अरब देशों और इजरायल के बीच ऐतिहासिक रूप से शत्रुता रही है जो 1967 के छह दिवसीय युद्ध के बाद से और गहरी होती चली गई. युद्ध में इजरायल के खिलाफ सभी अरब देश साथ आ गए थे, बावजूद इसके इजरायल ने जीत हासिल की. दशकों बाद अमेरिका की पहल से कुछ अरब देशों और इजरायल के संबंधों में कटुता कम आई और यूएई इजरायल के लिए अरब दुनिया का दरवाजा बना. साल 2020 में अमेरिकी पहल से यूएई और इजरायल के बीच 'अब्राहम अकॉर्ड' पर हस्ताक्षर हुआ जिसके बाद दोनों देशों ने अपने संबंधों को सामान्य किया.
अब्राहम समझौते में केवल यूएई ही शामिल नहीं था बल्कि मोरक्को, सूडान और बहरीन ने भी इजरायल के साथ राजनयिक संबंधों को शुरुआत की. समझौते के बाद से इजरायल और यूएई के संबंध काफी आगे बढ़े हैं और यह केवल सरकार से सरकार तक सीमित नहीं रहा बल्कि रिश्ता दोनों देशों के लोगों के बीच भी बढ़ा है. यूएई की एक रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2021 में इजरायल से यूएई पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या 97 हजार से ज्यादा था. और अगले साल यानी 2022 में यह संख्या 2021 के बहाने 157 फीसदी बढ़ गई.
दोनों देशों के बीच व्यापार में भी भारी बढ़ोतरी आई है. डेटा एनालिटिक्स फर्म CEIC के आंकड़े के मुताबिक, मार्च 2025 में इजरायल ने यूएई को 6.6 करोड़ डॉलर का निर्यात किया था. वहीं, यूएई ने इजरायल को 94 करोड़ का निर्यात किया था. इजरायल में यूएई के हीरों की भारी मांग है और यह निर्यात का अहम हिस्सा है.
बढ़ते संबंधों के बीच हाल में कुछ घटनाएं ऐसी हुई हैं जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव बढ़ता दिख रहा है.
इसी हफ्ते इजरायल के चैनल 12 News की एक रिपोर्ट में कहा गया कि यूएई ने इजरायल के राजदूत योसी शेली को देश से निष्कासित कर दिया है. रिपोर्ट में बताया गया, 'यूएई ने कहा कि अब वो येसी को राजदूत के रूप में नहीं चाहता. इसके बाद इजरायली सरकार को राजदूत को वापस बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.'
वहीं, हिब्रू मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि राजदूत ने यूएई के एक बार में ऐसी हरकत की थी कि जिससे यूएई की 'गरिमा' को नुकसान पहुंचा.
हिब्रू समाचार साइट एन12 के मुताबिक, राजदूत शेली खाड़ी देश के एक बार में कई इजरायलियों के साथ पहुंच गए थे. इस दौरान उनके साथ महिलाएं भी थीं. उन्होंने बार में जाकर ऐसी हरकतें की जिससे यूएई नाराज हो गया. इसके बाद यूएई के अधिकारियों ने इजरायल को बताया कि राजदूत शेली की हरकत अस्वीकार्य है और इससे यूएई की गरिमा को नुकसान पहुंचा है.
राजदूत को निकालने के बाद अब खबर है कि इजरायल यूएई से अपने डिप्लोमैटिक स्टाफ और बाकी नागरिकों को भी निकलने के लिए कह रहा है. इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) ने खाड़ी देशों में रहने वाले इजरायलियों के लिए यात्रा चेतावनी जारी की है और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए यूएई से अपने राजनयिक मिशन के अधिकांश स्टाफ और उनके परिवारों को निकालने का आदेश दिया है.
एनएससी ने खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि ईरान, हमास, हिज्बुल्लाह और वैश्विक जिहादी गुटों सहित आतंकवादी समूह, यूएई में इजरायली और यहूदी लोगों को निशाना बनाने की कोशिशें तेज कर रहे हैं. बताया गया कि यहूदी छुट्टियों और वीकेंड्स के आसपास इजरायलियों पर हमले हो सकते हैं.
एनएससी ने एक बयान में कहा, 'हम इस यात्रा चेतावनी पर जोर दे रहे हैं क्योंकि हमें पता है कि आतंकवादी संगठन (ईरानी, हमास, हिज्बुल्लाह और ग्लोबल जिहाद) इजरायल को नुकसान पहुंचाने की अपनी कोशिशें बढ़ा रहे हैं.'
7 अक्तूबर 2023 को फिलिस्तीनी संगठन हमास ने इजरायल के एक म्यूजिक फेस्टिवल में अचानक हमला कर कम से कम 1,200 लोगों को मार दिया था और सैकड़ों लोग बंधक बना लिए गए थे. हमास के इस हमले के जवाब में इजरायल ने फिलिस्तीनियों के शहर गाजा पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं. गाजा पर इजरायल के हमले अब भी जारी हैं और इस युद्ध में अब तक 60,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.
गाजा में इजरायल के युद्ध को खत्म करने के लिए कई दौर की बातचीत हुई है लेकिन दोनों पक्ष अभी तक किसी सहमति पर नहीं पहुंचे हैं. इजरायल का कहना है कि जब तक हमास का खात्मा नहीं होगा, वो हमले नहीं रोकेगा. इधर, हमास का भी कहना है कि वो हथियार नहीं डालेगा.
गाजा में जिस तरह इजरायली हमले में आम लोगों की जान जा रही है, उसे लेकर उसकी काफी आलोचना हुई है. मानवाधिकार समूह और आलोचक इसे नरसंहार बता रहे हैं. सऊदी अरब समेत अरब देशों ने गाजा पर लगातार हमलों के लिए इजरायल की आलोचना की है लेकिन यूएई इस विषय पर अब तक मौन रहा है और उसने इजरायल के साथ अपने संबंधों को बढ़ाया है.
गाजा में युद्ध छिड़ने के बाद से, यूएई एकमात्र ऐसा अरब देश है जहां इजरायल के विदेश मंत्री का दौरा हुआ है. इजरायली विदेश मंत्री गिदोन सार ने गाजा में अस्थायी युद्धविराम होने से पहले जनवरी 2025 में यूएई की यात्रा की थी.
लेकिन फिर जब इसी साल जून में इजरायल ने ईरान के परमाणु प्रोग्राम को लेकर उस पर हमला कर दिया तब यूएई नाराज हो गया था. यूएई के विदेश मंत्रालय ने इजरायली हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया था और कहा था कि इससे क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता पर विपरीत असर हुआ है.
इसके अगले ही महीने खबर आती है कि यूएई ने इजरायल के राजदूत को निकाल दिया है. और अब इजरायल ने अपने अधिकांश डिप्लोमैटिक स्टाफ और उनके परिवार वालों को यूएई छोड़ने की सलाह की है जिससे संकेत मिलता है कि यूएई और इजरायल के बीच सबकुछ ठीक तो नहीं है.