कनाडा दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम करार करने में कामयाबी हासिल की है. कनाडा के पीएम स्टीफन हार्पर ने मोदी के साथ एक साझा बयान में कहा है कि कनाडा 5 साल तक भारत को यूरेनियम देगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त बयान में कहा कि कनाडा के साथ नए आर्थिक सहयोग पर जोर रहेगा. उन्होंने कहा कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का सपना है. उन्होंने कहा, 'विश्वास ही सबसे बड़ी ऊर्जा है.'
कनाडा से अहम करार के बाद मोदी ने कहा, 'हम क्लीन एनर्जी के सपने को साकार करना चाहते हैं.' दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्ते की अहमियत पर जोर देते हुए मोदी ने कहा, 'भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. कनाडा भारत को सही दिशा देने वाला साबित हो सकता है.'
इससे पहले, कनाडा की राजधानी ओटावा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शानदार स्वागत किया गया. मोदी को कई तोपों की सलामी दी गई. मोदी ने कनाडा के पीएम स्टीफन हार्पर से मुलाकात की, जिस दौरान दोनों के बीच कई अहम मसलों पर बातचीत हुई.
असैन्य परमाणु क्षेत्र में सहयोग का मसला अहम
भारत व कनाडा दशकों के बाद असैन्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में वाणिज्यिक सहयोग फिर शुरू कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा दौरे पर यह बात कही. उन्होंने कहा कि उनकी कनाडा यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को नए स्तर पर ले जाने का आधार तैयार होगा.
बातचीत से पहले मोदी ने कनाडा के अखबार 'द ग्लोग एंड मेल' में अपने लेख में कहा, 'इस यात्रा के दौरान दोनों देश दशकों के बाद परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में वाणिज्यिक सहयोग फिर शुरू करेंगे. यह हमारी आपसी भरोसे तथा समझ को परिभाषित करने वाला होगा. साथ ही यह हमारी पिछली सीमाओं से आगे बढ़कर भविष्य के अवसरों को देखने की इच्छा को भी दर्शाने वाला होगा.'
लाखों डॉलर के इस करार के तहत कनाडा की उत्पादक कामेको कार्प द्वारा भारतीय रिएक्टरों को ईंधन उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को लेकर पुराना निराशावादी रुख अब भविष्य के आशावाद में बदल गया है. प्रधानमंत्री ने लिखा है कि करार को जल्द से जल्द पूरा करने से दोनों देशों को काफी फायदा होगा.
मोदी ने लिखा है, 'मैं यहां कनाडा के साथ रणनीतिक भागीदारी बनाने आया हूं, जो भारत के आर्थिक बदलाव और दोनों देशों के अधिक शांतिपूर्ण, सुरक्षित व स्थिर भविष्य से जुड़ी होगी.'
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी पिछले 42 साल में कनाडा की एकमात्र द्विपक्षीय यात्रा पर आने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.