अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में मुलाकात की. इस दौरान बाइडेन और उनके कर्मचारियों ने ट्रंप को बताया कि ईरान अमेरिका के लिए सबसे तात्कालिक राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा है. दरअसल, ट्रंप और बाइडेन ने ओवल ऑफिस में लगभग दो घंटे तक मुलाकात की. बैठक के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में डोनाल्ड ट्रंप को जानकारी दी गई कि चीन अमेरिका की वैश्विक स्थिति के लिए सबसे बड़ी संभावित चुनौती पेश करता है, लेकिन ईरान अधिक प्रत्यक्ष खतरा पैदा करता है.
सुलिवन ने कहा, "सबसे तात्कालिक मुद्दा यह है कि ईरान और उसके प्रॉक्सी समूह ऐसे कदम उठा रहे हैं, जो सीधे तौर पर मध्य पूर्व में अमेरिकियों और अमेरिकी हितों को खतरा पैदा कर रहे हैं और इससे तत्काल निपटा जाना चाहिए."
बता दें कि बाइडेन ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर एक अंतरराष्ट्रीय समझौते को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया था, जिससे ट्रंप ने यह कहते हुए हाथ खींच लिया था कि ओबामा के कार्यकाल के समझौते ने ईरान को अपने वित्त को मजबूत करने और मध्य पूर्व में सशस्त्र सहयोगियों को सहायता बढ़ाने की अनुमति दी थी.
बीच के वर्षों में, इस्लामिक गणराज्य ने तेल की बिक्री से राजस्व बढ़ाया, सैन्य ग्रेड यूरेनियम संवर्धन के करीब पहुंचा, यूक्रेन में रूस के युद्ध में सहायता की और इजरायल के खिलाफ चल रही क्षेत्र-व्यापी लड़ाई में सहयोगी सशस्त्र समूहों का समर्थन किया.
सुलिवन ने बताया कि ट्रंप सरकार में उनकी जगह लेने जा रहे पूर्व कांग्रेसी और ईरान के कट्टर समर्थक माइक वॉल्ट्ज के साथ उनकी असहमति थी, लेकिन वे सत्ता के सुचारू हस्तांतरण के लिए साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार थे. सुलिवन ने कहा, "मैं और वह स्पष्ट रूप से हर मुद्दे पर एकमत नहीं हैं, लेकिन मैं इन अगले 60 दिनों में उनके साथ बातचीत करने के लिए बहुत उत्सुक हूं, जैसा कि मैंने कहा, ताकि हम इस सुचारू रूप से सत्ता हस्तांतरण कर सकें."
सुलिवन ने कहा कि बाइडेन प्रशासन शेष दिनों में इजरायली बंधकों की रिहाई और गाजा और लेबनान में युद्ध विराम की दिशा में काम करेगा.