Delhi IGI Airport COVID-19 Testing: कोरोना वायरस (Coronavirus) का ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) देश में आ चुका है, दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) पर ओमिक्रॉन वैरिएंट से निपटने के लिए खासी सतर्कता बरती जा रही है.
ओमिक्रॉन के खतरे के बीच दिल्ली एयरपोर्ट पर भीड़ भी नजर आ रही है, दिल्ली एयरपोर्ट पर कोरोना रोकने के लिए कई उपाय अपनाए जा रहे हैं. ऐसे में ये उपाय ही कहीं संकट न बढ़ा दें, इन्हीं को लेकर आजतक की टीम ने एयरपोर्ट का जायजा लिया.
दरअसल, कनाडा और यूएई समेत कई देशों ने अपने यहां आने वाले यात्रियों के लिए कोविड टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है. वहीं घरेलू यात्राओं में भी ये नियम लागू हो गया है.
सोमवार को जब हमारी टीम दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर वहां पहुंची, जहां से यात्री प्रस्थान करते हैं. वहां दर्जनों यात्री बाहर ही बैठकर इंतजार कर रहे थे. जब से कोरोना के नए वैरिएंट की दस्तक भारत में हुई है, दिल्ली के एयरपोर्ट पर भी भीड़ बढ़ी है. एयरपोर्ट पर जमकर यात्री पहुंच रहे हैं.
हालांकि यात्रा करने के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं. टेस्टिंग अनिवार्य की गई है, ऐसे में यात्री कोविड आरटीपीसीआर और एंटीजेन टेस्ट (RT-PCT Antigen Test) रिपोर्ट के लिए दिल्ली एयरपोर्ट (airport corona test) पहुंचकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
कई यात्री ऐसे भी हैं, जो तय समय से पहले ही एयरपोर्ट पहुंच जा रहे हैं. एराइवल एरिया (आगमन क्षेत्र) में भी यात्रियों की भीड़ नजर आ रही है, क्योंकि जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं. इनमें से भी खासकर उन देशों से जो 'रिस्क कंट्री' से हैं, उनकी टेस्टिंग अनिवार्य कर दी गई है. हालांकि इस बारे में डायल (DIAL) ने कहा कि अब एराइवल एरिया में स्थिति सुधर रही है. जीएमएआर और एक डायग्नोस्टिक कंपनी ने यात्रियों के लिए टेस्ट लैब बनाई है. रविवार को यहां मौजूद सुविधाओं का जायजा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी लिया था. फिलहाल, एयरपोर्ट पर 120 टेस्टिंग मशीन हैं. इनमें 35 एराइवल एरिया में और 85 बाहर की तरफ हैं.

एयरपोर्ट से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि पहले परेशानी टेस्ट रिपोर्ट लेने के दौरान सामने आ रही थी, क्योंकि रिपोर्ट आने में कम से कम 20 मिनट का समय लग रहा था. इस कारण बाहर से आने वाले यात्रियों को अपनी रिपोर्ट लेने में इंतजार करना होता था. लेकिन अब ये तेजी से हो रहा है. वहीं यात्रियों ने बताया कि उन्हें ये जानकारी हो ही नहीं पा रही है कि वे कहां जाएं, उनकी टेस्ट रिपोर्ट में कितना समय लगेगा ? दूसरी ओर डिर्पाचर एरिया सीधे मल्टीलेवल पार्किंग से जुड़ा हुआ है, ऐसे में वहां कोई भी आ जा सकता है. मल्टीलेवल पार्किंग के दूसरे फ्लोर पर कॉरिडोर सीधे एयरपोर्ट टर्मिनल से कनेक्ट होता है. यहां रजिस्ट्रेशन, टेस्टिंग और रिपोर्ट लेने के लिए कई बूथ बनाए गए हैं. कुल मिलाकर 40 रजिस्ट्रेशन डेस्क बनाई गई हैं. जो आने वाले कुछ दिनों में 60 हो जाएंगी.
एयरपोर्ट पर आने वाले यात्री क्यों हैं परेशान
29 साल के स्वामी दुबई जाने के लिए फ्लाइट पकड़ने के लिए पहुंचे थे, उन्होंने बताया कि हमें ये पता ही नहीं है हम कहां जाएं, कोई साइन बोर्ड भी नहीं लगा है. जो फॉर्म हैं, वो सभी इंग्लिश में हैं. ऐसे में जो लोग अंग्रेजी पढ़ सकते हैं, वे तो इसे आसानी से समझ सकते हैं. लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो अंग्रेजी नहीं पढ़ सकते हैं, वे फॉर्म को कैसे भरें ? स्वामी बोले, मैंने खुद 4-5 लोगों की फॉर्म भरने में मदद की है. सूरज शर्मा यूएई में काम करते हैं. वह बोले, मैंने पहले ही कोविड आरटीपीसीआर टेस्ट की प्री बुकिंग करवाई थी. इसके बाद भी इंतजार कर रहा हूं.
कुछ यात्री नजर आए खुश
वहीं सरकार की नई व्यवस्था से यात्री खुश नजर आए, वह बोले कि सरकार का ये कदम बेहतर है, क्योंकि कई देशों ने अपने यहां आने के लिए टेस्ट अनिवार्य कर दिया है. सुखमिंदर खेरा लुधियाना से आई हैं, वह बोलीं- मैंने टेस्ट की प्री-बुकिंग की थी. मेरी फ्लाइट रात में एक बजे थी. दिल्ली एयरपोर्ट मैं दोपहर साढ़े 12 बजे पहुंच गई थी. टेस्ट करवा लिया है, अब रिपोर्ट का इंतजार कर रही हूं. 18 साल की सुहानी ने बताया कि वह टोरंटो डिग्री कोर्स के लिए जा रही हैं. उन्होंने एयरोसिटी होटल में रुकने के लिए बुकिंग करवाई थी. उनकी फ्लाइट का समय मंगलवार सुबह था, ऐसे में मन में एक डर भी था कि सरकार कहीं पहले की तरह फ्लाइट बंद न कर दे. ये नियम भी है कि आरटीपीसीआर टेस्ट यात्रा के 14 घंटे पहले का होना चाहिए, ऐसे में वह पहले पहुंच गईं.