कोरोना वायरस के चलते बीते दो सालों तक दुनियाभर में मौत का तांडव देखने को मिला. इसके मामले कम होने पर जैसे ही लोग चैन की सांस लेने लगे, तो इसका वैरिएंट ओमिक्रॉन नई मुसीबत बनकर खड़ा हो गया है. ये जिस तरह धीरे-धीरे गंभीर हो रहा है, उसे देखते हुए कई देश वापस प्रतिबंधों की ओर लौटने लगे हैं. इसी कड़ी में ब्रिटेन फिर से वर्क फ्रॉम होम शुरू कर रहा है. यहां सोमवार से जिन प्रोफेशन में संभव हो, वहां वर्क फ्रॉम होम शुरू किया जाएगा.
भीड़भाड़ वाले इलाकों के लिए चाहिए वैक्सीन पासपोर्ट
इसके अलावा ब्रिटेन के भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने के लिए वैक्सीन पासपोर्ट अनिवार्य कर दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि लोगों को अपनी क्रिसमस पार्टी कैंसल करने की जरूरत तो नहीं है लेकिन समय-समय पर जांच कराना जरूरी है. देश के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बुधवार को ये घोषणा की है.
दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन के खिलाफ बूस्टर डोज
इधर, दक्षिण अफ्रीका ने भी ओमिक्रॉन को लेकर कोशिशें शुरू कर दी हैं. दक्षिण अफ्रीका ने 18 से अधिक उम्र के लोगों के लिए फाइजर की कोरोना वायरस बूस्टर वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. यहां रातों-रात कोरोना के लगभग 20 हजार मामले आ गए, जिनमें से अधिकतर मामले ओमिक्रॉन के थे.
दक्षिण अफ्रीकी स्वास्थ्य उत्पाद प्राधिकरण (SAHPRA) ने बुधवार को बायोएनटेक और फाइजर की घोषणा के बाद फाइजर के कॉमिरनेटी COVID-19 वैक्सीन के उपयोग को मंजूरी दे दी. नए वैरिएंट के बाद आशंका है कि टीके की दो खुराक ओमिक्रॉन से बचाने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती है. अब टीके की तीसरी खुराक 18 साल से कम अधिक के लोगों को उनके दूसरे जैब के कम से कम छह महीने बाद, या 12 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए दूसरी जैब के 28 दिन बाद दी जा सकती है.
लॉकाडाउन के सबसे निचले स्तर पर दक्षिण अफ्रीका
SAHPRA का यह निर्णय दक्षिण अफ्रीका में रातों-रात 19,842 संक्रमणों की नई उछाल दर्ज करने के बाद आया है. अब 36 नई मौतों के साथ मरने वालों की संख्या 90,000 के आंकड़े को भी पार कर गई है. इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक संक्रमण देश के आर्थिक केंद्र गौतेंग प्रांत में थे. गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका इस समय अपनी पांच स्तरीय लॉकडाउन रणनीति के सबसे निचले स्तर पर है, लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए इस लॉकडाउन का स्तर बढ़ने की संभावना है.