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देश छोड़कर भाग गया शरीफ उस्मान हादी का हत्यारा? बांग्लादेश पुलिस ने बताई सच्चाई

बांग्लादेश पुलिस ने कहा है कि शरीफ उस्मान हादी की हत्या के मुख्य आरोपी के ठिकाने को लेकर अभी कोई ठोस जानकारी नहीं है. पुलिस के अनुसार, संदिग्ध शूटर फैसल करीम मसूद की तलाश जारी है और उसके देश छोड़ने की पुष्टि नहीं हुई है.

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बांग्लादेश पुलिस ने कहा कि हादी की हत्या करने वाले की तलाश अभी जारी है. (Photo: PTI)
बांग्लादेश पुलिस ने कहा कि हादी की हत्या करने वाले की तलाश अभी जारी है. (Photo: PTI)

बांग्लादेश पुलिस ने रविवार को कहा कि शरीफ उस्मान हादी की हत्या के मुख्य संदिग्ध के ठिकाने के बारे में अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है. यह बयान हादी की इंकलाब मंच पार्टी द्वारा शनिवार को अंतरिम सरकार को दिए गए 24 घंटे के अल्टीमेटम के एक दिन बाद आया है, जिसमें उसकी हत्या के जिम्मेदार लोगों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की गई थी.

गृह मंत्रालय में एक आपातकालीन प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पुलिस के अतिरिक्त महानिरीक्षक (IGP) खोंडाकर रफीकुल इस्लाम ने कहा कि एजेंसियां बंदूकधारी के रूप में पहचाने गए फैसल करीम मसूद को ढूंढने के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत हैं. हमें फैसल के ठिकाने के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. हमारी फोर्सेस और खुफिया एजेंसियां इस बारे में काम कर रही हैं.

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उन्होंने कहा कि संदिग्ध फैसल करीम मसूद के देश से फरार होने के बारे में कोई विश्वसनीय जानकारी नहीं है. आईजीपी ने यह भी कहा कि हत्या से किसी राजनीतिक दल के जुड़े होने का अभी तक कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है. डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) के प्रमुख शफीकुल इस्लाम ने कहा कि प्रथम दृष्टया शरीफ उस्मान हादी की हत्या राजनीतिक रूप से प्रेरित लगती है, क्योंकि कोई व्यक्तिगत मकसद नजर नहीं आ रहा है. हालांकि हम सभी एंगल से इस मामले की जांच कर रहे हैं.

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शरीफ उस्मान हादी शेख हसीना की सरकार का पतन करने वाले छात्र-आंदोलन का प्रमुख नेता था और अपने भारत विरोधी रुख के लिए जाना जाता था. वह 12 फरवरी को बांग्लादेश में होने वाले आम चुनावों के लिए इंकलाब मंच पार्टी से उम्मीदवार था. उसे 12 दिसंबर को मध्य ढाका के बिजॉयनगर इलाके में चुनाव अभियान के दौरान नकाबपोश बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी. सिंगापुर में इलाज के दौरान 18 दिसंबर को हादी की मृत्यु हो गई.

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हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़क गई. हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना  बनाया गया. चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर पत्थरबाजी हुई. हादी को शनिवार को ढाका विश्वविद्यालय मस्जिद के पास बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के बगल में कड़ी सुरक्षा के बीच दफनाया गया.

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