संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के हमास को लेकर दिए गए बयान पर इजरायल भड़का हुआ है. इसी गुस्से में इजरायल ने गुटेरेस को पद से इस्तीफा देने तक को कह दिया. लेकिन अब इस मामले पर विवाद बढ़ने के बाद गुटेरेस ने सफाई दी है.
गुटेरेस ने कहा है कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया. मेरे कहने का मतलब ये नहीं था कि वो हमास के हमलों को सही ठहरा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बाहर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं हैरान हूं. मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया. जैसे कि मैं हमास के आतंकी कृत्यों को सही ठहरा रहा हूं. ये पूरी तरह से गलत है. मेरा मानना है कि बातों को सही तरीके से रखना जरूरी था. खासकर पीड़ितों और उनके परिवारों के सम्मान में.
दरअसल, गुटेरेस ने कहा था कि सात अक्टूबर को हमास की ओर से किए गए हमले 'अचानक' नहीं हुए थे. इस पर इजरायल ने कड़ी आपत्ति जताई थी. संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने गुटेरेस के इस्तीफे की मांग भी कर दी थी. यूएनएससी में उन्होंने शुरुआत में ही साफ कहा था कि वो इजरायल में हमास की ओर से 7 अक्टूबर को किए गए आतंकी और भयावह कृत्यों की निंदा करते हैं.
गुटेरेस ने बुधवार को दोहराते हुए कहा, 'नागरिकों की जानबूझकर हत्या, उन्हें घायल करने या अपहरण करने या फिर नागरिकों के ठिकानों पर रॉकेट लॉन्च करने को कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता.' गुटेरेस ने कहा कि उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों की शिकायतों के बारे में भी बात की थी, लेकिन उनकी शिकायतें हमास के हमलों को सही नहीं ठहरा सकतीं.
इजरायल ने गुटेरेस से मांग लिया था इस्तीफा
संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान (Gilad Erdan) ने यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस से तुरंत इस्तीफा देने की मांग करते हुए कहा था कि यूएन चीफ बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सामूहिक हत्या को लेकर जो समझ दिखाई है, वह संयुक्त राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त नहीं हैं. मैं उनसे तुरंत इस्तीफा देने की मांग करता हूं. ऐसे लोगों से बात करने का कोई औचित्य नहीं है, जो इजरायलियों और यहूदी लोगों के खिलाफ सबसे भयावह अत्याचारों को लेकर संवेदना जताते हैं. मेरे पास शब्द नहीं है.
गुटेरेस ने क्या कहा था?
मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इजरायल-हमास संघर्ष पर चर्चा के दौरान गुटेरेस ने कहा था कि सात अक्टूबर को हमास की ओर से किया गया हमला अचानक या अकारण नहीं था.
उन्होंने कहा था कि 56 साल से फिलिस्तीन के लोग दमघोंटू कब्जे में रह रहे हैं. उनकी बस्तियां हटाई जा रहीं हैं. वो हिंसा से त्रस्त हैं. उनकी अर्थव्यवस्था ठप हो गई है. लोग विस्थापित हो गए हैं और उनके घर तबाह हो गए हैं. दुर्दशा के राजनीतिक समाधान की उनकी उम्मीद भी टूट गई है.
कैसी शुरू हुई जंग?
इजरायल और हमास के बीच युद्ध का गुरुवार को 20वां दिन है. बीते सात अक्टूबर को फिलिस्तीनी आर्म्स ग्रुप हमास ने गाजा पट्टी से रॉकेट हमलों की झड़ी लगा दी थी. ये हमले इजरायल पर किए गए थे. हमास ने हमलों की जिम्मेदारी ली और इसे इजरायल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बताया. हमास ने गाजा पट्टी से करीब 20 मिनट में 5,000 रॉकेट दागे थे. इतना ही नहीं, इजरायल में घुसपैठ की और कुछ सैन्य वाहनों पर कब्जा कर लिया था. इस जंग में दोनों ओर से सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई है.
इजरायल की तरफ से गाजा पट्टी पर लगातार बमबाजी की जा रही है. वहीं, फिलिस्तीन में हमास के लड़ाके भी शांत नहीं पड़े हैं. वो इजरायल पर अभी भी तीन मोर्चे से अटैक कर रहे हैं. लेबनान, समंदर से सटे इलाके और इजिप्ट से सटे साउथ गाजा से रॉकेट और मिसाइलें दागी जा रही हैं.