पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के घर नॉन बेलेबल वारंट लेकर पहुंची पुलिस खाली हाथ लौट आई है. पुलिस अधीक्षक जब इमरान के घर पहुंचे तो वहां पूर्व प्रधानमंत्री नहीं मिले. तलाश के बाद पुलिस लौट आई. इमरान पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है. इस्लामाबाद IG ने आज ही इमरान खान की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं. हालांकि, इमरान के आज गिरफ्तार होने की संभावना नहीं है. गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने आज गिरफ्तारी की संभावना नहीं होने का संकेत दिया है. इस मामले में अब ताजा स्थिति से कोर्ट को अवगत कराया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, अगली कार्रवाई कोर्ट के आदेश के आधार पर की जाएगी. इस्लामाबाद पुलिस के पास गिरफ्तारी वारंट है. पुलिस के मुताबिक, जब एसपी और पुलिस टीमें इमरान के घर पहुंचीं तो वे वहां कमरे में नहीं मिले. बताते चलें कि कोर्ट ने पुलिस से कहा है कि इमरान को 7 मार्च तक पेश किया जाए. वहीं, इमरान के समर्थकों और पुलिस के बीच धक्का मुक्की हुई है. इमरान के समर्थकों का जमावड़ा उनके आवास के बाहर देखने को मिल रहा है.
बता दें कि एडीशनल सेशन जज जफर इकबाल ने 28 फरवरी को पूर्व प्रधानमंत्री का गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. इस सिलसिले में इस्लामाबाद पुलिस रविवार को तोशखाना मामले में गिरफ्तारी वारंट के साथ इमरान खान के जमां पार्क स्थित आवास पर पहुंची थी.
इधर, पीटीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष फवाद चौधरी ने ट्वीट कर कहा है कि कोर्ट का वारंट हाजिरी के लिये था. गिरफ्तारी की पुलिस की कोशिश अवैध थी.
'इमरान खान को गिरफ्तार किया तो स्थिति बिगड़ जाएगी'
पीटीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष फवाद चौधरी ने गिरफ्तारी की खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चेतावनी दी थी कि अगर सरकार पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ कदम उठाती है तो देश में स्थिति और खराब होगी. फवाद ने कहा, "इमरान खान को गिरफ्तार करने का कोई भी प्रयास स्थिति को गंभीर रूप से खराब कर देगा, मैं इस अक्षम और पाकिस्तान विरोधी सरकार को चेतावनी देना चाहता हूं कि पाकिस्तान को और संकट में न डालें और समझदारी से काम लें."
तोशखाना मामले में सुनवाई के लिए नहीं पहुंचे थे इमरान
बता दें कि बीते 28 फरवरी को कई मामलों में इमरान की पेशी हुई, अलग-अलग कोर्ट में सुनवाई हुई. कई जगहों से तो उनके लिए राहत रही, लेकिन तोशखाना मामले में उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई. कोर्ट ने इमरान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था. असल में 28 फरवरी को इमरान खान को चार अलग-अलग मामलों में पेश होना था. वे बाकी जगह तो सुनवाई के लिए पहुंच गए, लेकिन तोशखाना मामले के दौरान सुनवाई में शामिल नहीं हुए.
एक दिन में कई मामलों में थी इमरान की पेशी
इस मामले में पहले भी इमरान कोर्ट सुनवाई में शामिल नहीं हुए हैं. इसी वजह से कोर्ट इस बार नाराज हो गया और इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया. सुनवाई का दिन इमरान के लिए खुशखबरी और झटका दोनों लेकर आया था. इमरान को विदेशी फंडिंग मामले में पेश होना था, आतंकवाद से जुड़े एक केस में अपनी पेशी देनी थी, हत्या की कोशिश वाले मामले में भी शामिल होना था और तोशखाने केस में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी थी.
आतंकवाद वाले मामले में राहत
पीटीआई चीफ को आतंकवाद वाले मामले में तो राहत मिली, उनकी जमानत याचिका को भी स्वीकार कर लिया गया. इसी तरह विदेशी फंडिंग मामले में भी इमरान की जमानत याचिका को स्वीकार किया गया. लेकिन तोशखाना मामले ने उनकी मुसीबत को बढ़ा दिया.
क्या है तोशाखाना मामला?
तोशाखाना कैबिनेट का एक विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहारों को रखा जाता है. नियमों के तहत किसी दूसरे देशों के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले उपहारों को तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है. इमरान खान 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे. उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था. लेकिन इमरान खान ने बाद में तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बकायदा कानूनी अनुमति दी थी.