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कनाडा के खिलाफ मोदी सरकार सख्त, तीन दिन में तीसरा एक्शन

भारत के लिए वीजा जारी करने वाली कंपनी बीएलएस इंडिया ने कहा है कि ऑपरेशनल कारणों से तत्काल प्रभाव से कनाडा में भारतीय वीजा सेवाओं को अगली सूचना तक निलंबित किया जाता है. विदेश मंत्रालय ने भी इस बात की पुष्टि की है कि हमारे उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों को मिल रही धमकी और सुरक्षा खतरों से उनका कामकाज बाधित हुआ है. जिसके कारण हमें अस्थायी तौर पर वीजा सेवाओं को बंद करना पड़ रहा है.

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो- रॉयटर्स)
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो- रॉयटर्स)

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया था जिसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. इसी कूटनीतिक विवाद के बीच भारत ने जिस कंपनी को वीजा जारी करने के लिए हायर किया है, उसने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि ऑपरेशनल कारणों से तत्काल प्रभाव से कनाडा में भारतीय वीजा सेवाओं को अगली सूचना तक निलंबित किया जाता है.

कनाडा में भारत के लिए वीजा जारी करने वाली कंपनी 'बीएलएस इंडिया वीजा एप्लिकेशन सेंटर' ने नोटिस में कहा है कि ऑपरेशनल कारणों से 21 सितंबर 2023 से भारतीय वीजा सेवाओं को अगली सूचना तक निलंबित किया जाता है. आगे के अपडेट के लिए बीएलएस इंडिया के बेवसाइट पर विजिट करते रहें. 

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि कनाडाई नागरिक और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत शामिल था. इस आरोप को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है. 

अगले आदेश तक वीजा सेवाएं निलंबित

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत ने कनाडाई लोगों के लिए सभी प्रकार की वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया है. इसमें ई वीजा और तीसरे देशों के कनाडाई लोगों का भी वीजा शामिल है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह मुद्दा भारत की यात्रा का नहीं है. जिनके पास वैध और ओसीआई वीजा हैं वो भारत की यात्रा करने के लिए स्वतंत्र हैं. यह मुद्दा हिंसा भड़काने, कनाडाई अधिकारियों की निष्क्रियता और हमारे दूतावास के कामकाज के माहौल को खराब करने का है.

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वीजा जारी करने वाली कंपनी ने क्या कहा?

भारत के लिए वीजा जारी करने वाली कंपनी बीएलएस इंडिया ने बयान जारी करते हुए कहा है, "ऑपरेशनल कारणों से तत्काल प्रभाव यानी 21 सितंबर 2023 से कनाडा में भारतीय वीजा सेवाओं को अगले आदेश तक निलंबित किया जाता है. इस कदम का हमारी वित्तीय स्थिति पर प्रभाव नगण्य है. क्योंकि कनाडाई वीजा जारी का बिजनेस बीएलएस इंटरनेशल के कुल वार्षिक राजस्व में 2 प्रतिशत से भी कम योगदान देता है."

भारत-कनाडा में तनातनी

कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए सोमवार को भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित करने का आदेश दिया था तो भारत ने भी 'जैसे को तैसा' की नीति के तहत कनाडा के एक वरिष्ठ डिप्लोमैट को पांच दिन के अंदर कनाडा वापस जाने का आदेश दिया था. 

मंगलवार को कनाडा सरकार ने भारत को कनाडाई नागरिकों के लिए असुरक्षित बताते हुए एक एडवाइजरी जारी की थी और अपने नागरिकों से सावधानी बरतने के लिए कहा था. मोदी सरकार ने भी इसके बाद कनाडा में रह रहे या जाने की सोच रहे भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी.

कनाडा का भारत पर संगीन आरोप

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को कनाडा की संसद, हाउस ऑफ कॉमंस में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारत की संलिप्तता की बात कही थी. उन्होंने कहा था, 'कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार और कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच की कड़ी के आरोपों की सक्रियता से जांच कर रही हैं. कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है.'

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इसके बाद कनाडा ने भारत के एक शीर्ष राजनयिक को निष्कासित करने की घोषणा की. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हम भारत के एक प्रमुख राजनयिक को निष्कासित कर रहे हैं. लेकिन हम इस मामले की तह तक जाएंगे, अगर यह सब सच साबित हुआ तो यह हमारी संप्रभुता और एक-दूसरे का सम्मान करने के बुनियादी नियम का बड़ा उल्लंघन होगा.'

कनाडा में खालिस्तानियों ने कैसे पांव पसारे

सत्तर के दशक के अंत में जगजीत सिंह चौहान पंजाब में चुनाव हारने के बाद ब्रिटेन चला गया था. 12 अक्टूबर 1971 को उसने न्यूयॉर्क टाइम्स में एक इश्तेहार छपवाया. जिसमें उसने खुद को तथाकथित खालिस्तान का पहला राष्ट्रपति घोषित किया. बाद में पश्चिमी देशों में भी खालिस्तानी आतंकवाद ने गति पकड़ ली. जगजीत सिंह ने खालिस्तानी आतंक को कई तरीकों से बढ़ावा दिया. यहां तक कि उसने खालिस्तानी डॉलर भी छापे. खालिस्तान आंदोलन ने धीरे-धीरे इमिग्रेशन स्कैम का रूप ले लिया. पंजाब से बड़ी संख्या में लोगों ने भारत में उत्पीड़न का बहाना बनाते हुए पश्चिमी देशों में शरण लेनी शुरू कर दी.

पंजाब पुलिस के अनुसार, 1981 से 1983 के बीच खालिस्तान आंदोलन के कारण 21,469 लोगों की जान गई. हालांकि, खालिस्तान आंदोलन भारत में खत्म हो गया. लेकिन पश्चिमी देशों में यह फलता-फूलता रहा. क्योंकि वहां की सरकारें अपने हितों को देखते हुए इसे खतरा नहीं मानती थी. कनाडा में आज कुल आबादी का लगभग 2 प्रतिशत सिख हैं. खालिस्तानी आसानी से कनाडा में रैलियां और परेड करते हैं लेकिन भारत की आपत्ति के बावजूद वहां की सरकार कोई एक्शन नहीं लेती है.

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अमरिंदर सिंह ने ट्रूडो को सौंपी थी एक डोजियर

21 फरवरी 2018 को पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्रूडो की अमृतसर यात्रा के दौरान उन्हें कनाडा में रह रहे 10 भगोड़े खालिस्तानी आतंकी की एक सूची और डोजियर सौंपी थी. इस सूची में 10 नाम थे- गुरजीत सिंह चीमा, गुरप्रीत सिंह, हरदीप सिंह निज्जर, गुरजिंदर सिंह पन्नू, मलकीत सिंह उर्फ फौजी, परविकर सिंह दुलई, भगत सिंह बराड़ उर्फ बग्गू बराड़, सुलिंदर सिंह, हरदीप सहोता और टहल सिंह. 

ट्रूडो को सौंपी गई डोजियर में कनाडा में रह रहे सभी खालिस्तानी आतंकी के पते के साथ-साथ उनके अपराधों की भी एक लंबी सूची शामिल थी. पंजाब के मुख्यमंत्री की ओर से उन आतंकवादियों पर कार्रवाई की मांग के बावजूद भी ट्रूडो ने कोई एक्शन नहीं लिया.

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