अमेरिका इस समय ईरान के परमाणु प्रोग्राम को लेकर बौखलाया हुआ है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार ईरान को घेरे हुए हैं. इस बीच अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने चेतावनी दी है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के बेहद नजदीक है.
ग्रॉसी इस समय ईरान दौरे पर हैं. उन्होंने कहा कि ईरान किसी भी वक्त परमाणु बम बना सकता है. ईरान के पास किसी Jigsaw Puzzle की तरह सभी टुकड़े मौजूद हैं और वह किसी भी वक्त इन टुकड़ों को जोड़कर परमाणु बम बना सकता है.
बता दें कि जिस तरह से Jigsaw Puzzle में कई छोटे-छोटे टुकड़ों को जोड़कर एक पूरा चित्र या डिजाइन बनाया जाता है. ठीक इसी तर्ज पर ईरान के पास परमाणु बम बनाने के लिए सभी कड़ियां मौजूद हैं और वह किसी भी वक्त उन कड़ियों को जोड़कर परमाणु बम बना सकता है.
ग्रॉसी ने कहा कि ईरान को हल्के में नहीं लिया जा सकता. 2015 में ईरान परमाणु डील के टूटने के बाद ईरान ने दोबारा अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को गति दी है.
अमेरिका से लेकर सऊदी अरब में बढ़ी हलचल
ईरान लंबे समय से परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन अमेरिकी धमकियों और प्रतिबंधों की वजह से उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि ईरान के साथ कोई भी परमाणु समझौता बिना IAEA की भागीदारी के केवल एक कागज के टुकड़े की तरह होगा. वहीं, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका लगातार चिंता जता रहा है. अमेरिका ने चेतावनी भी दी है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर सकता है. अगर ईरान परमाणु हथियार विकसित करता है, तो यह मिडिल ईस्ट में हथियारों की दौड़ को बढ़ावा दे सकता है क्योंकि अन्य देश भी परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर सकते हैं.
ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर सऊदी अरब ने कई मौकों पर अपनी चिंता व्यक्त की है और स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर ईरान परमाणु हथियार विकसित करता है, तो सऊदी अरब भी परमाणु हथियार हासिल करने की दिशा में कदम उठाएगा.
सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान कह चुके हैं कि सऊदी अरब परमाणु बम हासिल करना नहीं चाहता, लेकिन अगर ईरान ने परमाणु बम विकसित किया तो हम निश्चित रूप से जल्द से जल्द कुछ करेंगे.
सऊदी अरब, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को केवल नागरिक उपयोग के लिए नहीं मानता बल्कि वह मानता है कि ईरान का अंतिम लक्ष्य परमाणु हथियार बनाना है. सऊदी को डर है कि ईरान का परमाणु हथियार क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बिगाड़ देगा, जिससे वह और अन्य खाड़ी देश असुरक्षित हो जाएंगे.