भारत की तर्ज पर रूस से सस्ता तेल खरीदने के पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फिरता दिख रहा है. रूस चाहता था कि पाकिस्तान रूसी तेल के भुगतान और शिपमेंट को संभालने के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) बनाए. लेकिन पाकिस्तान इसमें देरी कर रहा है जिससे रूस निराश है.
स्पेशल पर्पज व्हीकल एक लीगल इकाई होती है जिसे किसी खास काम के लिए या किसी खास निवेश के उद्देश्य से स्थापित किया जाता है.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी कच्चे तेल यूराल की गुणवत्ता और कीमत पर चर्चा करने के लिए एक रूसी प्रतिनिधिमंडल ने पिछले हफ्ते कराची का दौरा किया था. पाकिस्तान ने एसपीवी बनाने को लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं जिसे लेकर प्रतिनिधिमंडल असंतुष्ट दिखा और उसने पाकिस्तान से नाराजगी जाहिर की.
रूसी तेल की खरीद से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रूस भारत की तरह पाकिस्तान को तेल पर डिस्काउंट भी नहीं दे रहा है. पाकिस्तान ने अब तक रूसी तेल के दो कार्गो मंगाए हैं लेकिन अभी तक वो रूस को डिस्काउंट के लिए नहीं मना पाया है.
सूत्रों ने दावा किया कि पाकिस्तान की रिफाइनरियां भी तकनीकी आधार पर रूसी तेल की रिफाइनिंग से अपने पैर पीछे खींच रही हैं. रूसी कच्चे तेल की पहली खेप पिछले महीने कराची बंदरगाह पर पहुंची थी. पाकिस्तान ने इसके भुगतान के लिए युआन का इस्तेमाल किया था.
विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान ने तेल खरीद के लिए रूस से समझौता इसलिए किया था ताकि वो अपने डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार को बचा सके.
रूस-यूक्रेन के बीच तालमेल बिठा पाने में असफल पाकिस्तान
पाकिस्तान रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थ रहा है. यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की आलोचना करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों पर वोटिंग से भी उसने खुद को दूर रखा है. लेकिन इसी बीच कई रिपोर्ट्स ऐसी आई हैं कि पाकिस्तान रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई कर रहा है.
पिछले सप्ताह यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने पाकिस्तान की यात्रा की थी. अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों समेत दूसरे लोगों से मुलाकात की थी. ऐसी रिपोर्ट्स भी हैं कि पाकिस्तान के रक्षा उपकरणों की अगली खेप अगस्त में यूक्रेन पहुंच जाएगी.
हालांकि, पाकिस्तान ने इस बात से इनकार किया है कि वो यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई कर रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने दिमित्री कुलेबा के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, 'पाकिस्तान यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई नहीं कर रहा है.' उन्होंने कहा था कि इस तरह के लंबे संघर्षों के बीच आम नागरिक ही पिसते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई थी कि जल्द ही शांति कायम हो ताकि रूस और यूक्रेन के लोग आराम से रह सकें.