उत्तरी अफगानिस्तान में गुरुवार को कुछ ही मिनटों में हुए दो बम धमाकों में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए. अब तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. तालिबान द्वारा नियुक्त पुलिस प्रमुख के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. प्रवक्ता मोहम्मद आसिफ वजीरी ने बताया कि बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ में दो अलग-अलग धमाके हुए.
स्थानीय निवासियों ने सुरक्षा के डर से नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बम धमाके का लक्ष्य शिया अल्पसंख्यक हजारा जातीय समूह के सदस्य थे. अफगानिस्तान में घातक बम विस्फोटों की श्रृंखला में यह नया हमला है. पिछले हफ्ते, एक मस्जिद और एक धार्मिक भवन स्कूल में बम फटने से 33 शिया उपासक मारे गए थे. इस्लामिक स्टेट समूह के क्षेत्रीय सहयोगी अफगानिस्तान के नए तालिबान शासकों के एक शीर्ष संगठन ने बमबारी की जिम्मेदारी ली थी.
मजार-ए-शरीफ में हाल ही में हुए थे धमाके
गौरतलब है कि अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में ये कोई पहला हमला नहीं है. पिछले दिनों भी वहां की एक मस्जिद में जोरदार धमाका हुआ. जिसमें कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई और 65 लोग घायल हो गए. इस धमाके की आतंकी संगठन आईएसआईएस ने जिम्मेदारी ली थी. इसके अलावा मजरा-ए-शरीफ के बाद कुंदुज प्रांत के सरदारवर इलाके में भी विस्फोट हुआ था. विस्फोट में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 18 घायल हो गए हैं. इस हमले के दो दिन पहले भी काबुल के पास 19 अप्रैल को एक स्कूल में तीन धमाके हुए थे. इसमें छह लोगों की मौत हो गई थी. वहीं दर्जन भर घायल हुए थे.
अफगानिस्तान में तालिबानी राज कायम होने के बाद वहां के हालात बेहद ख़राब हैं. खाने-पीने की चीजों सहित अफगानिस्तान में रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी लोगों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. और धमाके तो वहां आम हो गए हैं.
अफगानिस्तान में पहले भी हुए ब्लास्ट पर एक नजर
15 नवंबर 2021 को कंधार प्रांत की एक मस्जिद में धमाका हुआ था. इसमें 32 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 40 लोग घायल हो गए थे.
14 नवंबर 2021 को काबुल के शिया बहुल इलाके में धमाका हुआ था. इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 7 लोग घायल हो गए थे.
8 मई 2021 को काबुल में बड़ा बम ब्लास्ट हुआ था. ये ब्लास्ट एक स्कूल के पास किया गया था. घटना में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. 100 से ज्यादा घायल हो गए थे.
ये भी पढ़ें