उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन इस समय रूस के दौरे पर हैं. शनिवार को वो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ परमाणु हमला करने में सक्षम बम वर्षक विमान देखने पहुंचे. उन्होंने पूर्वी बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक में प्रशांत बेड़े में शामिल युद्धपोत का भी जायजा लिया. इससे पहले उन्होंने रूस में लड़ाकू विमान संयंत्र का दौरा किया और एसयू-57 के कॉकपिट को नजदीक से देखा. किम ने किंझल मिसाइल को भी देखा. किम के आधिकारिक मीडिया ने बताया कि वो सबसे बेहतरीन रूसी युद्धक विमान बनाने वाली फैक्ट्री से खासे प्रभावित हुए हैं.
बता दें कि किम बुधवार को रूस यात्रा पर पहुंचे थे. सबसे पहले उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक की. इस मीटिंग के बाद दोनों देशों में आर्म्स अलायंस की चर्चाएं तेज हो गईं. किम के इस दौरे से पश्चिमी देशों की भी एक तरह से टेंशन बढ़ गई है. चूंकि, उत्तर कोरियाई हथियार यूक्रेन युद्ध को और भयावह कर सकते हैं. वहीं, रूसी टेक्नोलॉजी भी किम के इरादों को मजबूत कर सकती है और सैन्य परमाणु कार्यक्रम से पैदा हुए खतरे को गहरा सकती है.
जिन विमानों का यूक्रेन युद्ध में उपयोग, उन्हें किम ने करीब से देखा
किम ने रूस के मुख्य अंतरिक्ष बंदरगाह पर पुतिन के साथ मुलाकात की. जिसके बाद किम के इरादे भी सामने आ गए. दरअसल, वो मिसाइल टेक्नोलॉजी के लिए रूसी सहायता चाहते हैं. उन्होंने शुक्रवार को उत्तर कोरिया के नेता किम ने पूर्वी शहर कोम्सोमोल्स्क में एक प्रोड्यूसिंग प्लांट का दौरा किया और रूस के Su-57 लड़ाकू विमान को करीब से देखा. शनिवार को किम को दिखाए गए सभी तरह के रूसी युद्धक विमान उनमें से थे, जिनका यूक्रेन में युद्ध में सक्रिय उपयोग देखा गया है, जिसमें टीयू-160, टीयू-95 और टीयू-22 बमवर्षक शामिल हैं जिन्होंने नियमित रूप से क्रूज मिसाइलें लॉन्च की हैं.
'लंबे वक्त तक चल सकता है यूक्रेन से युद्ध'
जानकार कहते हैं कि दोनों देश संभावित सैन्य सहयोग बढ़ाना चाहते हैं और उत्तर कोरिया की पुरानी वायुसेना को आधुनिक बनाने की योजना भी शामिल हो सकती है. उत्तर कोरिया 1980 के दशक में सोवियत संघ से भेजे गए युद्धक विमानों पर निर्भर है. व्लादिवोस्तोक में रूसी नौसैनिक जहाजों को देखने की किम की योजना इस बात का एक और संकेत हो सकती है कि वह रूस से क्या चाहता है. यूक्रेन पर रूस का आक्रमण एक लंबे वक्त तक चलने वाले युद्ध का रूप ले रहा है. ऐसे में रूस को हथियारों की सख्त जरूरत पड़ सकती है और उत्तर कोरिया के साथ उसका सौदा मुफीद साबित हो सकता है.
'उत्तर कोरिया से हथियार तकनीक शेयर कर सकता है रूस'
पिछले साल अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर रूस को गोला-बारूद, तोपखाने के गोले और रॉकेट उपलब्ध कराने का आरोप लगाया था. दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने कहा कि रूस को उपलब्ध कराए गए उत्तर कोरियाई हथियारों का इस्तेमाल पहले ही यूक्रेन में किया जा चुका है. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर कोरिया के हथियारों के बदले में रूस अपनी संवेदनशील हथियार तकनीक को कितना साझा करने को तैयार होगा, यह तो वक्त ही बताएगा. लेकिन अन्य लोगों का कहना है कि अब इस पर विचार करने की संभावना है, क्योंकि रूस अपने खत्म हुए भंडार को फिर से भरने के लिए बेचैन हो गया है.
दक्षिण कोरिया में भी टेंशन, दे चुका है चेतावनी
अमेरिका और दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने शुक्रवार को रूस और उत्तर कोरिया के हालिया कदमों की निंदा तेज कर दी है. दक्षिण कोरिया के उप विदेश मंत्री चांग हो-जिन ने कहा, वाशिंगटन और सियोल सुरक्षा सहयोग बढ़ाते हुए यह सुनिश्चित करेंगे कि अगर मॉस्को उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में मदद करता है तो उसे परिणाम भुगतने होंगे.
उत्तर कोरिया की नौसेना को मजबूत कर रहे हैं किम
हाल के महीनों में किम ने अमेरिका की उन्नत नौसैनिक ताकत का मुकाबला करने की इच्छा जताई है और अपनी नौसेना को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया है. उत्तर के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास का विस्तार किया जा रहा है. विश्लेषकों का कहना है कि किम का ध्यान बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों और परमाणु संचालित पनडुब्बियों के लिए तकनीक हासिल करने के साथ-साथ रूस और उत्तर कोरिया के बीच संयुक्त नौसैनिक अभ्यास शुरू करने की महत्वाकांक्षाओं से जुड़ा भी हो सकता है.
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने शनिवार को बताया कि विमान संयंत्र की अपनी यात्रा के दौरान किम ने रूस की तेजी से आगे बढ़ने वाली विमानन टेक्नोलॉजी की तारीफ की. उन्होंने कहा, हम बाहरी संभावित खतरों से आगे निकल रहे हैं. इस टिप्पणी पर रूसी मीडिया ने भी प्रकाश डाला. उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया रूस में किम की एक्टीविटीज की रिपोर्ट कर रहा है.
'रूस के साथ गौरवशाली अध्याय जुड़ा'
रूस की कैबिनेट ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें किम एक ऊंचे मंच पर Su-57 के कॉकपिट को देखते हुए उसके पायलट को सुनते हुए दिखाई दे रहे हैं. जब एक उड़ान के बाद Su-35 फाइटर जेट उतरा तो किम मुस्कुराए और ताली भी बजाई. वीडियो में किम को Kinzhal Missile देखते हुए बताया गया. उन्हें एक कथित परमाणु हमला पनडुब्बी के बारे में शोइगु और येवमेनोव से बात करते हुए देखा गया.
किम ने हाल के महीनों में संयुक्त राज्य अमेरिका की उन्नत नौसैनिक संपत्तियों का मुकाबला करने के लिए अपनी नौसेना को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जो उत्तर के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए दक्षिण कोरिया के साथ अपने संयुक्त सैन्य अभ्यास का विस्तार कर रहा है।
रूसी अधिकारियों द्वारा आयोजित दोपहर के भोजन के दौरान किम के शीर्ष सैन्य अधिकारी, सेना मार्शल री प्योंग चोल ने कहा कि उनके नेता के दौरे के बाद देशों के बीच संबंधों में एक और गौरवशाली अध्याय जुड़ गया है. किम के प्रतिनिधिमंडल में उत्तर कोरिया की वायु सेना और नौसेना के शीर्ष कमांडर भी शामिल हैं.
'किम की परमाणु संचालित पनडुब्बियों की योजना'
पुतिन ने शुक्रवार को बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको को किम के साथ अपनी शिखर वार्ता के बारे में जानकारी दी. लुकाशेंको ने सुझाव दिया कि बेलारूस तीन तरफा सहयोग में रूस और उत्तर कोरिया के साथ जुड़ सकता है. अप्रैल 2019 के बाद किम पहली बार व्लादिवोस्तोक में पुतिन से मिले थे. किम ने परमाणु-संचालित पनडुब्बियों को हासिल करने के टारगेट की घोषणा की है, जो चुपचाप लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैं और हमले करने के लिए दुश्मन के तटों तक पहुंच सकते हैं. विश्लेषकों का कहना है कि बाहरी सहायता के बिना ऐसी क्षमताएं उत्तर के लिए अव्यवहार्य होंगी.

'हथियार डील से इंकार कर रहा है रूस'
पुतिन ने शुक्रवार को दोहराया कि रूस संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का पालन करेगा, जिनमें से कुछ उत्तर कोरिया को किसी भी हथियार के निर्यात या आयात पर प्रतिबंध लगाते हैं. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने अलग से कहा- बुधवार को पुतिन और किम की बैठक के बाद द्विपक्षीय सैन्य सहयोग पर किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए गए. विशेषज्ञों का कहना है कि कड़ी अंतरराष्ट्रीय आलोचना से बचने के लिए उत्तर कोरिया और रूस हथियारों पर किसी भी सौदे का प्रचार नहीं करेंगे.
शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं किम जोंग
किम की रूस यात्रा कोविड-19 महामारी के बाद पहली विदेश यात्रा है. वो मॉस्को और बीजिंग के साथ अपनी साझेदारी को बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं. वह अंतरराष्ट्रीय अलगाव से बाहर निकलने और वाशिंगटन के खिलाफ संयुक्त मोर्चे में प्योंगयांग को शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं. कुछ दक्षिण कोरियाई विशेषज्ञों का कहना है कि किम चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ भी मुलाकात कर सकते हैं.