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आर्मी आधी, जीते हुए इलाकों से सेना वापसी और No NATO... रूस वॉर रोकने के लिए जेलेंस्की क्या मानेंगे ये शर्तें?

अमेरिका ने यूक्रेन को 28-बिंदुओं वाला एक शांति प्रस्ताव सौंपा है, जिसमें कथित तौर पर डोनबास क्षेत्र को सौंपने और सैन्य कटौती के बदले सुरक्षा गारंटी देने का आह्वान किया गया है. यूक्रेन की भागीदारी के बिना तैयार किए गए इस मसौदे ने यूरोप और कीव में तनाव बढ़ा दिया है.

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इस ड्राफ्ट को लेकर ज़ेलेंस्की जल्द ही ट्रंप से बात करेंगे(Photo: AP)
इस ड्राफ्ट को लेकर ज़ेलेंस्की जल्द ही ट्रंप से बात करेंगे(Photo: AP)

यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिका ने एक प्रमुख शांति योजना का मसौदा प्रस्तुत किया है, जिसमें यूक्रेन से कुछ रियायतें देने का आग्रह किया गया है. युद्ध के मैदान में चुनौतियों और राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहे कीव के लिए इस योजना ने तनाव बढ़ा दिया है, जबकि यूरोपीय सहयोगियों ने भी इस पर चिंता जताई है. 

एसोसिएटेड प्रेस (AP) की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी मसौदा शांति प्रस्ताव में यूक्रेन से रूस को जमीन सौंपने और यूक्रेनी सेना के आकार को सीमित करने का आह्वान किया गया है. यह प्रस्ताव NATO के भविष्य में विस्तार को भी रोकेगा, जिसे मॉस्को के लिए एक महत्वपूर्ण जीत माना जा रहा है.

इसके अतिरिक्त, इस मसौदे में यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए $100 बिलियन की फ्रीज की हुईं रूसी परिसंपत्तियों का उपयोग करने की बात कही गई है. साथ ही, रूस को वैश्विक अर्थव्यवस्था में फिर से जोड़ने का रास्ता भी होगा, जिसमें भविष्य में प्रतिबंधों को हटाना शामिल है. पुतिन को दुनिया की कई सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले समूह, जो पहले ग्रुप ऑफ 8 (G8) के रूप में जाना जाता था में वापस लौटने का मौका भी मिलेगा.

ट्रंप से बात करेंगे जेलेंस्की

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राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की अब इस विवादास्पद प्रस्ताव पर वाशिंगटन के साथ बातचीत करेंगे. दरअसल अमेरिका ने औपचारिक रूप से यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को 28-बिंदुओं वाला एक व्यापक मसौदा शांति प्रस्ताव सौंपा है, जिसका उद्देश्य लगभग चार साल से चल रहे रूस के साथ युद्ध को तेज़ी से समाप्त करना है. 

यूक्रेन की भागीदारी के बिना तैयार किए गए इस प्रस्ताव ने कीव और यूरोपीय नेताओं के बीच चिंता पैदा कर दी है, हालांकि ज़ेलेंस्की ने न तो इसका समर्थन किया है और न ही इसे अस्वीकार किया है.

दस्तावेज से परिचित लोगों के अनुसार, इस योजना में अमेरिका से सुरक्षा गारंटी के बदले में यूक्रेन को पूर्वी डोनबास क्षेत्र को सौंपना और अपने सशस्त्र बलों के आकार को कम करना शामिल हो सकता है. हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने जोर दिया कि किसी भी अंतिम समझौते के लिए केवल यूक्रेन ही नहीं, बल्कि मॉस्को और कीव दोनों से समझौता करना आवश्यक होगा.

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यूक्रेनी राष्ट्रपति आने वाले दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बात करने वाले हैं. अमेरिकी सैन्य और वित्तीय सहायता पर यूक्रेन की भारी निर्भरता को देखते हुए, यह बातचीत अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

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ज़ेलेंस्की ने गुरुवार को कीव में एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद कहा कि वह प्रस्ताव पर विचार करने के लिए वाशिंगटन के साथ "रचनात्मक, ईमानदार और त्वरित कार्य" के लिए तैयार हैं. उनके कार्यालय ने प्रस्ताव की प्राप्ति की पुष्टि की और जोर दिया कि कीव अमेरिका और यूरोपीय भागीदारों के समन्वय में "न्यायसंगत शांति" प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है.

यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया

यूरोपीय देशों ने इस पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है जो एक ऐसी योजना पर गहरी बेचैनी का संकेत है जो यूक्रेन से महत्वपूर्ण रियायतें मांगती है, जबकि रूस से स्पष्ट पारस्परिकता की कोई प्रतिबद्धता नहीं है. फ्रांस ने दोहराया कि "शांति आत्मसमर्पण नहीं हो सकती." वहीं यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कलास ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है कि मॉस्को पर समानांतर समझौता करने के लिए दबाव डाला जा रहा है.

यह अमेरिकी कूटनीति तब सामने आई है जब यूक्रेन युद्ध के मैदान में बढ़ते दबाव का सामना कर रहा है. रूसी सेना पोक्रोव्स्क की ओर बढ़ रही है, और मॉस्को ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमले तेज कर दिए हैं. ज़ेलेंस्की की राजनीतिक चुनौतियां भी बढ़ गई हैं, हाल ही में एक भ्रष्टाचार कांड के कारण दो कैबिनेट मंत्रियों को बर्खास्त किया गया, जिससे विपक्ष ने व्यापक सुधारों की मांग की है.

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अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस पहल का बचाव करते हुए कहा कि स्थायी शांति के लिए "गंभीर और यथार्थवादी विचारों" और दोनों पक्षों से अनिवार्य रूप से "कठिन समझौतों" की आवश्यकता होगी.

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