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यूक्रेन के वॉर जोन में 10 हजार KM घूमा इंटरनेशनल फोटोग्राफर, ग्राउंड पर क्या मंजर देखा?

ऐसे समय में जब यूक्रेन पर रूस का कहर जारी है. बायरन स्मिथ नाम के एक इंटरनेशनल फोटोग्राफर ने यूक्रेन के वॉर जोन में 10 हजार किलोमीटर की यात्रा की. उन्होंने अपने कैमरे के जरिए यूक्रेन के लोगों की स्थिति और उनको मनोदशा को बखूबी दर्शाने की कोशिश की.

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रूस और यूक्रेन यु्द्ध की विभीषिका
रूस और यूक्रेन यु्द्ध की विभीषिका

रूस और यूक्रेन युद्ध की विभीषिका के बीच मानवीय संवेदनाओं से भरी ऐसी असंख्य कहानियां हैं जो एक तरफ दर्द और पीड़ा की कहानी बयां करती हैं. तो वहीं प्रेम, करुणा और वात्सल्य की भावनाओं को भी बखूबी उजागर करती हैं. 

ऐसे समय में जब यूक्रेन पर रूस का कहर जारी है. बायरन स्मिथ नाम के एक इंटरनेशनल फोटोग्राफर ने यूक्रेन के वॉर जोन में 10 हजार किलोमीटर की यात्रा की. उन्होंने अपने कैमरे के जरिए यूक्रेन के लोगों की स्थिति और उनकी मनोदशा को बखूबी दर्शाने की कोशिश की.

उन्होंने युद्ध के बीच यूक्रेन का दौरा कर उन दृश्यों को सहेजने की कोशिश की, जिनके वो गवाह बने. ये महज तस्वीरें नहीं बल्कि युद्ध की त्रासदी झेल रहे लोगों का दस्तावेजीकरण है. उन्होंने देखा कि किस तरह 2022 में यूक्रेन पर रूस के शुरुआती हमलों के बीच इरपिन शहर से छोटी-छोटी टैक्सियों से रवाना होने के लिए लोगों में होड़ मची. इस बीच उनकी खींची तस्वीरों को जानवरों के प्रति इंसानी प्रेम के प्रतीक के तौर पर देखा जा सकता है क्योंकि सामानों से लदी पड़ी टैक्सी में बैठने तक की जगह नहीं है, लेकिन लोग अपने पालतू कुत्तों को गोद में लिए बैठे हैं ताकि खुद के साथ-साथ उन्हें भी सुरक्षित रख सकें.

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एक तस्वीर शोरगुल के बीच रेलवे स्टेशन पर खड़े ट्रेन का इंतजार करते लोगों की है. यह ट्रेन यूक्रेन से पोलैंड की तरफ जानी है. ठसाठस भरी ट्रेनों में अपनों को विदा करते लोगों की तस्वीरें झकझोर देने वाली है. सड़कों पर नवजात बच्चों के साथ हाथ में सामान लेकर जाती हुई महिलाओं की तस्वीरें भावुक किए बिना नहीं छोड़ेंगी.

फोटोग्राफर कहते हैं कि जब आप इतनी बड़ी तादाद में लोगों को पलायन करते हुए देखते हैं. लेकिन सिर्फ देखकर हमदर्दी जताते हैं, उनके पास जाकर यह पता नहीं लगाते कि वे क्यों पलायन कर रहे हैं. यह फेक लगता है. 


बता दें कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद कीव की दस हजार किलोमीटर की इस यात्रा के दौरान ली गई तस्वीरों को फोटोग्राफर बायरन स्मिथ ने Testament 22 नाम की किताब में डॉक्यूमेंट किया है. वह इसे एक तरह से युद्ध का दस्तावेज बताते हैं. 192 पेजों की यह किताब उम्मीद, डर और निराशा की कहानी बयां करती है. 

बायरन स्मिथ ने अपनी इस किताब का नाम यूक्रेन के लेखक और कवि तारस शेवचेन्को की 1845 की कविता My Testament पर रखा है. इस कविता में कवि ने मरने के बाद अपने शव को यूक्रेन के खेतों में दफ्न करने की बात कही थी.

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