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शाह महमूद कुरैशी के काल में हुआ था मुंबई हमला, इमरान ने सौंपा विदेश मंत्रालय

शाह महमूद कुरैशी फिलहाल पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ के उपाध्यक्ष हैं और इमरान खान के सबसे करीबी माने जाते हैं. उनका राजनीतिक तजुर्बा भी काफी लंबा है. साथ ही वह भारत को भी अच्छी तरह समझते हैं.

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इमरान खान के साथ शाह महमूद कुरैशी
इमरान खान के साथ शाह महमूद कुरैशी

भारत से रिश्तों की बेहतरी के लिए 'बड़ा ख्वाब' दिखाने वाले इमरान खान अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए हैं. 20 मंत्रियों वाली कैबिनेट में इमरान खान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को विदेश मंत्री की जिम्मेदारी है. शाह महमूद वही शख्स हैं, जो 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमले के दौरान भी पाकिस्तान के विदेश मंत्री थे. 'नये पाकिस्तान' का नारा देने वाले इमरान खान के इस खास नेता का अतीत काफी पेचीदा रहा है.  

1985 में पंजाब प्रांत के लिए पहली बार निर्वाचित होने वाले शाह महमूद कुरैशी का राजनीतिक सफर काफी लंबा रहा है. वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग व पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) से लेकर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का हिस्सा रह चुके हैं. 2008 में वह बेनजीर भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी वाली सरकार में विदेश मंत्री भी रहे. हालांकि, उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा था.

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शाह महमूद जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री थे, उसी दौरान मुंबई में (26 नवंबर 2008) आतंकी हमला हुआ. इतना ही नहीं, जिस समय यह हमला हुआ, उस दिन महमूद कुरैशी भारत में ही थे.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी बायोग्राफी में उस किस्से का जिक्र किया है. महमूद कुरैशी दिल्ली में ही थे और तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने उन्हें तत्काल पाकिस्तान चले जाने की बात कही थी.  

विदेश मंत्री से गलत बर्ताव

इसके बाद 2010 में जब तत्कालीन विदेश मंत्री एमएस कृष्णा पाकिस्तान गए तो उनके साथ शाह महमूद कुरैशी के रवैये को लेकर भी काफी विवाद हुआ. महमूद ने एमएम कृष्णा के अधिकारों को लेकर ही सवाल उठा दिए थे.

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