अलकायदा की महिला आतंकी शमा परवीन बेंगलुरु से गिरफ्तार, गुजरात एटीएस का बड़ा एक्शन

कर्नाटक की रहने वाली शमा परवीन अलकायदा का पूरा मॉड्यूल चला रही थी. इस महिला आतंकी को गुजरात ATS ने कर्नाटक से गिरफ्तार किया है. इस संबंध में पूछताछ जारी है.

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अल कायदा टेरर मॉड्यूल की मास्टमाइंड शमा परवीन अरेस्ट (Photo: PTI) अल कायदा टेरर मॉड्यूल की मास्टमाइंड शमा परवीन अरेस्ट (Photo: PTI)

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 30 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST

अलकायदा टेरर मॉडयूल केस में गुजरात एटीएस को बड़ी कामयाबी मिली है. गुजरात एटीएस ने बेंगलुरु से अलकायदा टेरर मॉड्यूल की महिला आतंकी को गिरफ्तार किया है.

कर्नाटक की रहने वाली शमा परवीन अल कायदा का पूरा मॉड्यूल चला रही थी. इस महिला आतंकी को गुजरात ATS ने कर्नाटक से गिरफ्तार किया है. इस संबंध में पूछताछ जारी है.

30 साल की शमा परवीन AQIS की मुख्य महिला आतंकी है. गिरफ्तार महिला आतंकी शमा परवीन झारखंड मूल की है. लेकिन फिलहाल बेंगलुरु में रह रही थी. उसका सोशल मीडिया अकाउंट भी रडार पर था.

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गुजरात के गृहराज्य मंत्री हर्ष संघवी ने महिला आतंकवादी की गिरफ्तारी के संबंध में कहा कि गुजरात पुलिस ने ऑनलाइन आतंकी मॉड्यूल को तोड़ने में सफलता हासिल की है. गुजरात एटीएस को बधाई. चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. आतंकवादी महिला को गिरफ्तार किया गया है. यह महिला पाकिस्तान के लोगों के सीधे संपर्क में थी.

शमा परवीन का झारखंड से क्या है कनेक्शन?

इससे पहले गुजरात एटीएस ने अल कायदा से जुड़े एक खतरनाक मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 4 आतंकियों को गिरफ्तार किया था. इनमें से दो को गुजरात, एक को नोएडा और एक को दिल्ली से अरेस्ट किया गया था.

अधिकारियों के अनुसार, यह मॉड्यूल पहले सामने आए आतंकी नेटवर्क से बिल्कुल अलग था. जिसकी वजह से उसे डीकोड करने में वक्त लगा. इसका कोई स्पष्ट टारगेट या हमले की तारीख नहीं थी, जिससे इसका उद्देश्य और ऑपरेशन को समझना मुश्किल हो गया था.

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गिरफ्तार किए गए चारों संदिग्धों की पहचान दिल्ली निवासी मोहम्मद फैक मोहम्मद रिजवान, अहमदाबाद निवासी मोहम्मद फरदीन, मोडासा निवासी सेफुल्ला कुरैशी और नोएडा निवासी जिशान के रूप में हुई थी. ये सभी सामान्य परिवारों से ताल्लुक रखते हैं और रेस्तरां, दुकान या फर्नीचर शॉप में काम करते थे.

एटीएस अधिकारियों के मुताबिक ये मॉड्यूल किसी स्थान या व्यक्ति को निशाना बनाने के बजाय लोगों को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ने के मकसद से काम कर रहा था. सोशल मीडिया पर चल रहे अभियानों के जरिए ये लोग भारत में शरिया लागू करने, लोकतंत्र खत्म करने और भड़काऊ संदेशों के ज़रिए युवाओं को उकसाते थे.

अधिकारियों ने बताया कि ये चारों आतंकी एक-दूसरे के संपर्क में थे और इनका मकसद जिहाद की बातों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना और उनको उकसाना है. पकड़े गए आतंकियों ने इंस्टाग्राम पर 5 अकाउंट्स के जरिए जिहादी विचारधारा फैलाने वाले वीडियो और पोस्ट अपलोड किए थे, जिनमें वे कहते थे कि जिहाद के लिए बम नहीं, सिर्फ चाकू ही काफी है. यह मॉड्यूल अपने संदेश के माध्यम से यह दर्शाना चाहता था कि हिंसा की शुरुआत सिर्फ धारदार हथियारों से भी की जा सकती है.

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