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फायरिंग प्रैक्टिस, गोला-बारूद की खरीदारी... डोनाल्ड ट्रंप पर गोली चलाने के लिए हमलावर ने 48 घंटे तक की तैयारी

अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में रविवार को एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे कि तभी तड़ातड़ गोलियां चलने लगीं. एक गोली ट्रंप के दाहिने कान के ऊपरी हिस्से को छूकर निकली. ट्रंप के कान से खून छलछला उठा, तभी सिक्योरिटी गार्ड्स आए और उन्होंने ट्रंप को चारों तरफ से घेरकर घटनास्थल से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. वहीं सीक्रेट सर्विस के ने हमलावर को मौके पर मार गिराया. 

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थॉमस मैथ्यू क्रूक्स ने 48 घंटे तक ट्रंप पर हमले की तैयारी की
थॉमस मैथ्यू क्रूक्स ने 48 घंटे तक ट्रंप पर हमले की तैयारी की

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर बीते रविवार को पेंसिल्वेनिया में चुनावी सभा के दौरान जानलेवा हमला किया गया था. इस हमले में ट्रंप बाल-बाल बच गए थे. 20 वर्षीय हमलावर को कुछ ही सेकंड बाद मार गिराया गया था. उसकी पहचान थॉमस मैथ्यू क्रूक्स के रूप में हुई है. इस बीच घटना को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. 

दरअसल, वरिष्ठ कानून प्रवर्तन अधिकारियों का हवाला देते हुए CNN ने बताया कि 20 वर्षीय थॉमस मैथ्यू क्रूक्स ने 48 घंटे तक हमले की तैयारी की. उसने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश करने से कुछ घंटे पहले ने 50 राउंड बुलेट और एक सीढ़ी खरीदी थी. शुक्रवार को पेंसिलवेनिया के बटलर में ट्रंप की रैली से एक दिन पहले हमलावर अपने गृहनगर बेथेल पार्क में एक शूटिंग रेंज में गया था. उसने रेंज में फायरिंग का अभ्यास किया, जहां वह एक सदस्य के रूप में सूचीबद्ध भी है.

दुकान से खरीदा गोला-बारूद

रिपोर्ट के मुताबिक अगली सुबह वह पांच फ़ीट की सीढ़ी खरीदने के लिए होम डिपो गया, और फिर बुलेट खरीदने के लिए एक स्थानीय बंदूक की दुकान पर गया. जांचकर्ताओं ने कहा कि शूटिंग में इस्तेमाल की गई राइफल को क्रूक्स के पिता ने 2013 में कानूनी तौर पर खरीदा था. बाद में शाम को क्रूक्स ने अपनी कार को लगभग एक घंटे उत्तर में बटलर तक पहुंचाया, जहां वह ट्रंप की रैली में हज़ारों लोगों के साथ शामिल हुआ. उसने कार को कार्यक्रम के बाहर पार्क किया और ट्रंक में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस छिपाकर रखा, जिसे उसके पास मौजूद एक ट्रांसमीटर से जोड़ा गया था.

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खरीदी हुई सीढ़ी से बिल्डिंग पर चढ़ा था हमलावर

उसने खरीदी गई सीढ़ी का इस्तेमाल पास की एक बिल्डिंग पर चढ़ने के लिए किया और फिर ट्रंप और उपस्थित लोगों पर गोलियां चला दीं. गोली चलने के कुछ ही पल बाद उसे सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर्स ने मार गिराया. FBI जांच कर रही है कि क्या क्रूक्स किसी हिंसक चरमपंथी विचारधारा से प्रेरित था या उसके साथ कोई सह-षड्यंत्रकारी था. अब तक, उनका कहना है कि ऐसा लगता है कि उसने अकेले ही काम किया.

जानकारी के मुताबिक क्रूक्स का जीवन सामान्य प्रतीत होता था. उसने मई में एलेघेनी काउंटी के सामुदायिक कॉलेज से इंजीनियरिंग विज्ञान में एसोसिएट डिग्री के साथ स्नातक किया और आने वाले दिनों में रॉबर्ट मॉरिस यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने वाला था. उसने स्थानीय नर्सिंग और पुनर्वास केंद्र में आहार सहायक के रूप में भी काम किया था. 

क्रूक्स के सहपाठियों ने कही ये बात

क्रूक्स के बारे में उसके हाई स्कूल के सहपाठियों के विचार मिलेजुले मिले. कुछ ने कहा कि वह मिलनसार था, जबकि अन्य ने उसे एक अकेला शख्स बताया जिसे स्कूल में तंग किया जाता था. क्रूक्स के फोन से कुछ खास जानकारी नहीं मिल सकी है और जांचकर्ता अब उसके लैपटॉप पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ताकि उसके मकसद के बारे में सुराग मिल सके. 

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ट्रंप पर कैसे हुआ था हमला?

अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में रविवार को एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे कि तभी तड़ातड़ गोलियां चलने लगीं. एक गोली ट्रंप के दाहिने कान के ऊपरी हिस्से को छूकर निकली. ट्रंप के कान से खून छलछला उठा, तभी सिक्योरिटी गार्ड्स आए और उन्होंने ट्रंप को चारों तरफ से घेरकर घटनास्थल से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. वहीं सीक्रेट सर्विस के ने हमलावर को मौके पर मार गिराया. 

ट्रंप के बाल-बाल बचने के बाद कहा जा रहा है कि टेलीप्रॉम्प्टर का इस्तेमाल न करने का फैसला उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ. दरअसल, ट्रंप अपनी रैली के दौरान टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन आज पहली बार उन्होंने कहा कि वह इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे. उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि मैं आज टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल नहीं करूंगा और आपसे सीधा संवाद करूंगा. तभी फायरिंग हुई और गोली उनके कान को छूकर निकल गई. 

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