तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान ने रविवार को साफ कर दिया कि तुर्की रूस की वायु रक्षा प्रणाली एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को प्राथमिकता देगा. तुर्की के इस रुख से अमेरिका को झटका लगा है क्योंकि वो चाहता है कि अगर तुर्की को उससे F-35 फाइटर जेट खरीदना है तो वह रूसी वायु रक्षा प्रणाली को अपने बेड़े से हटा दे.
तुर्की के विदेश मंत्री की रूसी डिफेंस सिस्टम को लेकर टिप्पणी तुर्की के AHaber टीवी नेटवर्क के साथ एक इंटरव्यू के दौरान आई है.
उनकी यह टिप्पणी इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि इससे ठीक एक हफ्ते पहले अमेरिका की कार्यवाहक उप विदेश मंत्री विक्टोरिया नूलैंड तुर्की दौरे पर थीं. अपने इस दौरे में नुलैंड ने कहा था कि अगर रूसी S-400 मिसाइल के अधिग्रहण पर दोनों देशों के बीच का विवाद सुलझा लिया जाता है तो अमेरिका F-35 फाइटर जेट 'परिवार' में तुर्की की वापसी पर चर्चा कर सकता है.
जैसा कि अमेरिका हमेशा से कहता आया है, नुलैंड ने कहा कि रूस का S-400 अमेरिका की पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट F-35 के लिए खतरा पैदा करता है.
तुर्की-अमेरिका के रिश्तों में रूसी मिसाइल सिस्टम की वजह से तनाव
तुर्की ने एक बार फिर रूस के S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को छोड़ने से इनकार कर दिया है जिससे पता चलता है कि अमेरिका के साथ उसके रिश्तों में रूसी डिफेंस सिस्टम को लेकर तनाव बना हुआ है.
हालांकि, हाल ही में अमेरिका ने तुर्की को F-16 युद्धक विमानों की बिक्री की मंजूरी दे दी है. अमेरिका ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि महीनों तक स्वीडन के नेटो में शामिल होने में अड़चन पैदा करने के बाद तुर्की ने कुछ समय पहले ही उसकी सदस्यता के लिए हामी भर दी थी.
रूसी डिफेंस सिस्टम को लेकर किस बात से डरा है अमेरिका?
तुर्की जब अमेरिका से F-35 फाइटर जेट हासिल करने की प्रक्रिया में था तभी अमेरिका ने तुर्की पर रूस से S-400 मिसाइल की खरीद को लेकर प्रतिबंध लगा दिया था.अमेरिका को चिंता है कि S-400 मिसाइल के जरिए तुर्की गैर-कानूनी तरीके से रूस को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कर सकता है.
उसे लगता है कि अगर वो तुर्की को F-35 बेचता है तो इन फाइटर जेट्स में इस्तेमाल की जाने वाली टेक्नोलॉजी से छेड़छाड़ की जाएगी या फिर S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के जरिए इसे डिकोड कर लिया जाए. इसी डर से अमेरिका चाहता है कि तुर्की रूसी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को छोड़ दे.
इधर, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने तुर्की के पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी ग्रीस को बेहतर F-35 लड़ाकू विमानों की बिक्री को भी मंजूरी दे दी है जिसे तुर्की अपने हित में नहीं मानता है.
तुर्की ग्रीस के साथ दोस्ताना संबंध बनाने के लिए काम कर रहा है बावजूद इसके, दोनों देश एक-दूसरे की सैन्य क्षमताओं पर बारीकी से नजर रखते हैं. ग्रीस को लड़ाकू विमान बेचने की अमेरिका की मंजूरी के बाद तुर्की ने संकेत दिया है कि अगर ग्रीस को बिना शर्त विमानों की बिक्री की गई है तो वो खुद भी F-35 खरीदेगा ताकि वो ग्रीस से सैन्य क्षमता में कमजोर न पड़ जाए.
F-35 के कई पार्ट्स का निर्माण करता था तुर्की
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की अमेरिका के F-35 विमान में इस्तेमाल होने वाले करीब 900 पार्टस का निर्माण करता है जिसमें विमान के केंद्र का धड़ और कॉकपिट डिस्प्ले के हिस्से शामिल हैं. हालांकि, रूसी S-400 खरीदने के तुर्की के फैसले के बाद से ही अमेरिका ने तुर्की के साथ यह सहयोग रोक रखा है. फिदान ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि अमेरिका के साथ इस साझेदारी में उसे नुकसान हुआ है और तुर्की इसके लिए मुआवजे की मांग करता है.
नुलैंड ने 29 जनवरी को सीएनएन तुर्क टेलीविजन से बात करते हुए कहा, 'अगर हम S-400 के मुद्दे को सुलझा लेते हैं, जो कि हम करना चाहते हैं, तो अमेरिका को F-35 परिवार में तुर्की का फिर से स्वागत करने में खुशी होगी.'
हालांकि, नुलैंड की टिप्पणी से स्पष्ट नहीं हुआ कि अमेरिका तुर्की को दोबारा F-35 विमानों के निर्माण में साझेदारी का मौका देगा या नहीं.
F-35 प्रोग्राम से बाहर होने के बाद तुर्की ने अमेरिका से F-16 युद्धक विमानों की खरीद के लिए जोर लगा दिया है क्योंकि वो अपने फाइटर जेट्स के पुराने बेड़े को मजबूत करना चाहता है. नेटो में स्वीडन को शामिल होने की मंजूरी देने के बाद तुर्की को अब उम्मीद है कि F-16 जेट की बिक्री पर अमेरिकी कांग्रेस कोई विरोध नहीं करेगी.