
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को घाना की संसद को संबोधित किया. इस ऐतिहासिक मौके पर उन्होंने भारत और घाना के पुराने और मजबूत संबंधों पर जोर दिया. इस दौरान पीएम मोदी की मुलाकात उन घानाई सांसदों से हुई, जो विशेष रूप से भारतीय पारंपरिक पोशाक पहनकर उनका भाषण सुनने पहुंचे थे. दरअसल, एक सांसद शेरवानी पहनकर पार्लियामेंट पहुंचे तो एक महिला सांसद ने सूट पहना. भारतीय संस्कृति के प्रति इन सांसदों की आत्मीयता और सम्मान ने माहौल को भावनात्मक बना दिया.
अपने भाषण में पीएम मोदी ने लोकतंत्र, विकास और वैश्विक सहयोग जैसे मुद्दों पर बात की और भारत-घाना संबंधों को और प्रगाढ़ करने का संकल्प दोहराया. उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा, डिजिटल तकनीक और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने की बात भी कही.

पीएम मोदी ने कहा कि जब हम घाना की ओर देखते हैं, तो हमें एक ऐसा राष्ट्र दिखाई देता है जो साहस के साथ खड़ा रहता है. जो हर चुनौती का सामना गरिमा और सम्मान के साथ करता है. घाना की समावेशी प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता ने आपको पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए एक प्रेरणा का प्रकाश स्तंभ बना दिया है.
लोकतंत्र पर बोलते हुए पीएम मोदी ने भारत को लोकतंत्र की जननी बताया और कहा कि खुलापन और संवाद लोकतांत्रिक व्यवस्था की आत्मा है. उन्होंने कहा कि सच्चा लोकतंत्र चर्चा और बहस को बढ़ावा देता है, यह लोगों को जोड़ता है, सम्मान और मानवाधिकारों की रक्षा करता है. उन्होंने कहा कि हमारे लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं, एक संस्कार है.
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की विविधता को उसकी लोकतांत्रिक शक्ति बताया. उन्होंने कहा कि भारत में बीस से ज्यादा राजनीतिक दल विभिन्न राज्यों में सरकार चला रहे हैं, हमारे पास 22 आधिकारिक भाषाएं हैं और हजारों बोलियां बोली जाती हैं. यही वजह है कि भारत में आने वाले लोगों का हमेशा खुले दिल से स्वागत किया जाता है. उन्होंने कहा कि यही भावना भारतीयों को दुनिया में कहीं भी आसानी से घुलने-मिलने में मदद करती है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में 2500 से ज्यादा राजनीतिक पार्टियां हैं. यह सुनकर संसद में हलचल सी मच गई और सभी सांसदों के चेहरे पर मुस्कान फैल गई. प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्कराते हुए कहा कि मैं दोहराता हूं कि भारत में 2500 पार्टियां हैं.