वॉशिंगटन में व्हाइट हाउस के पास नेशनल गार्ड्स के दो जवानों पर गोली चलाने वाले अफगान नागरिक रहमानुल्लाह लाकनवाल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. CIA के निदेशक ने पुष्टि की है कि लाकनवाल ने कई साल तक सीआईए की सबसे खुफिया लड़ाकू इकाइयों में से एक में काम किया था.
CIA से लाकनवाल का कनेक्शन
29 साल का लाकनवाल कभी ‘जीरो यूनिट्स’ का हिस्सा था. जीरो यूनिट्स सीआईए समर्थित वे लड़ाकू इकाइयां थीं जो तालिबान के खिलाफ अभियान चलाती थीं. 2021 में अमेरिका की वापसी के आखिरी दिनों में ये यूनिट्स काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा कर रही थीं.
लाकनवाल उसी साल अमेरिका आ गया था, जब बाइडेन प्रशासन की ‘ऑपरेशन एलाइज वेलकम’ योजना के तहत हजारों अफगानों को अमेरिका में बसाया गया था. यह योजना उन अफगानों के लिए थी, जिन्होंने अमेरिकी सेना या राजनयिक मिशन के साथ काम किया था.
लाकनवाल को अमेरिका क्यों लेकर आई सेना?
सीआईए निदेशक जॉन रैट्क्लिफ ने बयान में कहा कि सितंबर 2021 में लाकनवाल को अमेरिका लाने का आधार यह था कि उसने कंधार में एक सहयोगी बल के सदस्य के रूप में अमेरिकी सरकार, विशेष रूप से सीआईए के साथ काम किया था. यह भूमिका काबुल से अव्यवस्थित निकासी के तुरंत बाद समाप्त हो गई थी.
'स्पोर्टी और जॉली' मिजाज का व्यक्ति
अफगानिस्तान में उसके दो पूर्व कमांडरों और रिश्तेदारों ने बताया कि लाकनवाल ने अपने करियर की शुरुआत कंधार में एक गार्ड के रूप में की थी. बाद में वह टीम लीडर बना और यूनिट के लिए जीपीएस ट्रैकिंग का काम संभालता था. उन्होंने उसे एक 'स्पोर्टी और जॉली' व्यक्ति बताया. तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद उसकी पूरी टीम को अमेरिका भेज दिया गया था.