पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में सियासी उठापटक जारी है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. इस बीच अमेरिका की एक रिपोर्ट खूब चर्चा में है. धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी की गई इस रिपोर्ट में सत्तारूढ़ पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार पर निशाना साधा गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार इमरान खान के खिलाफ ईशनिंदा कार्ड (blasphemy card) का इस्तेमाल कर रही है.
धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिका की इस वार्षिक रिपोर्ट 2022 में कहा गया है कि पिछले साल कई नेताओं ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना बनाने के लिए भड़काऊ धार्मिक शब्दों का इस्तेमाल किया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता जावेद लतीफ ने बीते साल 13 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इमरान पर सिलसिलेवार कई जुबानी हमले किए थे. इमरान पर प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए अहमदिया समुदाय का समर्थन कर इस्लाम के बुनियादी सिद्धांतों पर हमला करने का आरोप लगाया गया.
मजहब की आड़ में इमरान पर हमले किए गए
रिपोर्ट में कहा गया कि लतीफ ने खान पर विदेशी मीडिया को इंटरव्यू दिए, जिनमें उन्होंने वादा किया कि अहमदिया मुसलमानों को उनकी धार्मिक स्वतंत्रता दी जाएगी.
इस रिपोर्ट में जेयूआई-एफ नेता मौलाना फजलुर रहमान के पिछले साल सात सितंबर के उनके ट्वीट मैसेज को शामिल किया गया है, जिनमें खान को 'कादियानी समर्थक' और 'यहूदियों का एजेंट' कहा गया था. इस पर पीटीआई के नेताओं ने सरकार पर धार्मिक आधार पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया था.
पाकिस्तान में ईशनिंदा के मामले धार्मिक स्वतंत्रता के लिए चुनौती
एक मई को जारी अमेरिका के धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) की रिपोर्ट में भी इस मामले को उठाया गया है. इसमें कहा गया है कि अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में नई सरकार ने इमरान खान के खिलाफ ईशनिंदा कानूनों का हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया.
इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी विदेश विभाग की न्यूज ब्रीफिंग में भी इस मामले को उठाया गया. अमेरिका ने उन कानूनों का पुरजोर विरोध किया, जो किसी भी शख्स की आस्था, धर्म परिवर्तन के उसके विकल्पों को बाधित करते हैं.
रिपोर्ट में भारत का भी जिक्र
भारत को लेकर इस रिपोर्ट में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी को निशाने पर लिया गया है. इस रिपोर्ट में करीब 28 बार बीजेपी का उल्लेख किया गया है. इसके अलावा, विश्व हिंदू परिषद का 24 बार और बजरंग दल का 7 बार उल्लेख किया गया है. इस रिपोर्ट में देशभर के भाजपा नेताओं के बयानों के बारे में भी लिखा गया है. कथित भाषणों को भड़काऊ या विभाजनकारी बताया है.
नेताओं के बयान घृणित और विभाजनकारी
रिपोर्ट में लिखा- भाजपा नेता हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कथित तौर पर मुसलमानों को लेकर कहा कि आग लगा दी जानी चाहिए. वहीं, केरल के पूर्व विधायक पीसी जॉर्ज ने हिंदुओं और ईसाइयों से मुसलमानों द्वारा चलाए जा रहे रेस्टोरेंट में भोजन नहीं करने की अपील की. राजस्थान में पूर्व बीजेपी विधायक ज्ञान देव आहूजा ने गौहत्या के संदेह में मुसलमानों को मारने के लिए हिंदुओं को प्रोत्साहित किया.