डु प्लेसिस बोले- अश्वेतों की जिंदगी के बिना कोई जिंदगी मायने नहीं रखती

मेरिका में अफ्रीकी मूल के जार्ज फ्लॉयड की एक श्वेत पुलिसकर्मी के हाथों मौत के बाद विश्व भर में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन चल रहा है.

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Former SA captain Faf du Plessis (Getty) Former SA captain Faf du Plessis (Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 2:11 PM IST

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान और स्टार बल्लेबाज फाफ डु प्लेसिस ने नस्लवाद के खिलाफ अपना समर्थन व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि किसी की भी जिंदगी तब तक मायने नहीं रखती, जब तक कि अश्वेतों का जीवन मायने नहीं रखता. अमेरिका में अफ्रीकी मूल के जार्ज फ्लॉयड की एक श्वेत पुलिसकर्मी के हाथों मौत के बाद विश्व भर में ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ (अश्वेत जीवन भी मायने रखता है) आंदोलन चल रहा है.

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इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज के पहले मैच से पूर्व दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने खुलकर इसका समर्थन किया. डु प्लेसिस ने कहा कि अब नस्लवाद से लड़ने का समय आ गया है. इस 36 साल के क्रिकेटर ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर लिखा, ‘पिछले दो महीनों में मुझे यह महसूस हुआ कि हमें यह तय करना होगा कि हमें किससे लड़ना है. हम अपने देश में कई तरह के अन्याय से घिरे हुए हैं जिन पर तुरंत ध्यान देने और उन्हें ठीक करने की जरूरत है.’

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उन्होंने कहा, ‘मैं मानता हूं कि दक्षिण अफ्रीका अब भी नस्लवाद के कारण बंटा हुआ है और यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इसके समाधान का हिस्सा बनूं.’ यह डु प्लेसिस के पूर्व के रवैए के विपरीत है, जब उन्होंने नस्लवाद पर बात करने से इनकार कर दिया था.

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इस साल के शुरू में तेम्बा बावुमा को टीम से बाहर करने पर उन्होंने कहा था कि, ‘हम रंग देखकर चयन नहीं करते.’ डुप्लेसिस ने कहा कि ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान को उनका पूरा समर्थन है. उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैं कहूंगा कि किसी की भी जिंदगी तब तक मायने नहीं रखती जब तक कि अश्वेतों का जीवन मायने नहीं रखता. मैं अब बात कर रहा हूं क्योंकि अगर मैं उचित समय का इंतजार करूंगा तो वह कभी नहीं आएगा. बदलाव के लिए काम जारी रखना जरूरी है और हम सहमत हों या असहमत बातचीत बदलाव का वाहक होती है.’

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