समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान से मुलाकात की. लंबे वक्त बाद हुई इस मुलाकात को सपा खेमे में बेहद अहम माना जा रहा है. मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा, 'मैं जेल में आज़म साहब से मिलने नहीं जा पाया था, लेकिन अब आया हूं. आजम खान हमारी पार्टी की धड़कन हैं. पुराने लोगों की बात ही अलग होती है.'
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि आजम खान और उनके परिवार को झूठे मुकदमों में फंसाया गया है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा अपने पुराने साथियों के साथ खड़ी है.
X पर शेयर की मुलाकात की तस्वीर
इस मुलाकात के बाद अखिलेश ने X पर फोटो शेयर कर लिखा, 'क्या कहें भला उस मुलाकात की दास्तान जहां बस जज़्बातों ने खामोशी से बात की.'
'जितनी गहरी जड़ें, उतना ही बड़ा साया'
मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा, 'मैं पहले नहीं पहुंच पाया था, इसलिए आज उनके घर मिलने और हालचाल पूछने आया हूं. आजम खान बहुत पुराने नेता हैं और पुराने नेताओं की बात ही कुछ और होती है. वे हमारी पार्टी के दरख़्त हैं, जिनकी जितनी गहरी जड़ें हैं, उतना ही बड़ा साया हमारे साथ है.'
अखिलेश ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “बीजेपी पार्टी शायद गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना चाहती है कि आजम खान पर सबसे ज़्यादा केस दर्ज हों। आजम साहब, उनकी पत्नी और बेटे अब्दुल्ला पर झूठे केस लगाए गए हैं.'
इस मुलाकात को पार्टी में पुराने नेताओं की नाराजगी दूर करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. हाल के दिनों में आजम खान की चुप्पी और सपा नेतृत्व से उनकी दूरी के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे थे. अखिलेश की यह मुलाकात उस दूरी को पाटने की पहल मानी जा रही है.
क्या हैं इस मुलाकात के सियासी मायने
बता दें कि रामपुर की राजनीति में आजम खान हमेशा समाजवादी पार्टी का अहम चेहरा रहे हैं. मुलायम सिंह यादव के जमाने से वे पार्टी के बुनियादी स्तंभों में गिने जाते रहे हैं. लेकिन बीते कुछ वर्षों में आजम खान पर जमीन कब्जे, भैंस चोरी, बिजली चोरी जैसे कई मामलों में मुकदमे दर्ज हुए. इन मामलों में वे लंबे समय तक जेल में भी रहे.
कैसे बढ़ी थी दूरी?
इसी दौरान समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और आजम खान के बीच दूरी बढ़ने की चर्चा तेज हुई. आजम के समर्थकों ने कई बार खुलकर नाराजगी जताई कि पार्टी ने उनके साथ अन्याय होने पर पर्याप्त आवाज नहीं उठाई.
मुलाकात से पहले खूब हुई सियासी खींचतान
बताते चलें कि अखिलेश यादव की रामपुर यात्रा को लेकर रूट और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन और सपा नेताओं के बीच सुबह से ही खींचतान रही थी. प्रशासन ने उन्हें मुरादाबाद रूट से जाने की सलाह दी थी, लेकिन अखिलेश बरेली रूट से ही जाने पर अड़े रहे. बाद में बरेली एयरपोर्ट से वे हेलिकॉप्टर से जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचे, जहां आजम खान ने उनका स्वागत किया.
आमिर खान