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'अब शांति का समय, संभल जाओ वरना फिर होगा हमला', ईरान पर अटैक के बाद ट्रंप की वार्निंग

अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट्स- फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान को हवाई हमलों में तबाह कर दिया है. हमले के बाद ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें (ईरान) तुरंत शांति स्थापित करनी चाहिए. उन्हें तुरंत रुक जाना चाहिए, नहीं तो उन्हें फिर से झटका लगेगा.

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डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

ईरान-इजरायल वॉर में अमेरिका की एंट्री हो गई है. अमेरिका ने फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाते हुए हवाई हमले किए हैं. अमेरिकी सेना ने इन ठिकानों पर पूरी तैयारी के साथ  बम गिराए हैं. वहीं, अमेरिकी हमले के बाद ईरानी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. ईरानी सरकारी टीवी कमेंटेटर ने कहा कि इस क्षेत्र में मौजूद हर अमेरिकी नागरिक या सैनिक अब ईरान के टारगेट पर होगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि ये हमला बेहद सफल रहा है. हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों- फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान पर बहुत सफल हमला पूरा कर लिया है.

उन्होंने बताया कि सभी लड़ाकू विमान अब सुरक्षित रूप से ईरान हवाई क्षेत्र से बाहर आ गए हैं और अपने बेस की ओर लौट रहे हैं. 

ट्रंप ने कहा कि नतांज और इस्फ़हान के मुकाबले फोर्डो पर ज्यादा बम गिराए गए हैं. हमारे महान योद्धाओं को बधाई! दुनिया की कोई भी अन्य सेना ऐसा नहीं कर सकती थी, क्योंकि ऐसी क्षमता दुनिया की किसी और सेना में नहीं है. अब शांति का समय है! इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद. एक अन्य पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि फोर्डो तो गया.

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ट्रंप का संबोधन

वहीं, हमले के बाद ट्रंप ने ऐलान किया कि वह आज रात 10:00 बजे  (EST)(भारतीय समयानुसार सुबह 7:30 बजे, 23 जून 2025) व्हाइट हाउस से राष्ट्र को संबोधित करेंगे. माना जा रहा है कि वह इस हमले के पीछे के उद्देश्यों और भविष्य की रणनीति पर प्रकाश डालेंगे.

'उन्हें तुरंत रुक जाना चाहिए'

इसके अलावा ट्रंप ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को फोन पर दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्हें (ईरान) तुरंत शांति स्थापित करनी चाहिए. उन्हें तुरंत रुक जाना चाहिए, नहीं तो उन्हें फिर से झटका लगेगा.

ट्रंप के इस बयान से साफ है कि अगर ईरान बातचीत की मेज पर नहीं आता तो वह फिर से ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर हमला करेगा.

सूत्रों के अनुसार, ट्रंप का मानना है कि ये हमला ईरान को परमाणु हथियारों के विकास से रोकने और उसे बातचीत की मेज पर लाने के लिए जरूरी था.

हमले में बी-2 बमवर्षकों को इस्तेमाल

रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में अमेरिका ने अपने अत्याधुनिक बी-2 स्टील्थ बमवर्षकों का इस्तेमाल किया जो 30,000 पाउंड वजनी "बंकर बस्टर" बम (जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर) ले जाने में सक्षम हैं. ये बम विशेष रूप से गहरे भूमिगत ठिकानों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जैसे कि फोर्डो जो एक पहाड़ के नीचे 80-90 मीटर की गहराई में स्थित है.

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अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि यह हमला इज़रायल-ईरान संघर्ष के नौवें दिन किया गया जो 13 जून 2025 को इज़रायल द्वारा ईरानी सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले शुरू होने के बाद तेजी से बढ़ा. इज़रायल का दावा है कि उसका अभियान ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए है. ट्रंप ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह इज़रायल के हमलों में अमेरिकी भागीदारी पर विचार करेंगे और दो हफ्ते के अंदर फैसला लेंगे, जिसने इस हमले को आश्चर्यजनक बना दिया.

ईरान ने दी कड़ी प्रतिक्रिया 

ईरानी अधिकारियों ने अभी तक हमले के प्रभाव पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी बलों ने फोर्डो और नतांज पर स्थानीय समयानुसार सुबह 2:30 बजे बमबारी की. ईरानी सरकारी टीवी कमेंटेटर ने कहा कि इस क्षेत्र में मौजूद हर अमेरिकी नागरिक या सैनिक अब ईरान के टारगेट पर होगा.

वहीं, इंटरनेशनल न्यूक्लियर एनर्जी एजेंसी (IAEA) के चीफ राफेल ग्रॉसी ने पहले कहा था कि इज़रायली हमलों से फोर्डो को कोई नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन अमेरिकी हमले का प्रभाव अभी स्पष्ट नहीं है.

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