scorecardresearch
 

यमन के हूतियों पर इजरायल ने 20 फाइटर जेट्स से गिराए बम, कमांड सेंटर में खुद बैठे थे पीएम नेतन्याहू

इज़रायली सिक्योरिटी फोर्स का दावा है कि हुदैदाह बंदरगाह का इस्तेमाल हूतियों की ओर से ईरानी हथियारों, सैन्य जरूरतों के सामान और अन्य आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाता था. इसी वजह से इजरायल ने बम गिराकर पूरे बंदरगाह को तबाह कर दिया है.

Advertisement
X
ऑपरेशन को मॉनिटर करते पीएम नेतन्याहू (पहली फोटो सांकेतिक)
ऑपरेशन को मॉनिटर करते पीएम नेतन्याहू (पहली फोटो सांकेतिक)

इजरायल ने बेन गुरियन एयरपोर्ट पर हूती विद्रोहियों की ओर से किए गए मिसाइल अटैक का बदला ले लिया है. इजरायली एयरफोर्स ने सोमवार शाम को यमन के हूतियों के कब्जे वाले बंदरगाह शहर हुदैदाह पर धड़ाधड़ हवाई हमले किए हैं. इससे पहले ईरान समर्थित विद्रोही गुट हूती ने इजरायल के बेन गुरियन एयरपोर्ट पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया था, जिसमें कई लोग घायल हुए थे.

Advertisement

20 फाइटर जेट और 50 बम

इजरायली सेना के मुताबिक करीब 20 फाइटर जेस्ट ने यमन के कोस्टल इलाके में हूती पोर्ट को निशाना बनाया है, जिसमें हुदैदाह बंदरगाह और एक कंक्रीट फैक्ट्री भी शामिल थी. इजरायली सेना ने करीब दो हजार किलोमीटर की दूरी तय करके जेट विमानों से हूती ठिकानों पर 50 से ज्यादा बम गिराए हैं. सेना ने जेट विमानों के उड़ान भरने की तैयारी करते हुए वीडियो भी जारी की हैं. इस ऑपरेशन में इजरायली एयरफोर्स के ईंधन भरने वाले विमानों और जासूसी विमानों ने भी हिस्सा लिया था.

ये भी पढ़ें: हूतियों के पास कितनी बड़ी सेना? कहां से हथियार मिल रहे कि यमन-अमेरिका-इजरायल से ले रहे पंगा

इज़रायली सिक्योरिटी फोर्स का दावा है कि हुदैदाह बंदरगाह का इस्तेमाल हूतियों की ओर से ईरानी हथियारों, सैन्य जरूरतों के सामान और अन्य आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाता था. इसी वजह से इजरायल ने बम गिराकर पूरे बंदरगाह को तबाह कर दिया है, ताकि ईरान से हथियारों की सप्लाई बाधित की जा सके.

Advertisement

जनवरी के बाद पहला हमला

आईडीएफ ने कहा कि बाजिल कंक्रीट फैक्ट्री हूती विद्रोहियों के लिए एक अहम आर्थिक संसाधन के रूप में काम करती है और इसका इस्तेमाल सुरंगों और सैन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए किया जाता है. साथ ही ये हमले हूतियों के शासन और उनकी अर्थव्यवस्था पर एक तगड़ी चोट हैं. सेना ने एक बयान में कहा, 'यह हमला हूतियों की ओर से इजरायल के खिलाफ बार-बार किए गए हमलों के जवाब में था, जिसमें सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों को इजरायली इलाके और उसके नागरिकों की ओर लॉन्च किया गया था.'

ये भी पढ़ें: इजरायल के एयरपोर्ट पर हूतियों ने बैलिस्टिक मिसाइल से किया अटैक, नेतन्याहू ने बुलाई बड़ी बैठक

जंग की शुरुआत के बाद से यमन में यह छठा इज़रायली हमला था और जनवरी के बाद से पहला अटैक था. कई महीने पहले अमेरिका ने भी ईरान समर्थित विद्रोहियों के खिलाफ एक बड़ा हवाई हमला किया था. इसके बाद आईडीएफ ने हूतियों के मिसाइल और ड्रोन हमले का जवाब देना बंद कर दिया था. हमले के जरिए इजरायल ने हूतियों के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया है और बंदरगाह पर खड़े जहाजों के होने वाले नुकसान को सीमित किया है.

कमांड सेंटर में मौजूद रहे नेतन्याहू 

Advertisement

आईडीएफ का कहना है कि इजरायल के सामने आने वाले हर खतरे के खिलाफ किसी भी दूरी पर सेना अपनी कार्रवाई जारी रखेगी. यमन में जिस वक्त हूतियों पर हमले किए गए, उस दौरान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू वायुसेना कमांड सेंटर में मौजूद थे और पूरी कार्रवाई को देख रहे थे. इजरायली रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी फोटो में बताया गया कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ रक्षा मंत्री और आईडीएफ चीफ भी तेल अवीव स्थित अंडरग्राउंड हेडक्वार्टर में मौजूद रहकर इस पूरे ऑपरेशन को मॉनिटर कर रहे थे. 

Live TV

Advertisement
Advertisement