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Omicron variant: कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से किसे ज्यादा खतरा? डॉ. त्रेहन से जानिए

कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट की संक्रामकता और फैलने की रफ्तार को लेकर लगातार कई डराने वाले दावे किए जा रहे हैं. इसी बीच मेदांता के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन ने आजतक से बातचीत में वायरस को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की हैं.

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कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से किसे ज्यादा खतरा? (Photo: Reuters)
कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से किसे ज्यादा खतरा? (Photo: Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • डेल्टा से तीन गुना ज्यादा तेज ओमिक्रॉन वेरिएंट
  • कमजोर इम्यूनिटी और उम्रदराज लोग रहें संभलकर

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस वायरस की संक्रामकता और फैलने की रफ्तार को लेकर लगातार डराने वाले दावे किए जा रहे हैं. इसी बीच मेदांता के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन ने आजतक से बातचीत में वायरस को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की हैं.

कितनी तेजी से फैलता है ओमिक्रॉन?
डॉ. त्रेहन ने बताया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट का ट्रांसमिशन रेट पिछले सभी वेरिएंट से बहुत ज्यादा है. यानी ये वेरिएंट ज्यादा तेजी से इंसान को संक्रमित कर सकता है. भारत में पहली लहर अल्फा वेरिएंट से आई थी, जिसमें एक इंसान दो से तीन व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता था. दूसरी लहर डेल्टा वेरिएंट की वजह से आई थी जिसका ट्रांसमिशन रेट 6.5 था. यानी ये पहली लहर से तीन गुना तेज था. अब अनुमानों के मुताबिक, नए ओमिक्रॉन वेरिएंट का ट्रांसमिशन रेट 12 से 18 के बीच है. यानी ये डेल्टा से करीब तीन गुना ज्यादा तेजी से फैल सकता है.

किन लोगों को ज्यादा खतरा?
लोग इस बात से ज्यादा चिंतित हैं कि कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट से किन लोगों को ज्यादा खतरा है. इस सवाल के जवाब में डॉ. त्रेहन ने कहा, ' ओमिक्रॉन से संक्रमित होने वाले पूरी तरह से वैक्सीनेट लोगों में इसके गंभीर लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं. पूरी दुनिया में ऐसे मरीजों को अस्पताल में एडमिट करने की जरूरत नहीं पड़ रही है.'

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किस उम्र के लोगों को खतरा
कोरोना के नए वेरिएंट से किस उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा है, ये समझना भी जरूरी है. इस पर डॉ. त्रेहन कहते हैं, 'ओमिक्रॉन के इंफेक्शन का खतरा शरीर की क्षमता पर निर्भर करता है. यानी एक स्वस्थ फेफड़े, मजबूत मासपेशी और पूरी तरह से स्वस्थ इंसान पर इसका प्रभाव कम दिखाई देगा. दूसरा, कमजोर इम्यूनिटी, डायबिटीज, हार्ट डिसीज, कैंसर या आर्थराइटिस जैसी बीमारियों के शिकार लोगों को इससे ज्यादा खतरा है. बुजुर्गों की इम्यूनिटी भी धीरे-धीरे कम हो जाती है, इसलिए उन्हें भी संभलकर रहने की सलाह दी जाती है.'

डॉक्टर त्रेहन ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 5-6 साल से कम उम्र के बच्चों पर वायरस का ज्यादा असर दिख रहा है. हालांकि इसे लेकर अभी तक कोई मजबूत दावा नहीं किया गया है. लेकिन बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है तो अगर वो वायरस के संपर्क में आते हैं तो निश्चित तौर पर खतरा बढ़ेगा.

वैक्सीन ना लेने वालों पर हावी वायरस
डॉक्टर त्रेहन ने बताया कि जिन लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज नहीं लगे हैं, उन पर वायरस ज्यादा हावी हो रहा है. ऐसे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है. उनमें गंभीर लक्षण देखे जा सकते हैं और जान का जोखिम भी ज्यादा रहेगा. अब तक करीब 125 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी हैं जिनमें कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं दिखाई दिए हैं. ऐसे में लोगों को चिंता करने की बजाए जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने की जरूरत है.

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