घाना (Ghana) पश्चिम अफ्रीका में स्थित एक स्वतंत्र और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला देश है. यह अटलांटिक महासागर के तट पर बसा है और इसकी सीमाएं आइवरी कोस्ट, बुर्किना फासो और टोगो से लगती हैं. घाना की राजधानी अक्रा है (Ghana Capital), जो देश का सबसे बड़ा शहर और प्रमुख आर्थिक केंद्र भी है.
घाना अफ्रीका का पहला ऐसा उप-सहारा देश था जिसने 1957 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त की. स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता क्वामे एनक्रूमा को देश का प्रथम प्रधानमंत्री चुना गया. प्राचीन काल में यह क्षेत्र सुनहरा व्यापार मार्ग कहलाता था क्योंकि यहां सोने, हाथी दांत और दासों का व्यापार बड़े पैमाने पर होता था.
घाना में विविध भौगोलिक क्षेत्र पाए जाते हैं. दक्षिण में तटीय मैदान, मध्य में वर्षावन क्षेत्र और उत्तर में शुष्क सवाना. यहां की जलवायु उष्णकटिबंधीय है, जिसमें दक्षिणी भागों में अपेक्षाकृत अधिक वर्षा होती है.
घाना की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है, जहां कोको इसका प्रमुख निर्यात उत्पाद है. इसके अलावा देश में सोना, बॉक्साइट, और हाल ही में खोजा गया तेल भी आर्थिक गतिविधियों का हिस्सा है. पर्यटन भी धीरे-धीरे एक बड़ा उद्योग बनता जा रहा है.
घाना की संस्कृति रंगीन और विविधतापूर्ण है. यहां अनेक जनजातियां रहती हैं, जिनमें अकान, एव, गा और मोले-डगबानी प्रमुख हैं. पारंपरिक संगीत, नृत्य, वस्त्र और उत्सव यहां की सांस्कृतिक पहचान हैं. 'केन्टे' नामक रंगीन वस्त्र घाना की पारंपरिक पोशाक के रूप में प्रसिद्ध है.
अंग्रेजी यहां की आधिकारिक भाषा है, जबकि विभिन्न जनजातीय भाषाएं भी व्यापक रूप से बोली जाती हैं. शिक्षा प्रणाली में निरंतर सुधार हो रहा है, और सरकार प्राथमिक शिक्षा को निशुल्क और अनिवार्य बनाने की दिशा में प्रयासरत है.
घाना एक लोकतांत्रिक गणराज्य है. यह अफ्रीका के उन गिने-चुने देशों में से है जहां शांतिपूर्ण चुनाव होते हैं और सत्ता का हस्तांतरण लोकतांत्रिक रूप से होता है.
जापान अपने चार शहरों को अफ्रीकी लोगों का होमटाउन बनाने जा रहा है. यानी इन शहरों में चुने हुए अफ्रीकी देशों तंजानिया, नाइजीरिया, घाना और मोजाम्बिक के लोग बस सकेंगे. अब तक जापान अपनी बेहद, या यूं कहें कि सबसे सख्त प्रवासी नीतियों के लिए जाना जाता रहा. फिर क्या वजह है, जो वो गरीब मुल्कों से लोगों को बुला रहा है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घाना के राष्ट्रपति महामा ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑफिसर ऑफ दी ऑर्डर ऑफ दी स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित किया. उन्होंने कहा कि "लोकतंत्र हमारे लिए सिस्टम नहीं बल्कि संस्कार है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों के दौरे पर हैं. इस दौरे के दौरान उन्होंने घाना की संसद को संबोधित किया. घाना की संसद में दो सांसद भारतीय वेशभूषा में उपस्थित हुए. एक पुरुष सांसद ने कुर्ता-पजामा और सेहरा पहना था, जबकि एक महिला सांसद ने लहंगा-चोली धारण की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना की संसद को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी की मुलाकात उन घानाई सांसदों से हुई, जो विशेष रूप से भारतीय पारंपरिक पोशाक पहनकर उनका भाषण सुनने पहुंचे थे.
पीएम मोदी की ओर से घाना के राष्ट्रपति को बारीक बीदरी कलाकृति वाले फूलदान भेंट किए गए हैं. कर्नाटक के बीदर की यह उत्कृष्ट बिदरीवेयर फूलदानों की जोड़ी भारत की प्रसिद्ध धातु कला का अद्वितीय उदाहरण है, जो अपनी काली चमक और सुंदर चांदी की जड़ाई के लिए जानी जाती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाना के दौरे पर हैं, जो किसी भारतीय लीडर की 3 दशक में वहां पहली विजिट है. वैसे अफ्रीका के चुनिंदा हिस्सों को छोड़ दें तो इसके ज्यादातर देशों में ग्लोबल नेता कम ही आते-जाते हैं. अमेरिका ने तो हमेशा इसे एड-रिसीवर कहा. लेकिन क्या अफ्रीका वाकई असुरक्षित और नाउम्मीद करने वाला है, या जान-बूझकर उसकी नेगेटिव ब्रांडिंग हो रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना की संसद में एक ऐतिहासिक संबोधन दिया. इस संबोधन के दौरान सभी लोग खड़े होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन कर रहे थे. प्रधानमंत्री ने भारत और अफ्रीका के बीच की मित्रता का जिक्र किया.
प्रधानमंत्री ने घाना की संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि घाना लोकतंत्र, गरिमा और सतर्कता की भावना को दर्शाता है. प्रधानमंत्री ने 1.4 अरब भारतीयों की ओर से घाना के लोगों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि घाना को सोने की भूमि के रूप में जाना जाता है. प्रधानमंत्री ने डॉ. क्वामे अंक्रोमा को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके कथन को उद्धृत किया: "जो शक्तियाँ हमें एकजुट करती हैं, वे उन थोपे गए प्रभावों से आंतरिक और महान हैं जो हमें अलग रखते हैं."
अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज इस प्रतिष्ठित सदन को संबोधित करते हुए मुझे अत्यंत गौरव का अनुभव हो रहा है. घाना में होना सौभाग्य की बात है, यह एक ऐसी भूमि है जो लोकतंत्र की भावना से ओतप्रोत है. विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि के रूप में मैं अपने साथ 1.4 अरब भारतीयों की सद्भावना और शुभकामनाएं लेकर आया हूं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय घाना में मौजूद हैं. यह उनकी पांच देशों की आठ दिवसीय यात्रा का पहला पड़ाव है. घाना में प्रधानमंत्री मोदी ने एक स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कई महत्वपूर्ण करार भी हुए. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी को घाना के राष्ट्रीय अवार्ड 'दी ऑफिसर ऑफ़ दी ऑर्डर ऑफ़ दी स्टार ऑफ़ घाना' से सम्मानित किया गया.