भारत को लेकर अक्सर जहर उगलने वाले खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू एक बार फिर चर्चाओं के केंद्र में बना हुआ है. दरअसल अमेरिका ने पन्नू का नाम लिए बगैर दावा किया है कि उसने अपनी ज़मीन पर एक सिख अलगाववादी नेता और अमेरिकी नागरिक की हत्या की साज़िश का खुलासा किया है. इस दावे में कहा गया है कि निखिल गुप्ता नाम के एक भारतीय नागरिक ने भाड़े के हत्यारे को एक लाख डॉलर (करी 83 लाख रुपये) के बदले अलगाववादी नेता की हत्या की सुपारी दी थी.
निखिल गुप्ता ने दी सुपारी!
अमेरिका ने दावा किया है कि एक भारतीय अफसर द्वारा निखिल गुप्ता को निर्देश दिए जा रहे थे और निखिल गुप्ता ने हत्या को अंजाम देने के लिए एक एजेंट से बात की जिसने गुप्ता की बात शूटर से करवा दी. अभियोग में भारतीय अधिकारी का नाम नहीं है. गौर करने वाली बात ये है कि यहां एजेंट और शूट दोनों ही अमेरिकी अंडरकवर एजेंट थे, यानि निखिल गुप्ता जिन्हें शूटर हायर करना चाह रहा था वो खुद अमेरिकी एजेंट निकले. निखिल गुप्ता फिलहाल चेक रिपब्लिक में है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
व्हाइट हाउस के मुताबिक उसने इस मामले को शीर्ष स्तर पर भारत के सामने उठाया है. इससे पहले कनाडा में हुई खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के बाद भारत और कनाडा के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे. पैसे देकर हत्या करवाने के दावे के बाद अमेरिका-भारत के डिप्लोमैटिक रिश्ते भी प्रभावित होने का खतरा पैदा हो गया है.
कौन हैं गुरपतवंत सिंह पन्नू?
पन्नू एक कनाडाई और अमेरिकी नागरिक हैं जो खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के मुखिया के रूप में काम करता है. खालिस्तान समर्थक पन्नू पेशे से वकील है और अलग सिख देश खालिस्तान की मांग को लेकर जनमत संग्रह का एक प्रमुख आयोजक रहा है. यह जनमत संग्रह कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े भारतीय प्रवासी वाले देशों में आयोजित किए जाते रहे हैं. उसने दावा किया है कि जनमत संग्रह का अमेरिकी चरण जनवरी 2024 के अंत में सैन फ्रांसिस्को में शुरू होगा.
भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले पन्नू ने कुछ समय पहले दावा करते हुए कहा था, 'भारत जनमत संग्रह अभियान चलाने के लिए मुझे मारना चाहता है. भारत का अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और अमेरिका की संप्रभुता के लिए सीधी चुनौती बन गया है.'
पन्नू मूल रूप से पंजाब के नाथू चक गांव में से ताल्लुक रखता है जिसने लुधियाना से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की और बाद में अमृतसर के पास खानकोट में बस गया. पन्नू के पिता महिंदर सिंह पंजाब मार्केटिंग बोर्ड के सचिव थे. ऐसा माना जाता है कि उसने 1990 के दशक में पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री ली. वह कॉलेज के दिनों से ही राजनीति में सक्रिय हो गया था.इसके बाद वह विदेश चला गया था. वहां, उसने शुरुआत के कुछ सालों तक कैब ड्राइवर बनकर काम किया और बाद में वकालत शुरू कर दी. 2007 में उसने एसएफजे की स्थापना की और खालिस्तान का कट्टर समर्थक बन गया. भारत के खिलाफ एजेंडा चलाने वाले पन्नू को इस काम में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की मदद मिलती है.
क्यों जारी नहीं हुआ रेड कॉर्नर नोटिस?
विदेशी धरती पर रहकर आतंकवाद फैलाने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए भारत सरकार इंटरपोल से 2 बार अपील कर चुकी है. आखिरी बार 2022 में अपील की गई थी, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि कम जानकारी होने का हवाला देते हुए इंटरपोल भारत की अपीलों को दोनों बार खारिज कर चुकी है.
क्या है सिख फॉर जस्टिस संगठन?
अमेरिका में बने सिख फॉर जस्टिस की शुरुआत साल 2007 में हुई थी.साल 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सिख फॉर जस्टिस पर बैन लगाया गया और इस संगठन पर भारत में देशविरोधी कैंपेन चलाने का आरोप लगा. इस संगठन का मुख्य एजेंडा पंजाब में अलग से खालिस्तान बनाने का है. अमेरिका में वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू SFJ का चेहरा है. गणतंत्र दिवस से पहले गुरपतवंत सिंह ने ही हिंसा को लेकर धमकी दी थी. सिख फॉर जस्टिस संगठन ने ही रेफरेंडम 2020 का आयोजन करने की कोशिश की थी, जिसमें दुनियाभर में सिखों से शामिल होने को कहा गया और खालिस्तान बनाने के कैंपेन को बढ़ावा देने की कोशिश की गई थी.
लगातार देते रहा है धमकियां
इस साल सितंबर में, खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद जब भारत और कनाडा में राजनयिक विवाद गहराया तो एसएफजे प्रमुख ने हिंदू-कनाडाई लोगों से कनाडा छोड़ने को कहा. पन्नू ने पहले एक साक्षात्कार के दौरान दावा किया था कि निज्जर 20 वर्षों से अधिक समय से उनका "करीबी सहयोगी" था और उनके लिए "छोटे भाई" की तरह था.
पिछले महीने ही उसने धमकी दी थी दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम बदल दिया जाएगा. उसने कहा था कि 19 नवंबर को एयर इंडिया की किसी भी फ्लाइट में सफर ना करें और जो भी एयर इंडिया के विमान में सफर करेगा, वह अपने रिस्क पर करेगा. इससे पहले उसने विश्व कप में भारत -पाकिस्तान मैच के दौरान भी हमला करने की धमकी दी थी. तब उसने कहा था कि 14 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले जाने वाले भारत-पाकिस्तान के महामुकाबले के दौरान हमला किया जाएगा.