कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, सख्त नियम और मुआवजे की मांग

यह याचिका वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर की गई है, जिसमें इस पूरे प्रकरण की जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई की विशेषज्ञ समिति से कराने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर जज से कराई जाए.

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कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. (File Photo- ITG) कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. (File Photo- ITG)

संजय शर्मा / अनघा

  • नई दिल्ली,
  • 09 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:25 PM IST

मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों में दूषित कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के गंभीर मामला अब देश की सर्वोच्च अदालत में पहुंच गया है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है और कल (शुक्रवार) इस पर सुनवाई का भरोसा दिया है.

वहीं, इस त्रासदी के केंद्र में रही तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स (Sresan Pharmaceuticals) कंपनी के मालिक पर बड़ी कार्रवाई हुई है, जबकि तमिलनाडु सरकार ने भी दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

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कफ सिरप के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. वकील विशाल तिवारी की ओर से दाखिल जनहित याचिका (PIL) में इस पूरे मामले की जांच के लिए कई महत्वपूर्ण मांगें की गई हैं. याचिका में कहा गया है कि जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के किसी सेवानिवृत्त जज से कराई जाए ताकि निष्पक्षता बनी रहे.

याचिका में सख्त नियम और मुआवजे की मांग

याचिका में यह भी कहा गया है कि इन सिरप में इस्तेमाल किए गए डाई-इथीलीन ग्लाइकॉल और एथीलीन ग्लाइकॉल जैसे जहरीले रसायनों की बिक्री और निगरानी पर सख्त नियम बनाए जाएं. साथ ही, पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने और विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़कर एक ही एजेंसी से जांच कराने की मांग की गई है.

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इसके अलावा, याचिका में ऐसी कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने, बाजार से उनके उत्पाद वापस मंगाने, और एक ‘ड्रग रिकॉल पॉलिसी’ बनाने की भी अपील की गई है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों. इस मामले की जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के जरिए विशेषज्ञों की समिति बनाकर कराई जाए.

तमिलनाडु में फार्मा मालिक गिरफ्तार, दो अधिकारी निलंबित

तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक जी. रंगनाथन को मध्य प्रदेश पुलिस की टीम ने चेन्नई पुलिस की मदद से गुरुवार तड़के गिरफ्तार कर लिया. रंगनाथन की गिरफ्तारी 7 अक्टूबर से जारी तलाशी अभियान के बाद आज (गुरुवार) सुबह 1:30 बजे की गई. पुलिस ने उनकी कांचीपुरम फैक्ट्री से कुछ दस्तावेज भी जब्त किए हैं.

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, उनकी कंपनी द्वारा निर्मित 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप को कई राज्यों में बच्चों की मौत का कारण बताया गया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, रंगनाथन को गुरुवार तड़के सुंगुवर्चत्रम पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए लाया गया.

वहीं तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम.ए. सुब्रमण्यम ने इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में दो वरिष्ठ ड्रग इंस्पेक्टरों को निलंबित कर दिया है. तमिलनाडु सरकार ने श्रीसन फार्मास्युटिकल्स को स्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया है. ड्रग कंट्रोल इंस्पेक्टर ने 7 अक्टूबर को कंपनी को दवा की गुणवत्ता और लेबलिंग में पाई गई विसंगतियों पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

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निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पाया था कि दवाएं गलियारों में "अस्वच्छ परिस्थितियों" में रखी गई थीं, जिससे दूषित होने का जोखिम था. तमिलनाडु सरकार ने 1 अक्टूबर से ही कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया था और बाजार से स्टॉक हटाने का आदेश दिया था.

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