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टैरिफ वॉर में कौन झुकेगा पहले? अमेरिका और चीन के लिए टैरिफ वॉर के गुड एंड बैड फैक्टर, 10 Points में समझें

राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के इरादे से टैरिफ की पैरवी कर रहे हैं. हालांकि, इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव अमेरिकी इकोनॉमी पर पडे़ंगे. एक तरह जहां इससे घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा तो वहीं अमेरिका के व्यापार घाटे में भी कमी देखने को मिलेगी.

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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से शुरू किया गया टैरिफ वॉर वैश्विक अर्थव्यवस्था को कई मोर्चे पर प्रभावित कर रहा है. लेकिन इस टैरिफ वॉर के केंद्र में हैं अमेरिका और चीन. राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर 145 फीसदी टैरिफ लगाया है, जवाब ने चीन ने अमेरिका पर 125 फीसदी टैरिफ लगाया है. कोई भी देश पीछे हटने को तैयार नहीं है. ऐसे में टैरिफ वॉर में पहले कौन झुकेगा, यह कहना मुश्किल है. लेकिन इसकी चोटों दोनों देशों पर पड़ेगी.

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राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के इरादे से टैरिफ की पैरवी कर रहे हैं. हालांकि, इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव अमेरिकी इकोनॉमी पर पडे़ंगे. एक तरह जहां इससे घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा तो वहीं अमेरिका के व्यापार घाटे में भी कमी देखने को मिलेगी.

टैरिफ से अमेरिकी इकोनॉमी को क्या होंगे लाभ?

अमेरिका में चीन के उत्पादों पर टैरिफ से इंपोर्ट महंगा होगा. इससे अमेरिकी कंपनियां स्थानीय स्तर पर उत्पादन पर जोर देंगी, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और स्टील जैसे सेक्टर्स में. 

चीन के उत्पादों पर जरूरत से अधिक अमेरिकी टैरिफ लगने से अमेरिका का व्यापार घाटा घटेगा. चीन पर निर्भरता कम होगी और संवेदनशील तकनीकों एवं सामरिक वस्तुओं पर चीनी निर्यात को सीमित कर अमेरिका अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत कर सकता है. 

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टैरिफ से अमेरिकी इकोनॉमी को क्या होंगे नुकसान?

हालांकि, ऐसा नहीं है कि टैरिफ वॉर से अमेरिका को लाभ ही होगा. इससे इकोनॉमी पर दबाव भी पड़ेगा. चीनी सामानों पर 145 फीसदी टैरिफ लगने से अमेरिका में विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े और खिलौनों की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे अमेरिकी उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ेगा. चीन के जवाबी टैरिफ से अमेरिकी कृषि उत्पादों का निर्यात प्रभावित हो रहा है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है. टैरिफ वॉर के कारण अमेरिकी शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखा गया है, जिससे निवेशकों का विश्वास डगमगा रहा है.

टैरिफ से  सप्लाई चेन बाधित हो रही हैं, जिससे अमेरिकी कंपनियों, खासकर टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में लागत बढ़ रही है. टैरिफ से बढ़ती कीमतें और आयात लागत मुद्रास्फीति को बढ़ा सकती हैं, जिससे फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीतियां और जटिल हो सकती हैं.

टैरिफ वॉर से चीन को क्या लाभ और क्या नुकसान?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारी-भरकम टैरिफ के बावजूद चीन झुकने को तैयार नहीं है. चीन दुनिया की टॉप तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. ऐसे में चीन किसी भी कीमत पर यह संदेश नहीं देना चाहता कि वह कमजोर है. इसलिए वह ट्रंप के टैरिफ का सामना डटकर कर रहा है.

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चीन टैरिफ वॉर का इस्तेमाल अपनी आंतरिक मांग पर फोकस करने के लिए करेगा, जिससे स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलता है. अमेरिका की सामने चीन की मजबूती का एक कारण यूरोपीय संघ, आसियान और अफ्रीकी देशों के साथ चीन का लगातार बढ़ रहा व्यापार भी है, जिससे अमेरिका पर उसकी निर्भरता कम हो रही है. टैरिफ दबाव से चीन अपनी चिप और हाईटेक उद्योगों में निवेश बढ़ा रहा है, जिससे लंबी अवधि तक आत्मनिर्भरता बढ़ सकती है.

अमेरिकी उत्पादों पर 125 फीसदी तक टैरिफ लगाकर चीन अमेरिकी निर्यात खासकर कृषि और ऊर्जा क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा सकता है. कुछ विकासशील देशों और क्षेत्रों के साथ सहानुभूति हासिल कर चीन एकतरफा टैरिफ के खिलाफ समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा है.

चीन की इकोनॉमी निर्यात केंद्रित यानी Export Centric है और अमेरिका उसका सबसे बड़ा बाजार है. पिछले साल ही चीन ने अमेरिका में 463 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट किया है. ऐेसे में अमेरिका के टैरिफ से चीन को भारी नुकसान हो सकता है. टैरिफ अधिक होने से मांग में कमी आएगी जिससे बड़े पैमाने पर फैक्ट्रियां बंद हो सकती है जिससे यकीनन बेरोजगारी बढ़ सकती है. टैरिफ की वजह से ही बीते हफ्ते शंघाई स्टॉक इंडक्स में तीन से चार फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. इससे निवेशकों का विश्वास कमजोर हो रहा है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर पैनल जैसे क्षेत्र जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं, उत्पादन में कटौती का सामना कर रहे हैं. लंबे समय तक टैरिफ वॉर चलने से वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ रही है, जो चीन की वृद्धि को और धीमा कर सकती है.

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