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'मुझे गोली मारकर बंगभवन में ही दफना दो...', तख्तापलट के बीच इस्तीफा मांगने पर बोली थीं शेख हसीना

पिछले साल पांच अगस्त को बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हो गया था. उनके बाद मोहम्मद यूनुस सरकार को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया गया था. वह कुछ ही महीनों के लिए अंतरिम सरकार के प्रमुख बने थे. दावा किया गया था कि अगले कुछ महीनों में चुनाव कराया जाएगा लेकिन अभी तक चुनाव के कोई आसार नजर नहीं आ रहे.

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना. (फाइल फोटो)
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना. (फाइल फोटो)

साल 2024 बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए मनहूसियत लेकर आया. देश में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद उन्हें पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा. लेकिन अब शेख हसीना के इस तख्तापलट से जुड़ा अहम खुलासा हुआ है.

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बांग्लादेश के एक प्रमुख अखबार Prothom Alo की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल के वकील मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान शेख हसीना के इस्तीफे से जुड़ा वाकया बताया है.

ताजुल इस्लाम ने कहा कि पांच अगस्त 2024 को जब तख्तापलट के दौरान सेना के अधिकारियों ने शेख हसीना से इस्तीफा देने को कहा था तो इस पर शेख हसीना ने कहा था कि मुझे गोली मार दो और यहां बंगभवन (राष्ट्रपति आवास) में ही दफना दो. ये शेख हसीना के पद से इस्तीफा देने से पहले आखिरी शब्द थे. इसके बाद शेख हसीना ने भारत में शरण ली थी.

बांग्लादेश में पिछले साल हुआ था तख्तापलट

पिछले साल पांच अगस्त को बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हो गया था. उनके बाद मोहम्मद यूनुस सरकार को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया गया था. वह कुछ ही महीनों के लिए अंतरिम सरकार के प्रमुख बने थे. दावा किया गया था कि अगले कुछ महीनों में चुनाव कराया जाएगा लेकिन अभी तक चुनाव के कोई आसार नजर नहीं आ रहे. बांग्लादेश में छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और मोहम्मद यूनुस सरकार पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. 

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पिछले साल बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद से सेना ने मोर्चा संभाला हुआ है. ऐसे में अब सेना चाहती है कि देश में जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं ताकि सेना अपने बैरक में लौट सकें. ऐसे में बांग्लादेश में ये तीनों बड़े कदम यूनुस सरकार का तख्तापलट कर सकते हैं.

बता दें कि शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद बांग्लादेश की स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है. बांग्लादेश सेना की आपात बैठक में पांच लेफ्टिनेंट जनरल, आठ मेजर जनरल (जीओसी), स्वतंत्र ब्रिगेडों के कमांडिंग अधिकारी और सेना मुख्यालय के अन्य प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया था.

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