अमेरिका ने पिछले 24 घंटों में लाल सागर में दो ईरानी समर्थित हूती जहाजों को ढेर किया है. CENTCOM ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि ये जहाज अमेरिका और क्षेत्र में व्यापारिक जहाजों के लिए एक खतरा बन सकते थे. बता दें कि हूती विद्रोहियों ने कहा है कि वह गाजा में इजरायल से लड़ रहे फिलिस्तीनियों के समर्थन में लाल सागर और अरब सागर में मालवाहक जहाजों पर हमला करते रहेंगे. लाल सागर में पिछले कुछ दिनों में हूती विद्रोहियों की ओर से किए गए हमले की कई खबरें सामन आई हैं.
ये ताजा घटनाक्रम इसलिए भी काफी अहम है क्योंकि मिडिल ईस्ट में पहले ही इजरायल और ईरान के चलते तनाव बढ़ गया है. अमेरिका ने भी इजरायल के सपोर्ट में अपने जंगी जहाजों को भेज दिया है. ईरान लगातार धमकी दे रहा है कि वह जल्द ही इजरायल पर हमला बोल सकता है.
यमन के बड़े हिस्से पर हूती विद्रोहियों का कब्जा है. लाल सागर यूरोप को एशिया और पूर्वी अफ्रीका से जोड़ने वाला सबसे अहम जलमार्ग है.
जानें कौन हैं हूती विद्रोही
हूती संगठन का मुखिया अब्दुल मलिक अल-हूती को बताया जाता है. इसके पास हजारों लड़ाके हैं. इसके अलावा इस विद्रोही संगठन के पास सशस्त्र ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का एक विशाल शस्त्रागार भी है. जनवरी 2022 में, हूती विद्रोहियों ने अमेरिका के प्रमुख सहयोगी सऊदी अरब की तरह संयुक्त अरब अमीरात पर मिसाइल हमला कर दिया था. यमन की राजधानी सना को हूतियों का गढ़ कहा जाता है.
हूती संघर्ष की शुरुआत
इसकी शुरुआत जायदी शियाओं के हितों के लिए लड़ने के लिए हुई थी जो एक अल्पसंख्यक संप्रदाय है, जिसने 1962 तक यमन में 1,000 साल के साम्राज्य पर शासन किया था. लेकिन अली अब्दुल्ला सालेह के 1990-2012 के शासन के दौरान इस पर खतरा बढ़ते चला गया. हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है जिसने 2021 में यमन की सऊदी समर्थित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को निर्वासन के लिए मजबूर कर दिया था.
उधर, ईरान में हमास चीफ की हत्या और लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल के लगातार एक्शन ने मिडिल ईस्ट के हालात को बिगाड़ दिया है. ईरान लगातार इजरायल पर हमला करने की धमकी दे रहा है. जबकि इजरायल भी अपने दुश्मनों को मार रहा है. इस क्षेत्र में तेजी से बदलते हालात पर पूरी दुनिया की नजर है. इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर गाजा में युद्धविराम समझौता हो जाता है तो ईरान इजरायल के खिलाफ हमले को रोकने पर विचार कर सकता है.