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कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने क्यों कहा, भारत सरकार गलत

जून 2023 में कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में पांच किलोमीटर लंबी परेड निकाली गई थी. परेड में इंदिरा गांधी की हत्या से जुड़ी एक झांकी भी दिखाई गई थी. भारत सरकार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वोट बैंक की राजनीति के चलते कनाडा खालिस्तानियों का समर्थन करता है. वहीं, अब कनाडा के प्रधानमंत्री ने इस पर प्रतिक्रिया दी है.

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (फोटो-रॉयटर्स)
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (फोटो-रॉयटर्स)

पिछले महीने जून में ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं बरसी के मौके पर कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों ने एक परेड निकाली थी. इसमें इंदिरा गाधी की हत्या को दर्शाती एक झांकी भी दिखाई गई थी. भारत सरकार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि वोट बैंक की राजनीति के चलते कनाडा खालिस्तानियों का समर्थन करता है. यह भारत और कनाडा के रिश्तों के लिए ठीक नहीं है. 

वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो (भारत सरकार) गलत हैं. कनाडा ने हमेशा हिंसा और धमकियों को बेहद गंभीरता से लिया है. हमने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की है. 

कनाडा के प्रधानमंत्री से जब यह पूछा गया, "कनाडा में इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाती झांकी और भारतीय को मारने का आह्वान (Kill India) करने वाले पोस्टर लगाए जाते हैं. भारत सरकार का कहना है कि वोट बैंक की राजनीति के कारण आप सिख चरमपंथी पर नरम रुख अपनाते हैं. आप कैसे कहेंगे कि वो (भारत सरकार) गलत हैं?

इसका जवाब देते हुए जस्टिन ट्रूडो ने कहा, "वो (भारत सरकार) गलत हैं. कनाडा ने हमेशा हिंसा और धमकी को बेहद गंभीरता से लिया है. हमारा देश विवधताओं का देश है. यहां का संविधान अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित करता है. लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम सभी तरह के हिंसा और उग्रवाद को नियंत्रित कर सकें."

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क्या है पूरा मामला?

कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में 4 जून को खालिस्तान समर्थकों ने एक परेड निकाली थी. यह परेड 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39 वीं बरसी से पहले निकाली गई थी. परेड की एक झांकी में इंदिरा गांधी की हत्या को दिखाया गया था. झांकी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को खून से सनी सफेद साड़ी में हाथ ऊपर किए दिखाया गया था.

झांकी के वीडियो में पगड़ी पहने कुछ आदमियों को इंदिरा गांधी पर बंदूक ताने हुए दिखाया गया था. झांकी में दिखाए गए इस सीन के पीछे एक पोस्टर लगा हुआ था जिस पर लिखा हुआ था- 'बदला'. ज्ञात हो कि इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर 1984 को उनके दो सिख बॉडीगार्ड्स ने कर दी थी. 

वहीं, तीन दिन पहले सिख फॉर जस्टिस के बैनर तले कनाडा में कुछ पोस्टर लगाए गए थे. इन पोस्टर्स पर 'Kill India' लिखा गया था. इतना ही नहीं, इन पोस्टर्स में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और टोरंटो में भारत के महावाणिज्य दूत अपूर्वा श्रीवास्तव पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का भी आरोप लगाया गया था. खालिस्तानी टाइगर फोर्स प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के एक गुरुद्वारे की पार्किंग में हत्या कर दी गई थी.

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भारत सरकार ने ट्रूडो के बयान की निंदा की

भारत सरकार ने कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के बयान की निंदा की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हमने इस मुद्दे को कनाडा सरकार के सामने उठाया है. भारत को लेकर पीएम ट्रूडो की ओर से की गई टिप्पणियों से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट देखी है. यह मुद्दा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का नहीं है. बल्कि, यह मुद्दा हिंसा की वकालत करने, अलगाववाद का प्रचार करने और आतंकवाद को सही ठहराने के लिए इसके दुरुपयोग का है.  

खालिस्तानी चरमपंथी करवाता रहा है जनमत संग्रह 

भारत विरोध खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) कनाडा में समय-समय पर जनमत संग्रह कराता रहता है. भारत के कड़े विरोध के बावजूद सितंबर 2022 में कनाडा के आंटारियों में भारत विरोधी जनमत संग्रह कराया गया था. भारत सरकार ने इस जनमत संग्रह को आपत्तिजनक और पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित करार दिया था.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कनाडा सरकार को अगाह करते हुए कहा था कि इससे सभी वाकिफ हैं कि इस तरह के चरमपंथी तत्वों ने इतिहास में किस तरह से हिंसा की है. भारत सरकार ने कनाडा को चेतावनी देते हुए कहा था कि पन्नू जैसे सिख चरमपंथी को खुला छोड़कर ट्रूडो सरकार आग से खेल रही है.
 

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