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Explainer: अमेरिका-चीन के बाद भारत करता है दुनिया में सबसे ज्यादा सैन्य खर्च, पाकिस्तान 23वें नंबर पर

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच कई देशों ने अपना सैन्य खर्च बढ़ा दिया है. इस मामले में भारत भी अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है. पाकिस्तान 23वें स्थान पर खड़ा है.

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भारत ने बढ़ाया सैन्य खर्च
भारत ने बढ़ाया सैन्य खर्च
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमेरिका के खर्चे में आई गिरावट
  • 27 साल से लागातार चीन का खर्च बढ़ा

रूस-यूक्रेन जंग की वजह से तीसरे विश्व युद्ध की आशंका से घिरा हर देश अब अपने सैन्य खर्च बढ़ाने पर पूरा जोर दे रहा है. देश चाहे छोटा हो या फिर बड़ा, हर कोई अपनी क्षमता अनुसार इसमें इजाफा कर रहा है. इस ट्रेंड की पुष्टि SIPRI द्वारा जारी की गई नई रिपोर्ट ने भी कर दी है.

SIPRI यानी स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने सभी देशों के सालाना रक्षा खर्च को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक हर प्रमुख देश ने डिफेंस पर भारी-भरकम धनराशि खर्च की है. अमेरिका तो अभी भी टॉप पर बना हुआ है, चीन ने दूसरा स्थान ले रखा है. लेकिन इस बार दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश भारत बन गया है. कोरोना काल के बावजूद भी भारत ने अपने सैन्य खर्च में इजाफा किया है.

भारत का सैन्य खर्च कितना है?

रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में भारत का सैन्य खर्च 76.6 अरब डॉलर का रहा. 2020 की तुलना में ये 0.9 फीसदी ज्यादा रहा. वहीं अगर 2012 से तुलना करें जब यूपीए की सरकार थी, तो सीधे-सीधे 33 फीसदी की बड़ी बढ़त देखने को मिली है. यहां भी बड़ी बात ये है कि इस बार भारत की तरफ से स्वदेशी हथियार उद्योग को मजबूत करने पर पूरा जोर दिया गया है. इसी वजह से अकेले इस दिशा में 64 प्रतिशत बजट निर्धारित कर दिया गया है. 

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एक्सपर्ट मान रहे हैं कि चीन संग सीमा पर जारी तनाव की वजह से भारत ने अपने सैन्य खर्च में ये इजाफा किया है. इस इजाफे की वजह से ही चार साल के अंदर में भारत पांचवे स्थान से आगे बढ़कर तीसरे पायदान पर पहुंच गया है. आज से चार से पहले भारत का सैन्य खर्च 66.5 अरब डॉलर था.

भारत ने अपने सैन्य खर्च में बड़ा इजाफा जरूर किया है, लेकिन तुलना जब प्रतिद्वंदी चीन से होती है तो भारत इस रेस में अभी भी काफी पीछे है. चीन ने सैन्य खर्च को लेकर अपने नाम कई रिकॉर्ड बना रखे हैं. पिछले 27 साल से लगातार चीन का सैन्य खर्च बढ़ रहा है. ऐसा एक भी साल नहीं रहा जब चीन ने कभी इस मामले में कटौती की हो. कोरोना काल के बावजूद भी 2021 में चीन के सैन्य खर्च में 4.7 फीसदी का इजाफा देखने को मिल गया. आंकड़ों के मुताबिक 2021 में चीन का सैन्य खर्च 293 अरब डॉलर के करीब रहा. वो एशिया में तो पहले नबंर पर रहा ही, पूरी दुनिया के लिहाज से भी दूसरे पायदान पर काबिज हुआ.

वैसे इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि चीन की वजह से कुछ देशों ने अपने सैन्य खर्च में बड़ा इजाफा किया है. भारत तो इस लिस्ट शामिल है ही, इसके अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया भी काफी आगे बढ़े हैं. आंकड़े बताते हैं कि 2021 में जापान का सैन्य खर्च 54.1 अरब डॉलर का रहा है, जो कि 1972 के बाद से सबसे ज्यादा है. इसी तरह ऑस्ट्रेलिया का भी सैन्य खर्च 31.8 अरब डॉलर का हो गया है. पिछले साल की तुलना में चार फीसदी की बढोतरी की गई है.

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चीन से लगातार मदद लेने वाले पाकिस्तान का सैन्य खर्च भी थोड़ा बढ़ा है लेकिन इस रिपोर्ट के मुताबिक वो अभी दुनिया में 23वें पायदान पर खड़ा है. 2021 में उसका सैन्य खर्च 11 अरब डॉलर रहा. 

सैन्य खर्च के मामले में दुनिया के नंबर वन देश की बात करें तो अमेरिका के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिली है. पिछले साल अमेरिका का सैन्य खर्च 801 अरब डॉलर का रहा. 2020 की तुलना में ये उसके लिए 1.4 फीसदी की गिरावट थी. लेकिन रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि अमेरिका की तरफ से रणनीति के तहत मिलिट्री रिसर्च और डेवलपमेंट पर ज्यादा खर्च किया गया. इस क्षेत्र में 24 फीसदी तक की बढ़त देखने को मिली. एक्सपर्ट मानते हैं कि अमेरिका अब अत्याधुनिक हथियारों को तैयार कर रहा, उसका सारा फोकस नेक्स्ट जनरेशन वेपन्स पर है.

यूक्रेन संग युद्ध के बीच रूस द्वारा भी सैन्य खर्च में बड़ा उछाल देखने को मिला है. रूस ने 2021 में अपने सैन्य खर्च को 2.9 प्रतिशत बढ़ाकर 65.9 अरब डॉलर कर दिया. रूस द्वारा सैन्य खर्च में यह लगातार तीसरे साल वृद्धि रही. यूक्रेन द्वारा भी सैन्य खर्च बढ़ाया गया है. 2014 से अब तक 72 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिल गई है.

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