बांग्लादेश में बीएनपी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री ख़ालिदा ज़िया के बेटे तारिक रहमान 25 दिसंबर को लंदन से वापस आ रहे हैं. वह सफल लोकतांत्रिक चुनावों में अपनी पार्टी का नेतृत्व करने और सक्रिय भूमिका निभाने के लिए स्वदेश आ रहे हैं. साल 2007 में गिरफ्तारी और फिर लंदन में राजनीतिक शरण लेने के बाद वह पहली बार वापस लौट रहे हैं.
तारिक रहमान की सुरक्षा के लिए सरकार उन्हें वीवीआईपी दर्जा और स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (SSF) का घेरा प्रदान करेगी. पूरे बांग्लादेश से पार्टी कार्यकर्ताओं को उनके स्वागत के लिए ढाका बुलाया गया है.
मुख्य सलाहकार डॉ. यूनुस ने सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करके उनकी वापसी की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की है.
लंदन से स्वदेश वापसी का सफर
शेख हसीना की सरकार ने साल 2007 में तारिक रहमान को गिरफ्तार किया था. करीब डेढ़ साल बाद जब उन्हें जमानत मिली, जिसके बाद वह इलाज कराने के लिए लंदन चले गए और वहीं रहने लगे. साल 2016 में जब खालिदा जिया को सजा सुनाई गई थी, तब लंदन में रहते हुए ही तारिक रहमान को बीएनपी का कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया था. अब करीब 18 साल बाद वह अपनी राजनीतिक जमीन पर वापसी कर रहे हैं. उनकी भूमिका आगामी चुनावों को सफल बनाने के लिए पार्टी की नजर में बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
यह भी पढ़ें: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार, सवालों में यूनुस सरकार
नया वोटर आईडी और सुरक्षा अलर्ट
तारिक रहमान की वापसी के साथ ही प्रशासनिक औपचारिकताएं भी शुरू हो गई हैं. आगामी 27 दिसंबर को उन्हें उनका नया वोटर आईडी कार्ड सौंपा जाएगा. उनकी वापसी के दौरान जुटने वाली भारी भीड़ को देखते हुए अमेरिका समेत कई दूतावासों ने अपने नागरिकों को सचेत रहने की सलाह दी है. बीएनपी के एग्जीक्यूटिव कमेटी मेंबर के मुताबिक, देश में एक सफल चुनाव के लिए तारिक रहमान का यहां होना जरूरी है. सुरक्षा को लेकर डॉ. यूनुस ने खुद कमान संभालते हुए सुरक्षा ऑपरेटरों के साथ विस्तृत चर्चा की है.
यह भी पढ़ें: बांग्लादेश की घटना पर क्या बोले केसी त्यागी?
खालिदा जिया की तबीयत और नामांकन
तारिक रहमान की मां और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया लंबे वक्त से अस्पताल में हैं और उनकी सेहत काफी खराब बनी हुई है. इसके बावजूद, वह आगामी चुनाव में चार सीटों से अपना नामांकन भरेंगी. नामांकन पत्र लेने की आखिरी तारीख 29 दिसंबर है, लेकिन पार्टी नेताओं ने उनकी ओर से पहले ही नामांकन फॉर्म ले लिए हैं. तारिक रहमान की वापसी से पार्टी को उम्मीद है कि वे चुनाव में मजबूती से उतर सकेंगे. बीएनपी कार्यकर्ताओं में अपने नेता की वापसी को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है.
यह भी पढ़ें: बांग्लादेश में हिन्दुओं पर लगातार हिंसा और दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग