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'पुतिन को लगा था समय उनके पक्ष में है, यूक्रेन ने उन्हें गलत साबित किया', बोले- जियो पॉलिटिकल एक्सपर्ट इयान ब्रेमर

इयान ब्रेमर ने इस बात पर जोर देते हुए कि रूस के पास शांति वार्ता के लिए अभी भी अवसर है. उन्होंने कहा कि रूस को यूक्रेन के हाथों भारी रणनीतिक हार का सामना करना पड़ा है, इसके बावजूद अमेरिका और भारत सहित प्रमुख विश्व शक्तियां चाहती हैं कि दोनों देशों के बीच वार्ता हो.

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अमेरिकी भू-राजनीतिक विशेषज्ञ इयान ब्रेमर. (AP Photo)
अमेरिकी भू-राजनीतिक विशेषज्ञ इयान ब्रेमर. (AP Photo)

अमेरिकी जियो-पॉलिटिकल एक्सपर्ट इयान ब्रेमर ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के साथ तीन साल पुराने युद्ध को और बढ़ाना चाहते हैं. इयान ब्रेमर के मुताबिक पुतिन को लगता है कि समय उनके पक्ष में है, लेकिन यूक्रेन ने रूसी एयरबेसों पर ड्रोन हमले करके उनको दिखा दिया है कि उनका अनुमान गलत था. यूक्रेनी सेना ने 2 जून को रूस के 5 एयरफील्ड पर ड्रोन हमले किए और उसके 41 बॉम्बर जेट्स को नष्ट कर दिया. स्पाइडर वेब नाम से मशहूर यह ऑपरेशन फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन का रूस पर सबसे विनाशकारी ड्रोन हमला था. 

इंडिया टुडे टीवी के साथ इंटरव्यू में इयान ब्रेमर ने कहा कि पुतिन कोई भी सार्थक कदम उठाने के लिए तैयार नहीं हैं, जिससे वह यूक्रेन के साथ शांति समझौते के लिए तैयार हो सकें. उन्होंने कहा, 'यदि पुतिन चीजों को स्पष्ट रूप से देखने के लिए तैयार हैं, तो यह उनके लिए अधिक गंभीरता से जुड़ने के लिए एक प्रोत्साहन होना चाहिए. लेकिन, रूस और यूक्रेन किसी शांति समझौते से बहुत दूर हैं. वे कैदियों की अदला-बदली के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन यह पहले भी किया जा चुका है और इसे अचानक युद्ध समाप्त होने के आशावाद का कारण नहीं बनना चाहिए.'

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डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन शांति वार्ता की प्रगति से हैं नाखुश

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उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिन्होंने यह दावा किया था कि वह राष्ट्रपति बनने के 24 घंटे अंदर यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध समाप्त करा देंगे, पुतिन द्वारा युद्ध विराम पर सहमत न होने के कारण उनसे काफी निराश हो चुके हैं. इयान ब्रेमर ने कहा, 'ट्रंप पिछले कुछ हफ्तों में रूसी हमलों को लेकर अधिक चिंतित थे. उन्होंने पुतिन के साथ इस बात पर काफी समय बिताया है कि कैसे अमेरिका के साथ तालमेल बनाया जा सकता है, जिससे अमेरिका कुछ रूसी प्रतिबंधों को हटा सकता है. कैसे दोनों देश आर्कटिक सर्कल में महत्वपूर्ण खनिजों का दोहन कर सकते हैं.' ब्रेमर ने जोर देकर कहा कि रूस-यूक्रेन शांति वार्ता की प्रगति से नाखुश ट्रंप ने कहा है कि अब वह दोनों देशों पर कम ध्यान देंगे और मध्य पूर्व की ओर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

यूक्रेन युद्ध में कूटनीतिक भागीदारी समाप्त कर सकते हैं ट्रंप

अमेरिकी जियो-पॉलिटिकल एक्सपर्ट इयान ब्रेमर के मुताबिक, 'ट्रंप इस बात से ऊब चुके हैं और थक चुके हैं कि पुतिन के साथ उनका संपर्क काम नहीं कर रहा है. उन्होंने मध्य पूर्व में कूटनीतिक और राजनीतिक प्रयास करने, ईरानियों के साथ संभावित सफल समझौते या गाजा में युद्ध समाप्त करके शांति स्थापित करने के बारे में बात करने में बहुत समय बिताया है.यदि पुतिन ने अमेरिका के प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी, तो इस बात की पूरी उम्मीद है कि ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध में अपनी कूटनीतिक भागीदारी समाप्त कर सकते हैं.'

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यह युद्ध रूस के इतिहास में सबसे खराब रणनीतिक निर्णय

ब्रेमर ने कहा, 'पुतिन को लगता है कि वह 3.5 साल से चल रहे इस युद्ध को जारी रख सकते हैं, जिसमें 10 लाख रूसी हताहत हुए हैं. उन्हें अपने नागरिकों के जीवन की कोई कीमत नहीं है और उन्होंने इस युद्ध को जारी रखने से घरेलू स्तर पर होने वाले गंभीर परिणामों को महसूस नहीं किया है. उन्हें लग रहा था कि अगर वह इस युद्ध को जारी रखते हैं तो समय उनके पक्ष में है. लेकिन यूक्रेनियों ने उन्हें यह दिखा दिया है कि शायद यह एक गलत अनुमान था, अन्यथा यदि रूस इस युद्ध को जारी रखता है तो रूस सैन्य महाशक्ति नहीं बन पाएगा. शायद यह पुतिन के अपने अस्तित्व के लिए खतरा होगा. पुतिन के आस-पास के लोग कह सकते हैं कि रूस के समकालीन इतिहास में सबसे खराब रणनीतिक निर्णय लेने के लिए वह खुद जिम्मेदार हैं.'

रूस को यूक्रेन के हाथों रणनीतिक हार का सामना करना पड़ा

इयान ब्रेमर ने इस बात पर जोर देते हुए कि रूस के पास शांति वार्ता के लिए अभी भी अवसर है. उन्होंने कहा कि रूस को यूक्रेन के हाथों भारी रणनीतिक हार का सामना करना पड़ा है, इसके बावजूद अमेरिका और भारत सहित प्रमुख विश्व शक्तियां चाहती हैं कि दोनों देशों के बीच वार्ता हो. उन्होंने कहा कि रूस को वार्ता की मेज पर लाने के लिए अमेरिका का अपने यूरोपीय सहयोगियों के साथ मजबूती से जुड़ना बुद्धिमानी होगी. उन्होंने एक उदाहरण दिया जब ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली रक्षा और खुफिया सहायता को निलंबित कर दिया था, जिसके कारण कीव को बिना किसी पूर्व शर्त के- जैसे खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करना- युद्ध विराम स्वीकार करने के लिए मजबूर होना पड़ा. ब्रेमर ने कहा कि यह शांति की दिशा में एक सकारात्मक कदम था.

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