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जी-20 बैठक में यूक्रेन युद्ध का साया! रूस पर अमेरिका ने लगाया ये बड़ा आरोप

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे को लेकर एक बार जी-20 की बैठक प्रभावित हुई है. ब्लिंकेन ने कहा कि जी-20 को आह्वान करना चाहिए कि रूस यूक्रेन में अपने युद्ध को समाप्त करे.

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अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Photo- Reuters)
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Photo- Reuters)

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने गुरुवार को कहा कि जी-20 की बैठक एक बार फिर से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मुद्दे को लेकर प्रभावित हुई है. ब्लिंकन ने सदस्य देशों से कहा कि उन्हें बार-बार रूस से आह्वान करना चाहिए वो यूक्रेन से अपनी सेना को वापस बुलाए. भारत की मेजबानी में नई दिल्ली में गुरुवार को आयोजित विदेश मंत्रियों की बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ-साथ रूसी राष्ट्रपति सर्गेई लावरोव ने भी हिस्सा लिया. बैठक में यूक्रेन पर हमले को लेकर सदस्य देशों के बीच काफी तनावपूर्ण माहौल देखने को मिला. इसी कारण मेजबान भारत बैठक के बाद कोई साझा बयान जारी करने में भी विफल रहा.

अमेरिका विदेश मंत्री ने जी-20 के विदेश मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा, 'दुर्भाग्य से, यह बैठक फिर से यूक्रेन के खिलाफ रूस के अकारण और अनुचित युद्ध, नागरिकों को निशाना बनाकर किए जा रहे विनाशकारी अभियान और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धांतों पर इसके हमले से प्रभावित हुई है.'

ब्लिंकेन ने कहा कि जी-20 को बार-बार आह्वान करना चाहिए कि रूस नवंबर में बाली में अधिकांश जी-20 देशों की सहमति से अपनाए गए साझा बयान को मानते हुए यूक्रेन में अपने युद्ध को समाप्त करे.

उन्होंने कहा, 'यूक्रेन के लिए समर्थन जुटाने के साथ-साथ हमारा ध्यान वैश्विक चुनौतियों पर भी केंद्रित है. यही दुनिया की जरूरत है और लोग हमसे यही अपेक्षा रखते हैं.'

ब्लिंकन के इस बयान को जर्मनी, फ्रांस और नीदरलैंड के उनके समकक्षों का समर्थन हासिल था.

रूस के सर्गेई लावरोव को संबोधित करते हुए जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने बैठक में कहा, 'दुर्भाग्य से, जी-20 का एक सदस्य अन्य सभी 19 सदस्यों को उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने से रोकता है, जिसके लिए जी-20 बनाया गया था.'

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यूक्रेन के निर्यात फायदे के लिए ब्लिंकन ने उठाई आवाज

ब्लिंकन ने सदस्य देशों से कहा कि रूस यूक्रेन के Black Sea Grain Initiative (BSGI) के रिन्यू नहीं कर रहा है. BSGI कॉन्ट्रैक्ट की अवधि 18 मार्च को खत्म हो रही है. इसके बाद यूक्रेन अपने उत्पादों को ब्लैक सी के माध्यम से निर्यात नहीं कर पाएगा.

ब्लिंकन ने इसका जिक्र करते हुए कहा, 'दुनिया के सबसे कमजोर लोगों के खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए BSGI को रिन्यू करने को लेकर जी-20 को बोलना जरूरी है.'

मेजबान भारत के न चाहते हुए भी बैठक में यूक्रेन मुद्दा हावी

मेजबान भारत नहीं चाहता कि जी-20 की बैठकों में यूक्रेन का मुद्दा हावी रहे. भारत यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने से भी बचता रहा है. पीएम मोदी ने कई मौकों पर कहा है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए.

कई रिपोर्ट्स में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा गया कि भारत जी-20 की बैठकों में रूस के युद्ध को युद्ध के बजाए चुनौती या संकट जैसे शब्दों पर आम सहमति बनाने की कोशिश में था. लेकिन सदस्य देशों ने इस पर आपत्ति जताई है.

भारत चाहता था कि विकास के मुद्दों पर बात करने के लिए बने इस संगठन में रूस पर प्रतिबंधों को लेकर भी किसी तरह की चर्चा न हो. भारत चाहता था कि खाद्य, ऊर्जा, उर्वरक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बात हो लेकिन उसकी कोशिशों के बावजूद भी यूक्रेन मुद्दा बैठकों में हावी रहा है.

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इससे पहले बेंगलुरु में हुई वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक भी यूक्रेन मुद्दे पर तनाव के कारण बिना कोई साझा बयान जारी किए ही खत्म हो गई थी. 

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