रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कथित रूप से अपनी क्रूरता के लिए जाने जाते हैं. वह उस घातक इंटेलिजेंस एजेंसी का हिस्सा रहे हैं, जिसने ना जाने कितनों को मौत की नींद सुला दिया. हाल ही में विपक्ष के एक नेता और पुतिन के विरोधी माने जाने वाले एलेक्सी नवलनी की जेल में मौत हो गई थी. माना जा रहा है कि उन्हें 'एक ही मुक्के में मार दिया गया होगा.'
एक सोशल एक्टिविस्ट का कहना है कि केजीबी अक्सर अपने दुश्मन के हार्ट पर अटैक करती थी और एक ही मुक्के में जान ले लेती थी. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि एलेक्सी नवलनी के भी हार्ट पर मुक्का मारकर उनकी जान ली गई होगी. किसी की जान लेने की केजीबी की यह पुरानी टेक्नीक है.
ये भी पढ़ें: पुतिन के विरोधी नवलनी की मौत के बाद एक्शन में बाइडेन, रूस को लेकर लिया बड़ा फैसला
30 साल जेल की सजा काट रहे थे एलेक्सी नवलनी
रूसी अधिकारियों ने अभी तक नवलनी का शव रिलीज नहीं किया है, जिनकी एक सप्ताह पहले आर्कटिक जेल में अचानक मौत हो गई थी. वह 30 साल से अधिक समय से सजा काट रहे थे. उनकी पत्नी उनके शव को रिलीज करने की मांग रखी है. मानवाधिकार समूह गुलगु.नेट के संस्थापक व्लादिमीर ओसेकिन ने उसी जेल सोर्स के हवाले से बताया कि "यह (मुक्का मारकर जान लेना) केजीबी के स्पेशल फोर्स डिवीजन की पुरानी टेक्नीक है."
समूह के संस्थापक ने बताया कि केजीबी को स्पेशल ट्रेनिंग देकर तैयार किया जाता था और उन्हें किसी की जान लेनी की इस टेक्नीक में ट्रेन किया जाता था. यही उनकी एक अलग पहचान थी. केजीबी सोवियत काल में एक बहुत ही खतरनाक इंटेलिजेंस एजेंसी थी, जिसका व्लादिमीर पुतिन भी हिस्सा रहे हैं. इसे आधिकारिक रूप से दिसंबर 1991 में भंग कर दिया गया था. फिलहाल इस एजेंसी को संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) के नाम से जाना जाता है.
'शून्य से भी नीचे के तापमान में रखे गए होंगे नवलनी'
सोशल एक्टिविस्ट ने जेल सोर्स के हवाले से दावा किया कि 47 वर्षीय नवलनी को इस घातक हमले से पहले उनके शरीर को कमजोर करने के लिए शून्य से नीचे के तापमान में घंटों तक बाहर रखा गया था. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि उन्होंने सबसे पहले उसे लंबे समय तक ठंड में बाहर रखकर और ब्लड सर्कुलेशन को धीमा करके उसपर अटैक किया गया. ऐसा करने से किसी को मारना आसान हो जाता है.
ये भी पढ़े: 'मेरे पति को जहर देकर मारा गया...', एलेक्सी नवलनी की पत्नी का पुतिन पर बड़ा आरोप
'नवलनी के शरीर पर मिले थे चोट के निशान'
एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे मुखर आलोचक के शरीर पर "चोट के निशान" थे. रिपोर्ट के मुताबिक, जेल में मरने वालों के शवों को आमतौर पर सीधे फॉरेन मेडिसिन ब्यूरो ले जाया जाता है, "लेकिन उनके शरीर को किसी कारण से एक क्लिनिकल अस्पताल में ले जाया गया." उन्होंने कहा कि उसके शरीर पर "चोट के निशान" उन निशानों से मिलते जुलते हैं जो दौरे के दौरान नीचे दबाए जाने पर पड़ते हैं.