभावित होगा. ये जानकारी सूत्रों के हवालों से मिली है.
90 दिनों के अंदर फॉलो करना होगा
सरकार ने इस नियम को फॉलो करने के लिए 90 दिन का समय दिया है और 120 दिन के बाद सभी कंपनियों को अपनी रिपोर्ट भी सौंपनी होगी. जिन फोन को तैयार किया जा चुका है और वे सेल्स चैनल्स में हैं, उनको सॉफ्टवेयर अपडेट (OTA) के जरिए इस ऐप को इंस्टॉल किया जाएगा.
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न डिलीट और न डिसेबल कर सकेंगे ऐप
डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन ने पोस्ट करके बताया है संचार साथी ऐप को यूजर्स जब चाहें तब डिलीट कर सकते हैं. इस ऐप को रखना मोबाइल यूजर्स की अपनी पसंद है.
संचार साथी ऐप के अंदर कई फीचर्स
साइबर साथी ऐप की मदद से चोरी हुए फोन को ट्रैक करने, उन्हें ब्लॉक करने और उनका दुरुपयोग रोकने के लिए तैयार किया गया है.
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