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अमेरिकी शख्स को दी गई फांसी, 2002 में ओक्लाहोमा में की थी भारतीय समेत 2 लोगों की हत्या

अमेरिका में एक भारतीय सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या करने वाले दोषी व्यक्ति को गुरुवार को मौत की सजा दे दी. दोषी माइकल डेवेन स्मिथ ने 22 फरवरी, 2002 को अलग-अलग घटनाओं में एक भारतीय शरत पुलुरु और 40 वर्षीय जेनेंट मूर की हत्या कर दी थी.

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सांकेतिक फोटो.
सांकेतिक फोटो.

अमेरिकी राज्य ओक्लाहोमा में साल 2002 में एक भारतीय सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या करने वाले दोषी को गुरुवार को मौत की सजा दे दी. टेलीविजन स्टेशन KOCO-TV की रिपोर्ट के अनुसार, माइकल डेवेन स्मिथ को मैक्लेस्टर टाउन में ओक्लाहोमा स्टेट पेनिटिआरी में घातक इंजेक्शन द्वारा मार दिया गया था.

माइकल डेवेन स्मिथ ने 22 फरवरी, 2002 को अलग-अलग घटनाओं में 24 वर्षीय भारतीय स्टोर क्लर्क शरत पुलुरु और 40 वर्षीय जेनेंट मूर की हत्या के मामले में मौत की सजा काट रहे थे.

ओक्लाहोमा के अटॉर्नी जनरल जेंटनर ड्रमंड ने स्मिथ की फांसी पर एक बयान जारी कर कहा, मैं प्रार्थना करता हूं कि आज जेनेट मिलर-मूर और शरत पुलुरु के परिवारों के लिए कुछ हद तक शांति लाए. उनके परिजनों के लिए 22 सालों तक न्याय का लंबा इंतजार करना पड़ा और मेरा दिल उनके द्वारा सहन की गई पीड़ा को लेकर दर्ज में है.

उन्होंने आगे कहा कि मैं चाहता हूं ओक्लाहोमा के लोगों को पता चले कि माइकल स्मिथ ने जिन दो लोगों की हत्या की वो काफी सभ्य और अच्छे लोग थे. उन्हें अपनी किस्मत का साथ नहीं मिला. शरत प्रतिभावान युवा थे जो पढ़ने के लिए अमेरिका आए थे. वो अपने परिवार में काफी लोगों के लिए प्रेरणा था.

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उन्होंने कहा कि दोनों की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि वो गलत वक्त पर  गलत जगह पर थे. मैं आभारी हूं कि उन्हें न्याय मिला. 

'शरत के भाई ने माफी देने से किया इनकार'

वहीं, पिछले महीने टीवी चैनल ने शरत के भाई हरीश पुलुरु के एक बयान का हवाला देते हुए बताया शरत के भाई ने स्मिथ को माफी देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मैंने उस दर्द को देखा जो मेरे माता-पिता हर दिन झेलते थे. शरत एक प्यारे बेटे, भाई और चाचा थे. वह हमारे परिवार की जान थे. हिंसक तरीके से उनकी अचानक मौत ने हमारे परिवार को तोड़ दिया. हम उनकी हत्या के बाद हर दिन मर रहे हैं. हम स्मिथ को माफ नहीं कर सकते.

उन्होंने ये भी कहा कि शरथ एक अद्भुत व्यक्ति थे, वह हमारे परिवार में संयुक्त राज्य अमेरिका आने वाले पहले व्यक्ति थे. उन्हीं के कारण मैं डॉक्टर बना. जब वह पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका आए थे तो मैं भारत में एक फोन बूथ पर उनके कॉल का इंतजार करता था और हमारी हर बातचीत को संजोकर रखता था.

अपनी फांसी से पहले स्मिथ ने एक बयान ने कहा कि नए सबूतों के बावजूद मेरा जीवन दांव पर लगा हुआ है. मेरे अधिवक्ता मार्क हेनरी केन ने मेरे परिवार को बताया कि वह मेरी ओर से कोई अपील दायर नहीं करेंगे. मैं अपना बयान जारी कर रहा हूं कि मिस्टर हेनरिक्सन अपना काम करें और मेरे जिंदगी के लिए लड़ें.

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