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इमरान खान चाहते तो पहली पत्नी से तलाक के बाद अरबपति होते, बोले पाकिस्तानी सूचना मंत्री

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पर एक नेता ने आरोप लगाया है कि वो अपना घर चलाने के लिए पार्टी कार्यकर्ता से 50 लाख रुपये प्रति महीना लेते थे. अब पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने इस आरोप को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि सरकार वजीहुद्दीन अहमद के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेगी.

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इमरान खान और उनकी पूर्व पत्नी जेमिमा
इमरान खान और उनकी पूर्व पत्नी जेमिमा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इमरान खान पर लगे आरोपों पर बोले पाकिस्तान के सूचना मंत्री
  • वजीहुद्दीन अहमद पर मानहानि का मुकदमा करेगी पाकिस्तानी सरकार
  • कहा- ईमरान खान पैसों के लालची नहीं

पाकिस्तान के केंद्रीय सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने गुरुवार को कहा कि अगर प्रधानमंत्री इमरान खान को पैसों का लालच होता तो वो अपनी पहली पत्नी और ब्रिटिश मूल की जेमिमा गोल्डस्मिथ से तलाक के बाद अरबपति होते. इमरान खान पर उनकी ही पार्टी के पूर्व नेता रिटायर्ड जस्टिस वजीहुद्दीन अहमद ने आरोप लगाया था वो अपने घरेलू खर्चों के लिए पार्टी नेताओं से फंडिंग करवाते हैं. उनका आरोप था कि पार्टी से अब अलग हो चुके नेता जहांगीर खान तरीन इमरान खान के घरेलू खर्चों के लिए हर महीने 50 लाख रुपए देते थे. उनके संगीन आरोपों पर सख्त रुख अपनाते हुए इमरान खान सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस पर मानहानि का मुकदमा दायर करने की घोषणा की है.

क्या बोले फवाद चौधरी?

फवाद चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कहा कि अगर इमरान खान को पैसों का लालच होता तो वो अपनी पहली पत्नी जेमिमा से तलाक के बाद अरबपति होते क्योंकि ब्रिटिश कानून के अनुसार, पत्नी से तलाक के बाद उन्हें जेमिमा की संपत्ति का आधा हिस्सा मिलता.

पाकिस्तानी मंत्री ने कहा, 'इमरान खान की पहली बेगम जेमिमा बेहद अमीर खानदान से थीं. अगर इमरान खान को इतना ही पैसों का लालच होता, अगर 50-50 लाख रुपया महीना उन्हें खर्चा करना होता तो वो उस खानदान की जायदाद में 50 फीसदी हिस्सेदार थे. अगर उन्होंने वो 50 फीसद हिस्सा लिया होता तो आज वो अरबपति होते.'

प्रेस कॉन्फ्रेंस में फवाद चौधरी ने वजीहुद्दीन अहमद को 'जोकर' कहकर संबोधित करते हुए ये भी कहा कि इमरान खान के कप्तान रहते हुए जब पाकिस्तान की क्रिकेट टीम भारत से मैच जीती थी तब पूरी टीम को प्लॉट मिले लेकिन इमरान खान ने उस प्लॉट को शौकत खानम कैंसर हॉस्पिटल को दे दिया था.

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वजीहुद्दीन अहमद के खिलाफ इमरान खान सरकार दायर करेगी मानहानि का मुकदमा

अहमद के आरोपों को लेकर इमरान खान सरकार उन पर मानहानि का मुकदमा का दायर करेगी जिसकी जानकारी फवाद चौधरी ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार उन चैनलों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी जिन्होंने वजीहुद्दीन अहमद के बयान को बिना सबूत के चलाया.

उन्होंने  कहा, 'हमने फैसला किया है कि वजीहुद्दीन अहमद के खिलाफ हम मानहानि का फौजदारी मुकदमा दायर कर रहे हैं. हम उन टेलिविजन चैनलों को भी नोटिस दे रहे हैं जिन्होंने बिना सबूत के उनके इल्जाम को अपने टेलिविजन चैनलों पर चलाया.'

क्या है पूरा मामला?

रिटायर्ड जस्टिस वजीहुद्दीन अहमद ने पाकिस्तान के एक टीवी कार्यक्रम में बोलते हुए दावा किया था कि इस्लामाबाद के बानी गाला में स्थित इमरान खान के आलीशान घर को चलाने के लिए जहांगीर खान तरीन हर महीने 50 लाख रुपए देते थे. उन्होंने कहा था कि इमरान खान ईमानदार आदमी नहीं हैं और उनके खर्चों के लिए पार्टी नेता फंडिंग करते हैं.

टीवी कार्यक्रम में अहमद ने कहा था, 'शुरू में जहांगीर तरीन जैसे लोग 30 लाख रुपया दिया करते थे उनका घर चलाने के लिए. फिर ये हुआ कि 30 लाख रुपए में नहीं चलेगा तो 50 लाख रुपया वहां देना शुरू किया. एक हमारे साथी थे पीटीआई में... उनकी बात मैं दोहराना चाहूंगा कि वो शख्स जिसके जूते के लेस भी अपने नहीं हैं, वो अपने आप को ईमानदार कैसे कह सकता है?'

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जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो जहांगीर तरीन ने अपनी सफाई में एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, 'इमरान खान के साथ मेरे संबंधों की वर्तमान स्थिति के बावजूद, सच बताया जाना चाहिए. नए पाकिस्तान के निर्माण में पीटीआई की मदद करने के लिए मुझसे जितना बन पड़ा मैंने किया, लेकिन इमरान खान के घरेलू खर्चों के लिए कभी भी एक पैसा नहीं दिया.' 

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